
Now caller's name will appear on mobile calls. DoT has initiated CNAP system testing to curb spam and fraud effectively
अब मोबाइल कॉल पर दिखेगा कॉल करने वाले का नाम। दूरसंचार विभाग ने CNAP सिस्टम की टेस्टिंग शुरू की है, जिससे स्पैम और धोखाधड़ी पर लगेगी रोक।
मुंबई (शाह टाइम्स) मोबाइल यूज़र्स के लिए बड़ी राहत की खबर है। अब आपको यह अनुमान लगाने की जरूरत नहीं होगी कि कौन कॉल कर रहा है। जल्द ही मोबाइल स्क्रीन पर कॉल करने वाले का नाम भी दिखाई देगा। यह सुविधा कॉलर नेम प्रेजेंटेशन (CNAP) सिस्टम के ज़रिए उपलब्ध कराई जाएगी, जिसकी टेस्टिंग अब अंतिम चरण में है।
क्या है CNAP सिस्टम?
CNAP यानी Caller Name Presentation एक ऐसी तकनीक है, जो किसी भी इनकमिंग कॉल के दौरान स्क्रीन पर कॉलर का नाम दिखाती है। इसका उद्देश्य न सिर्फ सुविधा देना है, बल्कि साइबर धोखाधड़ी और स्पैम कॉल्स को भी रोकना है।
कहां और कैसे हो रही है टेस्टिंग?
दूरसंचार विभाग (DoT) ने सभी टेलीकॉम कंपनियों को इस तकनीक की टेस्टिंग तेज़ी से पूरी करने के निर्देश दिए हैं।
फिलहाल हरियाणा और महाराष्ट्र में इसका ट्रायल चल रहा है।
रिलायंस जियो और भारती एयरटेल ने अपनी टेस्टिंग पहले ही पूरी कर ली है।
वोडाफोन आइडिया (Vi) इस सप्ताह अंबाला में एयरटेल और जियो के साथ संयुक्त परीक्षण शुरू करेगा।
सभी ऑपरेटरों को 18 अप्रैल तक टेस्टिंग रिपोर्ट जमा करनी है।
किन यूजर्स को पहले मिलेगा फायदा?
शुरुआत में 4G और 5G यूजर्स को इस सुविधा का लाभ मिलेगा।
2G यूजर्स को थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा क्योंकि उनकी तकनीक में यह सुविधा लाने के लिए बड़े निवेश और डेवलपमेंट की जरूरत है।
कौन-कौन सी कंपनियां हैं शामिल?
एयरटेल और वीआई ने इस तकनीक को लागू करने के लिए नोकिया के साथ साझेदारी की है।
नोकिया का IP मल्टीमीडिया सबसिस्टम (IMS) आधारभूत तकनीक है जो CNAP, स्पैम डिटेक्शन और इंटरनेशनल कॉल फिल्टरिंग जैसे फीचर्स को संभव बनाती है।
दूसरी ओर, रिलायंस जियो ने खुद की CNAP तकनीक तैयार की है। जियो का फायदा यह है कि उसका पूरा ग्राहक आधार 4G और 5G पर है, जिससे इसका रोलआउट और आसान हो जाएगा।
क्या होगा फायदा?
स्पैम और फ्रॉड कॉल्स से बचाव
यूजर्स को पारदर्शिता और सुरक्षा
बेहतर कॉलिंग अनुभव
कुछ महीनों में देशभर में यह सुविधा होगी लागू
यदि सब कुछ योजना के अनुसार रहा, तो आने वाले कुछ महीनों में देशभर में यह सुविधा लागू हो जाएगी। इससे न केवल कॉलिंग अनुभव बेहतर होगा, बल्कि साइबर धोखाधड़ी पर भी लगाम लगेगी।