नवरात्रों में मां दुर्गा को लगाइए इन स्पेशल चीजों का भोग

नवरात्रों में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा-अर्चना के साथ भोग का भी बहुत महत्व है। देवी के हर स्वरूप को अलग-अलग भोग अर्पित किए जाते हैं। जैसे किसी देवी को मालपुआ, किसी को दूध से बनी चीजें और किसी को नारियल से बनी चीजों का भोग लगाया जाता है। तो चलिए, जानते हैं कि मां शैलपुत्री से लेकर मां सिद्धिदात्री तक किस देवी को किस चीज का भोग लगाया जाता है।

3 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रों की शुरुआत हो चुकी है। 9 दिन तक चलने वाले इस पर्व में मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। कई भक्त नवरात्रि के अवसर पर नौ दिनों तक व्रत रखते हैं और मां दुर्गा के सभी स्वरूपों को अलग अलग भोग अर्पित करते हैं। अगर आपने भी इस नवरात्रि के अवसर पर व्रत रखा है और मां दुर्गा का भोग अपने हाथों से बनाने वाले हैं तो हम आपके लिए लेकर आए हैं, माता के सबसे पसंदीदा पकवानों की रेसिपी। ये रेसिपी इतनी आसान है कि इन्हें कोई भी घर पर आसानी से बना सकता है।

नवरात्रों में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा-अर्चना के साथ भोग का भी बहुत महत्व है। देवी के हर स्वरूप को अलग-अलग भोग अर्पित किए जाते हैं। जैसे किसी देवी को मालपुआ, किसी को दूध से बनी चीजें और किसी को नारियल से बनी चीजों का भोग लगाया जाता है। तो चलिए, जानते हैं कि मां शैलपुत्री से लेकर मां सिद्धिदात्री तक किस देवी को किस चीज का भोग लगाया जाता है।

पहला दिन

नवरात्रि की शुरूआत माता के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा-अर्चना से होती है। इस दिन मां शैलपुत्री को कद्दू की बर्फी, हलवा और मिष्ठान का भोग लगाया जाता है।

दूसरा दिन

दूसरे दिन माता के दूसरे स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। इस दिन शक्कर से बने पंचामृत, फल, दही और मेवे का भोग लगाया जाता है।

तीसरा दिन

नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा-अर्चना की जाती है। मां चंद्रघंटा को दूध, खीर और पंचामृत से बनी चीजों का भोग लगाया जाता है।

चौथे दिन

चौथे दिन मां के चौथे स्वरूप कूष्मांडा की पूजा की जाती है। इस दिन माता को मालपुआ के प्रसाद का भोग लगाया जाता है।

पांचवा दिन

नवरात्रि के पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है। उन्हें पीले फल या पीली मिठाइयों का भोग लगाया जाता है।

छठा दिन

छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा के लिए शहद और मूंग दाल के हलवे का भोग लगाया जाता है।

सातवां दिन

सातवें दिन मां कालरात्रि को गुड़ और गुड़ से बनी चीजों का भोग लगाया जाता है।

आठवां दिन

मां के अष्टम स्वरूप महागौरी को नारियल या नारियल की बर्फी का भोग लगाया जाता है।

नौवा दिन

मां दुर्गा के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री को फल, चना, पूड़ी, खीर और हलवे का भोग लगाया जाता है।

नवरात्रि के व्रत के समय आप घर पर शकरकंद की खीर बना सकते हैं। इससे न सिर्फ आप माता को भोग लगा सकते हैं, बल्कि व्रत के दौरान इसे खा भी सकते हैं। जिन लोगों को व्रत के दौरान मीठा खाने की क्रेविंग होती है, उनके लिए यह एक अच्छा ऑप्शन है। यह पौष्टिक होने के साथ पाचन तंत्र को भी दुरुस्त रखने में मददगार होता है।

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