(shah times):कैंसर बीमारी का नाम आते ही हर कोई परेशान हो जाता है। इस लाइलाज बीमारी से बहुत से लोग अपनी जान गवा चुके हैं, और अब यह तेजी से बढ़ रहा है। इस बीच खबर आ रही है कि अगर सब कुछ सही रहा तो अब वह दिन दूर नहीं होगा जब इस भयानक बीमारी पर डॉक्टर्स अपनी सफलता हासिल कर लेंगे। जी हां रूस के बाद अब अमेरिका भी इसकी वैक्सीन बनाने में जुटा है?
अगर सबकुछ सही रहा तो वह दिन दूर नहीं जब 48 घंटे के अंदर कैंसर की पहचान से लेकर वैक्सीनेशन तक बड़ी ही आसानी से हो जाएगा, वो भी सिर्फ 48 घंटे में। ओरेकल के CEO लैरी एलिसन ने बुधवार, 22 जनवरी को बड़ा दावा किया है कि AI की मदद से कैंसर का पता लगाना और उसकी कस्टम वैक्सीन बनाना आसान हो जाएगा। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि अभी इसके लिए इंतजार करना होगा।
मिली जानकारी के अनुसार अगर लैरी एलिसन कैंसर की वैक्सीन बना लेते हैं तो अमेरिका ऐसा करने वाला दुनियां का दूसरा देश बन जाएगा। इससे पहले रूस वैक्सीन बनाने का दावा कर चुका है। इस साल 2025 से रूस देश में मुफ्त वैक्सीन लगाने की शुरुआत भी हो जाएगी।
बता दें कि दुनिया की बहुत से देश कैंसर का इलाज ढूंढने में लगे हुए हैं, लेकिन उन्हें अभी तक सफलता नहीं मिली। कैंसर के इलाज में अमेरिका काफी समय से काम कर रहा है। पिछले साल मई 2024 में फ्लोरिडा यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने कैंसर के चार मरीजों पर पर्सनलाइज्ड वैक्सीन का टेस्ट भी किया गया था। वैज्ञानिकों ने दावा थाकि वैक्सीन लगने के दो दिनों बाद मरीजों में मजबूत इम्यूनिटी पैदा हुई। रूस के बाद अगर अमेरिका में कैंसर वैक्सीन बनती है तो इसका फायदा पूरी दुनिया को होगा।
बहुत खतरनाक है कैंसर?
कैंसर बेहद खतरनाक और जानलेवा बीमारी हैं। हर साल लाखों लोगों की मौत कैंसर की वजह से हो रही है। WHO के अनुसार, कैंसर दुनिया में मौत की दूसरी सबसे बड़ी वजह है। दुनियाभर में होने वाली हर 6 मौत में एक का कारण कैंसर है।
क्या है भारत में कैंसर का आंकड़ा?
भारत में भी वर्तमान समय में कैंसर तेजी से बढ़ रहा हैं। हर साल इसका खतरा बढ़ रहा है। 2025 तक देश में कैंसर के मरीजों की संख्या 15 लाख से ज्यादा होने की आशंका है। सरकारी आंकड़ें बताते हैं कि 2019 से लेकर 2023 तक देश में कैंसर के 71 लाख से ज्यादा मामले आए। अकेले 2023 में ही करीब 15 लाख केस आए थे। कुल केस में से करीब 40 लाख लोगों की मौत हो गई है। सबसे ज्यादा मौतें भी साल 2023 में हुईं, जो 8.28 लाख थी।