30 मिनट से ज्यादा एयरफोन का इस्तेमाल बढ़ा सकता है कान की दिक्कत

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विश्व श्रवण दिवस (World Hearing Day) पर नाक कान गला रोग विभाग द्वारा जनजागरण किया गया।

कान को सुरक्षित रखना है तो कम करना होगा ब्लूटूथ, एयर फोन का इस्तेमाल- डॉ कपिल

 मेरठ । (Shah Times)  विश्व श्रवण दिवस पर मेडिकल कॉलेज मैं नाक कान गला रोग विभाग द्वारा एक जन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें आए मरीजों ने मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ डॉक्टरों का वक्तव्य सुना और नाक कान गले में वाली बीमारियों के बारे में जानकारी हासिल की.
नाक कान गला रोग विभाग के कार्यवाहक विभागाध्यक्ष डॉ कपिल कुमार सिंह ने कहा कि अपने कान को सुरक्षित रखने के लिए ईयर फोन, ब्लूटूथ, मोबाइल फोन को कान में लगाके लगातार कई घंटों तक बात नहीं करनी चाहिये। यदि आवश्यक हो तो अधिक से अधिक 30 मिनट तक प्रयोग करने के बाद कम से कम 15 मिनट का गैप लें जिससे कान सुरक्षित रहेंगे। कान को कभी भी किसी नुकीली वस्तु से खुजाना नही चाहिए  यह आपके कान के पर्दे को नुकसान पहुंचा सकती है। कान में किसी भी तरह की कोई समस्या हो तो नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर सम्पर्क करना चाहिए।

बाल रोग विभाग की डॉ अनुपमा वर्मा ने बताया कि बच्चों में जन्मजात कान की कुछ बीमारियां होती है अगर वह होती हैं तो बच्चा देर से बोलना शुरू करता है यदि यह लक्षण बच्चे में दिखें तो तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करना चाहिए।

 

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सामुदायिक चिकित्सा विभाग की डॉ नीलम गौतम ने कहा कि बहरे पन की बीमारी के कई कारण हो सकते हैं। कुछ बहरापन स्थायी होता है तो कुछ अस्थायी होता है। पटाखे बजाना, आतिशबाजी, डी जे, लाऊड स्पीकर, तेज आवाज में गाना बजाने से अपने कान को बचाये। जो व्यक्ति ऐसी जगह काम करते हैं जहाँ मशीनों के चलने की आवाज का बहुत शोर होता है तो ऐसी जगह काम करने वाले लोग कान में ईयर प्लग लगाएं। 


प्रमुख अधीक्षक डॉ श्याम सुंदर लाल ने कहा कि वृद्धा वस्था में कान से कम सुनाई देना तो स्वाभाविक है परंतु इस समय उपलब्ध कान में लगाने वाली डिवाइस, गैजेट्स के लगातार प्रयोग करने के कारण बहरापन युवाओं में भी बड़ी संख्या में देखा जा रहा है जो कि चिंता का विषय है।

 


अंत में मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ आर सी गुप्ता ने कहा कि कुछ सामाजिक कुरीतियां हैं जैसे नवजात बच्चों या छोटे बच्चों के कान में तेल डालने की प्रथा है यह गलत है कान में तेल नही डालना चाहिए यदि कान में कोई दर्द या परेशानी हो तो चिकित्सक के सम्पर्क कर इलाज लेना चाहिए। यह सभी जानकारी मेडिकल कॉलेज के मीडिया प्रभारी वी डी पांडे ने दी. मेडिकल कॉलेज आए हुए मरीजों ने सभी बातों का फायदा उठाया और जन जागरूकता कार्यक्रम में अपनी भागीदारी दिखाई।

 

 

इस अवसर पर डॉ श्रवण कुमार, डॉ दिनेश वर्मा, डॉ वैभव साही, डॉ संभु सिंह, डॉ प्रमोद, ऑडियोलॉजिस्ट प्रवीण शुक्ला, नर्सिंग स्टाफ, कर्मचारीगण, मरीज एवम उनके तीमारदार, नाक कान गला रोग के स्नातकोत्तर छात्र छात्रायें आदि उपस्थित रहे।

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