
The Election Commission is working on linking the voter list with the Aadhaar card database. Information of 66 crore voters has been collected
चुनाव आयोग मतदाता सूची को आधार कार्ड डेटाबेस से जोड़ने का काम कर रहा है। 66 करोड़ मतदाताओं की जानकारी जुटाई गई है, जिसे अब जोड़ने की कोशिश की जाएगी। कानून मंत्रालय फॉर्म 6बी में बदलाव करेगा ताकि मतदाताओं को आधार नंबर देने का विकल्प मिल सके।
नई दिल्ली (शाह टाइम्स) चुनाव आयोग आधार कार्ड डेटाबेस को मतदाता सूची से जोड़ने जा रहा है. चुनाव आयोग और यूआईडीएआई मिलकर काम करेंगे। हाल ही में चुनाव आयोग, गृह मंत्रालय, कानून मंत्रालय, आईटी और यूआईडीएआई के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच एक उच्च स्तरीय बैठक हुई। इस बैठक में मतदाता सूची को आधार से जोड़ने पर बात हुई थी। अगर आपके आधार कार्ड से वोटर आईडी लिंक हो जाएगा तो क्या बदलाव होंगे? चलो समझते हैं। 66 करोड़ मतदाताओं के डेटाबेस को आधार से जोड़ा जाएगा, अभी तक चुनाव आयोग ने 66 करोड़ से ज्यादा मतदाताओं से आधार की जानकारी ली है।
66 करोड़ मतदाताओं नहीं जोड़ा गया डेटाबेस
इन मतदाताओं ने अपनी मर्जी से यह जानकारी दी। लेकिन अभी तक 66 करोड़ मतदाताओं का डेटाबेस नहीं जोड़ा गया है। इसका मतलब यह है कि आधार का इस्तेमाल कर वोटर लिस्ट से डुप्लीकेट नाम नहीं हटाए गए हैं। अब चुनाव आयोग और यूआईडीएआई से पता चलेगा कि दोनों डेटाबेस को कैसे जोड़ा जाए। कम से कम उन मतदाताओं के लिए जिन्होंने चुनाव आयोग को अपनी मर्जी से अवगत कराया है, आधार को वोटर आईडी से कैसे जोड़ा जाएगा
कही गई वोटर लिस्ट से हटाने की बात
चुनाव आयोग ने अभी तक स्पष्ट रूप से यह नहीं बताया है कि वोटर आईडी और आधार को कैसे जोड़ा जाएगा। लेकिन यह कहा गया कि जनप्रतिनिधि अधिनियम, 1950 की धारा 23(4), 23(5) और 23(6) की धारा 23(4), 23(5) और 23(6) के अनुसार यह काम किया जाएगा। अधिनियम? जनप्रतिनिधि अधिनियम, 1950 की धारा 23 (4), 23 (5) और 23 (6) मतदाता की पहचान के लिए आधार मांगते हुए, मौजूदा मतदाता अपनी मर्जी से आधार नंबर जमा करते हैं और आधार के बारे में जानकारी नहीं देते हैं। मतदाता सूची। इसमें शामिल होना बंद करने या वोटर लिस्ट से हटाने की बात कही गई है। कानून मंत्रालय फॉर्म 6बी में बदलाव करेगा
क्या होगा बदलाव
इसके अलावा यह भी तय किया गया कि फॉर्म 6बी में बदलाव किए जाएंगे। यह फॉर्म मतदाताओं से आधार नंबर लेने के लिए बनाया गया था। कानून मंत्रालय अधिसूचना जारी कर इसे बदल देगा। इससे यह स्पष्ट हो जाएगा कि आधार की जानकारी देना स्वैच्छिक है या नहीं। फिलहाल फॉर्म 6बी में मतदाताओं के पास आधार की जानकारी नहीं देने का विकल्प नहीं है। उसके पास केवल दो विकल्प हैं- या तो आधार नंबर दीजिए या घोषित कर दीजिए कि “मैं अपना आधार नहीं दे पा रहा हूं क्योंकि मेरे पास आधार नंबर नहीं है।” अब इसे बदल दिया जाएगा ताकि मतदाता के पास आधार की जानकारी न देने का विकल्प हो।
कब होगा यह परिवर्तन
लेकिन मतदाता को यह बताना होगा कि वह अपनी 12 अंकों की पहचान संख्या क्यों नहीं दे रहा है। यह परिवर्तन कब होगा? यह बदलाव जल्द ही होने की उम्मीद है। यह बदलाव बिहार में अगले विधानसभा चुनाव से पहले हो सकता है। चुनाव आयोग ने सितंबर 2023 में सुप्रीम कोर्ट में एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा था कि वह वोटर आईडी से जुड़े नियमों में बदलाव करने पर विचार कर रहा है।