HomeOpinionयूं ही नहीं है भाजपा का मुस्लिम प्रेम

यूं ही नहीं है भाजपा का मुस्लिम प्रेम

Published on

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा (BJP ) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में मुसलमानों (Muslims) से जुड़ने का संदेश दिया था। उन्होंने कहा कि कोई वोट दे या न दे, हमें समाज के हर वर्ग को पार्टी से जोड़ना होगा। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से पसमांदा, बोहरा, पेशेवर और शिक्षित मुसलमानों तक पहुंचने को कहा। मंहगाई, बेरोजगारी, गिरती अर्थव्यवस्था, किसानों के असंतोष से घटी प्रतिष्ठा को बचाने और विपक्ष को कमजोर करने के लिए भाजपा ने अपनी नीति बदली है। तीसरी बार सत्ता पाने के लिए भाजपा की नजर विपक्ष के मजबूत मुस्लिम वोट बैंक पर है। मुसलमानों का समर्थन प्राप्त करने के लिए कई स्तर पर काम शुरू किया गया है। बीजेपी ने मुस्लिम बहुल इलाकों में मोदी मित्र बनाने का अभियान शुरू किया है। इसके साथ ही सूफी संवाद और पसमांदा मुसलमानों की सभाऐं करने की योजना बनाई गई है। सूफी संवाद के लिए सूफी वाद से जुड़े 150 लोगों की टीम बनाई गई है। तथाकथित धर्मगुरुओं और बुद्धिजीवियों की मदद ली जा रही है। इस मकसद को हासिल करने के लिए बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चे के अलावा मुस्लिम राष्ट्रीय मंच और एमजे खान के अंपार जैसे संगठन भी काम कर रहे हैं। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच मुसलमानों के बीच आरएसएस की मंशा को पूरा करने की कोशिश कर रहा है। जिसमें विश्वास को कमजोर करना और घर वापसी या हिंदू धर्म अपनाने का मार्ग प्रशस्त करना भी शामिल है।

पिछले महीने बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी यूपी अध्यक्ष कुंवर बासित अली के साथ उत्तर प्रदेश के दौरे पर थे। उन्होंने मुरादाबाद में मुसलमानों से मुलाकात कर उन्हें नरेंद्र मोदी के विचारों से अवगत कराया और कहा कि सरकारी योजनाओं से अल्पसंख्यक समुदाय को भी बराबर का लाभ मिल रहा है। मोदी जी चाहते हैं कि मुसलमान उन पर भरोसा करें। इसलिए मन की बात के सौ एपिसोड उर्दू में छापने और उसकी एक लाख प्रतियां देशभर के मुसलमानों में बांटने का फैसला लिया है। ताकि मुस्लिम समुदाय सरकार की योजनाओं से परिचित हो सके। उन्होंने कहा कि योगी और मोदी का संदेश है कि उनके काम को देखें और उन पर विश्वास करें। अब लोग समझ रहे हैं कि कौन उनका दोस्त है और कौन दुश्मन। बड़ी संख्या में विभिन्न वर्गों के लोग उनका समर्थन करना चाहते हैं, उन्हें दुआएं दे रहे हैं। हमने इस काम में गैर-राजनीतिक लोगों को भी शामिल करने के लिए मोदी मित्र कार्यक्रम रखा है। हम देख रहे हैं कि प्रधानमंत्री के साथ बड़े-बड़े लोग मिलकर काम कर रहे हैं। इस अवसर पर जमाल सिद्दीकी के साथ भाजपा नेताओं ने पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित शिल्पकार दिलशाद हुसैन के घर जाकर उनसे मुलाकात की, उनके कौशल की प्रशंसा की और कहा कि भाजपा सरकार गरीबों और कारीगरों की हमदर्द है.

Dainik Shah Times E-Paper 9 May 23

भाजपा हर विधानसभा क्षेत्र में 5 से 10 हजार मोदी मित्र बनाना चाहती है। इसके लिए 65 मुस्लिम बहुल जिलों के सभी विधानसभा क्षेत्रों में पहुंचने की योजना बनाई है। भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा दिल्ली के प्रभारी आतिफ रशीद ने कहा कि गांव गांव घर घर अभियान के तहत देश भर के मुसलमानों को जोड़ने के लिए संपर्क साधने की शुरूआत हो चुकी है। इसके तहत हर स्तर के मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है। मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय से जो भी जीतने वाला उम्मीदवार यूपी में टिकट मांगेगा, हम उसे बीजेपी का टिकट दिलवाने की कोशिश करेंगे। बीजेपी ने पहली बार यूपी के स्थानीय निकाय चुनाव में 350 मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। नगर निगम परिषद, नगर पालिका, नगर पंचायत में अध्यक्ष के अलावा सभासद के प्रत्याशी भी शामिल हैं। बीजेपी ने यूपी में 2024 के लिए भाजपा मिशन 80 का टारगेट रखा है। इसे हासिल करने के लिए मुसलमानों, विषेश रूप से पसमांदा मुसलमानों का समर्थन जरूरी है। इसलिए स्थानीय निकाय चुनाव में भाजपा ने दिल खोलकर मुसलमानों को टिकट दिया है।

