
Pahalgam attack
नई दिल्ली (Shah Times): Pahalgam Attack के मद्देनजर जम्मू-कश्मीर में लगभग 50 सार्वजनिक पार्क और पर्यटन स्थलों को एहतियात के तौर पर बंद कर दिया गया है। इस हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें से अधिकतर पर्यटक थे।
अज्ञात अधिकारियों ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि कश्मीर में 87 सार्वजनिक पार्कों और उद्यानों में से 48 के द्वार बंद कर दिए गए हैं, क्योंकि पर्यटक इन्हें खतरा मानते हैं।
बंद किये गये स्थलों में प्रसिद्ध और उभरते पर्यटन स्थल जैसे दूषपथरी, कोकेरनाग, डुक्सुम, सिंथन टॉप, अच्छाबल, बंगस घाटी, मार्गन टॉप और तोसामैदान शामिल हैं।
जानिए क्या हुआ है नुकसान
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के बाईसारन घाटी में हुए आतंकवादी हमले में 26 पर्यटकों की मौत हो गई, जिसमें अधिकांश हिंदू श्रद्धालु थे। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान-आधारित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े “द रेजिस्टेंस फ्रंट” (TRF) ने ली थी, हालांकि बाद में उन्होंने इसे वापस ले लिया।
सुरक्षा उपाय और पर्यटन स्थलों का बंद होना
हमले के बाद, भारतीय अधिकारियों ने कश्मीर के 87 में से 48 पर्यटन स्थलों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है, जिसमें गुलमर्ग, सोनमर्ग और पहलगाम जैसे प्रमुख स्थल शामिल हैं। इसके अलावा, शेष स्थलों पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। सरकार ने अमरनाथ यात्रा से पहले सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करने का निर्णय लिया है, जो 3 जुलाई से शुरू होने वाली है।
पर्यटन उद्योग पर प्रभाव
हमले के बाद, कश्मीर में पर्यटन उद्योग को भारी नुकसान हुआ है। लगभग 10 लाख से अधिक बुकिंग्स रद्द की गई हैं, और पर्यटक क्षेत्र से बाहर जाने के लिए प्रयासरत हैं। एयर इंडिया ने अतिरिक्त उड़ानों की व्यवस्था की है, और नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एयरलाइनों से किराए में वृद्धि न करने का अनुरोध किया है।
राजनीतिक और कूटनीतिक प्रतिक्रियाएं
भारत ने पाकिस्तान पर आतंकवाद का समर्थन करने का आरोप लगाया है, जबकि पाकिस्तान ने इन आरोपों से इनकार किया है और एक निष्पक्ष जांच की मांग की है। भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया है, और पाकिस्तान ने भारतीय विमानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया है।
स्थानीय प्रतिक्रिया और राहत प्रयास
स्थानीय कश्मीरी नागरिकों ने घायलों की मदद की और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया। गुरुद्वारों ने पर्यटकों के लिए अपने दरवाजे खोले, और स्थानीय प्रशासन ने हेल्पलाइन स्थापित की।