
Supreme Court hearing on the Waqf Act with CJI Sanjiv Khanna on bench
सुप्रीम कोर्ट में वक्फ एक्ट पर दायर याचिकाओं की सुनवाई जारी। केंद्र से कुछ धाराओं में स्पष्टीकरण की मांग की गई। पढ़ें पूरी अपडेट और CJI की टिप्पणियां।
वक्फ एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई, केंद्र से मांगा स्पष्टीकरण
नई दिल्ली (Shah Times)।वक्फ एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई से यह साफ है कि मामला केवल कानून की व्याख्या का नहीं, बल्कि संवैधानिक अधिकारों और धार्मिक स्वतंत्रता का भी है। केंद्र सरकार को अब इस मामले में स्पष्ट स्पष्टीकरण देना होगा, जिससे कोर्ट अंतिम निर्णय पर पहुँच सके।
सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को वक्फ एक्ट के खिलाफ दायर 73 याचिकाओं पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र सरकार से कुछ धाराओं को लेकर स्पष्टीकरण मांगा, लेकिन कोई अंतिम आदेश जारी नहीं किया गया। अगली सुनवाई गुरुवार दोपहर 2 बजे होगी।
CJI: “आर्टिकल 26 सभी धर्मों पर लागू होता है”
CJI संजीव खन्ना ने सुनवाई के दौरान कहा कि संसद ने जैसे हिंदुओं के लिए कानून बनाया है, वैसे ही मुस्लिम समुदाय के लिए भी कानून बनाया है। अनुच्छेद 26 पूरी तरह से धर्मनिरपेक्ष है और यह सभी धर्मों के धार्मिक मामलों पर समान रूप से लागू होता है।
याचिकाकर्ताओं की दलीलें: “संविधान के मूल ढांचे पर हमला”
कई याचिकाकर्ताओं ने वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 को असंवैधानिक बताया। उनका तर्क है कि यह अधिनियम मुस्लिम समुदाय के धार्मिक अधिकारों और उत्तराधिकार कानूनों में सरकारी हस्तक्षेप करता है। सीनियर वकील कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने कानून को संविधान के मूल ढांचे के विरुद्ध बताया।
केंद्र सरकार का पक्ष: “विधायी प्रक्रिया का पालन किया गया”
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट में JPC की रिपोर्ट पेश करते हुए कहा कि यह कानून व्यापक विचार-विमर्श के बाद बनाया गया है। JPC ने 98.2 लाख ज्ञापन और क्षेत्रीय दौरे के आधार पर सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकने के लिए संशोधन आवश्यक था।
कोर्ट की टिप्पणियां और सवाल
- CJI ने पूछा: “क्या आप कह रहे हैं कि यूजर द्वारा घोषित वक्फ अब अमान्य होगा?”
- उन्होंने कहा, “सरकार पुराने ट्रस्टों को अचानक वक्फ घोषित नहीं कर सकती।”
- CJI ने केंद्र से पूछा, “अगर कोई संपत्ति 200 साल पहले वक्फ घोषित हुई थी, तो उसके प्रमाण कैसे देंगे?”
CJI का अंतरिम दृष्टिकोण
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि कोर्ट एक ऐसा अंतरिम आदेश देगा जो ‘इक्विटी’ को संतुलित करेगा। उन्होंने संकेत दिया कि:
- न्यायालय द्वारा घोषित वक्फ संपत्तियां डिनोटिफाई नहीं होंगी।
- कलेक्टर द्वारा जांच की जा सकती है, लेकिन इसका प्रभाव कानून के फैसले तक सीमित रहेगा।
- वक्फ बोर्ड में पदेन सदस्यों को धर्म के आधार पर भेदभाव किए बिना नियुक्त किया जा सकता है।
अगली सुनवाई पर नजर
सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार दोपहर 2 बजे इस मामले की सुनवाई फिर से होगी। सभी पक्षों को सीमित समय में अपनी दलीलें देने का निर्देश दिया गया है। कोर्ट स्पष्ट कर चुका है कि वह सभी को नहीं सुनेगा, बल्कि प्रतिनिधित्व आधारित सुनवाई करेगा।