वर्ष 2019 में बीजेपी ने यूपी की 23 मुस्लिम बहुल सीटों में से 15 पर जीत हासिल की थी। जबकि महागठबंधन (समाजवादी पार्टी और बसपा) को 8 सीटों पर संतोष करना पड़ा था। देश की 92 मुस्लिम बहुल सीटों में से बीजेपी ने 45 सीटों पर जीत दर्ज की थी। जबकि 2014 में उसके खाते में केवल 41 सीटें ही आ सकी थीं। सबसे ज्यादा मुस्लिम बहुल 28 सीटें पश्चिम बंगाल में हैं। इनमें से टीएमसी को 2014 में 23 और 2019 में सिर्फ 17 सीटें मिली थीं। बीजेपी ने 9 सीटों पर जीत हासिल की थी। असम की 6 में से 3 भाजपा 2 कांग्रेस, जम्मू कश्मीर की 6 में से 3 भाजपा 3 कांग्रेस, केरल में 10 में से 10 कांग्रेस के हिस्से में आई थीं। महाराष्ट्र की 4 में से 3 बीजेपी को और एक कांग्रेस को मिली थी। पश्चिम बंगाल के बहरामपुर में 63% मुस्लिम वोटर हैं, लेकिन आज तक वहां कोई मुस्लिम सांसद नहीं चुना गया। वोट प्रतिशत के लिहाज से देखें तो 41 सीटों पर मुस्लिम वोटर 21 से 30 फीसदी हैं। 11 पर 41 से 50 फीसदी, 24 में 31 से 40 फीसदी और 16 सीटों पर 50 फीसदी से ज्यादा हैं। ये वो आंकड़े हैं जिनकी वजह से बीजेपी मुसलमानों का समर्थन हासिल करना चाहती है। उस का मानना है कि यदि हिंदी पट्टी से उस की कुछ सीटें कम होती हैं तो मुस्लिम बाहुल इलाकों से उसकी भर पाई हो जाए।

मुसलमानों की ओर भाजपा के झुकाव को देखकर लग रहा था कि शायद वह अपने नफरती एजेंडे को त्याग कर अल्पसंख्यकों के प्रति उदार, निष्पक्ष और सहानुभूतिपूर्ण रवैया अपनाएगी। यह धारणा इसलिए भी बन रही थी क्योंकि कर्नाटक चुनाव से पहले बीजेपी ने अपने कार्यकर्ताओं को मुस्लिमों से मेलजोल बढ़ाने और इफ्तार पार्टियां करने की सलाह दी थी। लेकिन उसके बाद वहां मुस्लिम आरक्षण खत्म कर दिया गया। तेलंगाना में भी मुस्लिम आरक्षण समाप्त करने की घोषणा की है। तथाकथित गोरक्षकों ने गोतस्करी के बहाने बेंगलुरु से महज 150 किलोमीटर की दूरी पर इदरीस पाशा की हत्या कर दी। हरियाणा में भी दो मुस्लिम युवकों को गोतस्करी के दोष में कथित तौर पर पीटा गया जब वह बेहोश हो गए तो कार में जलाकर मार डाला गया। गरीब छात्र और छात्राओं को अल्पसंख्यक मंत्रालय से मिलने वाली नीधि शिक्षा पूरी करने में सहायक होती थी। अब वह भी लंबित है। कर्नाटक चुनाव में प्रदेश के पूर्व मंत्री मिस्टर 40 परसेंट ईश्वरप्पा साफ तौर पर कह रहे हैं कि बीजेपी को मुस्लिम वोटों की जरूरत नहीं है। हालांकि कर्नाटक में मुसलमानों के 13 फीसदी वोट हैं और 40 सीटों पर उनका प्रभाव है। गृह मंत्री अमित शाह खुद अपनी रैलियों में ध्रुवीकरण की भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं। जबकि जमिअत उलेमा के प्रतिनिधिमंडल से उन्होंने मुस्लिम आरक्षण बहाल करने को कहा था। यूपी के मुख्यमंत्री योगी और असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिसवा सरमा जो अभद्र भाषा, सांप्रदायिक बयानों और जगहों के नाम बदलने के लिए जाने जाते हैं वह समाज को बांटने और नफरत पैदा करने वाली भाषा का प्रयोग कर रहे हैं। प्रधानमंत्री जो एक दिन में तीन तीन रैलियां और रोड़ शो कर रहे हैं। उन की ओर से भी चुनाव आयोग के दिशा निर्देशों का खुल्लम खल्ला उल्लघन हो रहा है। कर्नाटक चुनाव के अंतिम समय में भाजपा धार्मिक ध्रुवीकरण और हैच स्पीच पर उतर आई है। वहां सामान्य नागरिक संहिता, मुस्लिम आरक्षण, बढ़ती जनसंख्या, अतीक की हत्या, मुस्लिम तुष्टिकरण, पी एफ आई, दंगा फसाद और हनुमान को भाजपा के द्वारा मुद्दा बनाया जा रहा है। सवाल यह है कि क्या बीजेपी सच में मुसलमानों को अपने साथ जोडना चाहती है या यह महज एक जुमला है। जो मुसलमानों को कंफ्यूज कर उनके वोट हासिल करने के लिए उछाला जा रहा है।

