आठ महीने बाद हमास की कैद से छूटने के बाद नोआ अर्गमानी ने सुनाई आपबीती

हमास की कैद से छुड़ाई गई 25 साल की नोआ अर्गमानी ने सोशल मीडिया के जरिए अपना दर्द साझा किया।

Tel Aviv,(Shah Times) । 8 महीनों बाद हमास की कैद से छुड़ाई गई 25 साल की नोआ अर्गमानी ने सोशल मीडिया के जरिए अपना दर्द साझा किया। नोआ ने बताया कि जब वह कैद में थी तो उसे हमेशा अपने मां-बाप के बारे में चिंता रहती थी। टाइम्स ऑफ इजराइल के मुताबिक, नोआ ने शनिवार को एक वीडियो जारी कर अपनी आपबीती सुनाई।

नोआ ने कहा कि ‘मैं अब वापस घर आ गई हूं, लेकिन मुझे अभी भी उन लोगों की चिंता है, जो हमास की कैद में हैं। हम उनको भूल नहीं सकते हैं, हमें उन्हें वापस लाने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए। नोआ ने बताया कि हमास की कैद के दौरान उसे हमेशा अपनी लाइलाज बीमारी से पीड़ित मां की चिंता रहती थी। वह अपने माता-पिता की इकलौती बेटी है। उनकी मां को लास्ट स्टेज का कैंसर है। आपको बता दें कि इजराइली सेना नोआ को 8 जून को हमास की कैद से छुड़ाया था।

इजराइल ने 8 जून को हमास की कैद से 4 बंधकों को छुड़ाया था। इजराइल ने दावा किया था कि उसकी सेना ने गाजा के नुसीरत रिफ्यूजी कैंप में फायरिंग के बीच इस स्पेशल ऑपरेशन को अंजाम दिया था।


इजराइलियों को छुड़ाने के लिए चलाए गए इस ऑपरेशन में कम से कम 274 फिलिस्तीनियों की मौत हुई थी। इसके अलावा 400 से अधिक लोग घायल हुए थे। हालांकि इजराइली PM बेंजामिन नेतन्याहू ने 116 लोगों के मारे जाने की बात कही थी। इजराइल की डिफेंस फोर्सेस ने बताया था कि ऑपरेशन में उनका एक सैनिक भी मारा गया था।

अमेरिकी मीडिया मुताबिक इस ऑपरेशन में अमेरिका की हॉस्टेज यूनिट ने इजराइल की मदद की थी। छुड़ाए गए बंधकों में 25 साल की नोआ अर्गमानी नाम की वो लड़की भी है, जिसे हमास लड़ाके जबरन मोटरसाइकिल पर उठा ले गए थे। 7 अक्टूबर को इजराइल पर हुए हमले के बाद नोआ का वीडियो काफी वायरल हुआ था।

दरअसल नोआ अग्रमानी की 61 साल की मां लियोरा अर्गमानी इस समय कैंसर जैसी घातक बीमारी से जूझ रही है। उन्होंने इस साल की शुरुआत में दुनिया भर के नेताओं से अपनी बेटी को हमास की कैद से छुड़ाने की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि उनकी एक ही इच्छा है कि मरने से पहले उनकी बेटी सही सलामत वापस आ जाए।

आपको बता दे कि 7 अक्टूबर के हमले में 1200 इजराइली नागरिक मारे गए थे। इस दौरान 234 इजराइली और विदेशी नागरिकों को भी बंधक बना लिया गया था। नवंबर 2023 में एक हफ्ते का सीजफायर हुआ था। इसमें 100 बंधक रिहा किए गए थे। इसके बाद सीजफायर की तमाम कोशिशें की गई लेकिन कामयाबी नहीं मिल सकी। हमास का दावा है कि इजराइली मिलिट्री ऑपरेशन में अब तक करीब 36 हजार फिलिस्तीनी नागरिक मारे जा चुके हैं।

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