झोपड़ी में लगी आग ने ली मासूम बच्ची की जान

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घटना से दहले ग्रामीण उठे व्यवस्था पर सवाल ?

~ काज़ी अमजद अली


मुज़फ्फरनगर, (Shah Times) गरीब की किस्मत को शायद सरकार के अच्छे दिन भी नही बदलने वाले हैं। अमावस की रात में रोशनी के सपनो को कभी साकार ही नही होना है। न आवास न प्रकाश की कोई सुविधा अंधेरे ने गरीब की जिंदगी को अंधेरे का ऐसा घाव दे डाला कि ज़िन्दगी भर नही भरने वाला रात्रि में झोपड़ी में सो रहे गरीब खाना बदोश बंगाली समाज के परिवार पर उस समय कहर टूट पड़ा, जब वह अपनी झोपड़ी में सो रहे थे। झोंपड़ी में लगी आग में एक मासूम बालिका सहित  एक बकरी की दर्दनाक मौत हो गयी। जबकि बच्ची की माँ भी आग में झुलस गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। ग्रामीणों ने प्रशासन से  पीड़ित परिवार की आर्थिक सहायता की मांग की है।

मुज़फ्फरनगर जिला मुख्यालय से 33 किमी दूर भोपा थाना क्षेत्र के गाँव  सीकरी के मजरे योगेन्द्रनगर में शनिवार की रात जुनेश की पत्नी कुशबा अपनी सात वर्षीय पुत्री विद्या के साथ झोपड़ी में सो रही थी।की आधी रात को झोपड़ी में आग लग गयी आग  लगने से चीख पुकार मच गई। चीख पुकार सुनकर ग्रामीण वहां दौड़े तथा आग बुझाने का प्रयास किया। ग्रामीणों ने किसी प्रकार कुशबा को तो आग से बाहर निकाल लिया लेकिन उसकी पुत्री विद्या आग में बुरी तरह झुलस गई, जिससे उसने मौके पर ही दम तोड़ दिया। आग ने बराबर में ही दूसरी झोपड़ी को भी चपेट में ले लिया। झोपड़ी में बंधी हुई बकरी भी जलकर मर गयी। बच्ची की मौत से परिवार में कोहराम मच गया। बच्ची की मौत से पिता जुनेश, माँ कुशबा, भाई अभी व बहन शिल्पा का रो रोकर बुरा हाल है। 

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मौके पर पहुंचे क्षेत्राधिकारी भोपा राम आशीष यादव, प्रभारी निरीक्षक भोपा, सुशील कुमार सैनी, एसएसआई सत्य नारायण दहिया ने घटना की जानकारी की तथा बच्ची के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मौके पर पहुंचे  फायर सर्विस स्टेशन जानसठ के प्रभारी सोनू, एलएफएम मनोज कुमार शर्मा व फायरमैन तरुण की टीम ने आग पर काबू पाया। रविवार को लेखपाल सुरेशचंद ने पीड़ित परिवार से घटना की जानकारी की। ग्रामीणों ने गरीब परिवार को आर्थिक मदद करने की गुहार प्रशासन से लगाई है।

 


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