~डॉ. मुजफ्फर हुसैन ग़ज़ाली

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक हैं। व्यक्त विचार इनके निजी हैं।)

Prime Minister Narendra Modi, Muslims BJP Shah Times शाह टाइम्स

Latest articles

गंगा में नहाते हुए डूबे दो युवक

मुनि की रेती क्षेत्र कौड़ियाला और पांडव पत्थर पर हादसाएसडीआरएफ की सर्चिंग में नहीं...

जनता के सवालों पर क्यों मौन हैं प्रधानमंत्री ?

आज मोदी जी मोहम्मद शामी की तारीफ भरे मंच से कर रहे हैं जबकि...

सपा कार्यकर्ताओं ने बूथ कैप्चरिंग का लगाया आरोप की शिकायत

मुजफ्फरनगर विधानसभा क्षेत्र के ब्राहृमण कालेज के बूथ पर योगी सरकार के मंत्री कपिल...

डायबिटिक केजरीवाल को नहीं दी जा रही इंसुलिन

सांसद संजय सिंह ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ चल रही कार्रवाई को देखकर कह...

Latest Update

गंगा में नहाते हुए डूबे दो युवक

मुनि की रेती क्षेत्र कौड़ियाला और पांडव पत्थर पर हादसाएसडीआरएफ की सर्चिंग में नहीं...

जनता के सवालों पर क्यों मौन हैं प्रधानमंत्री ?

आज मोदी जी मोहम्मद शामी की तारीफ भरे मंच से कर रहे हैं जबकि...

सपा कार्यकर्ताओं ने बूथ कैप्चरिंग का लगाया आरोप की शिकायत

मुजफ्फरनगर विधानसभा क्षेत्र के ब्राहृमण कालेज के बूथ पर योगी सरकार के मंत्री कपिल...

डायबिटिक केजरीवाल को नहीं दी जा रही इंसुलिन

सांसद संजय सिंह ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ चल रही कार्रवाई को देखकर कह...

लोकसभा चुनाव के पहले चरण में मतदान शांतिपूर्ण ढंग से जारी

लोकसभा चुनाव के लिए 21 राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशाें में शुक्रवार को पहले चरण...

मुख्यमंत्री धामी ने खटीमा के नगरा तराई में किया मतदान

परिवारजनों के साथ लाइन में लगकर आम मतदाता की भांति किया मतदान मतदान से पहले...

इजराइल ने ईरान से लिया इंतिक़ाम, आर्म्स डिपो पर दागी मिसाइलें

इमाम खुमैनी इंटरनेशनल हवाई अड्डे पर ऐलान सभी उड़ानें रद्द कर दी गई हैं।...

यूपी की आठ सीटों पर मतदान शुरु,संजीव बालियान के खिलाफ हरेंद्र मलिक मैदान में

  मुजफ्फरनगर सीट पर सपा ने दो बार के भाजपा सांसद और केंद्रीय मंत्री संजीव...

लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 102 सीटों के लिए मतदान शुरू

लोक सभा चुनाव के पहले चरण में 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी)...
error: Content is protected !!