
Pak Army Chief Asim Munir's threat on Jamnagar refinery, India's strong response
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान का युद्ध राग, भारत नहीं झुकेगा
पाक सेना प्रमुख मुनीर ने दी भारत को जंग की धमकी, उठाया आर्थिक निशाना
ऑपरेशन सिंदूर में शिकस्त के बाद पाक आर्मी चीफ आसिम मुनीर ने भारत को जंग और जामनगर रिफाइनरी पर हमले की धमकी दी, विदेश मंत्रालय ने कड़ा जवाब दिया।
ऑपरेशन सिंदूर की शिकस्त के बाद बढ़ी बयानबाज़ी
ऑपरेशन सिंदूर में करारी हार झेलने के बाद पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने एक बार फिर भारत के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाया है। अमेरिका के फ्लोरिडा राज्य के टाम्पा शहर में आयोजित एक औपचारिक रात्रिभोज में मुनीर ने भारत के आर्थिक ढांचे, विशेषकर रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) की गुजरात स्थित जामनगर रिफाइनरी को निशाना बनाने की धमकी दी। यह वही रिफाइनरी है जो दुनिया की सबसे बड़ी एकल-साइट रिफाइनिंग कॉम्प्लेक्स मानी जाती है और भारत की ऊर्जा सुरक्षा में अहम भूमिका निभाती है।
मुनीर का यह बयान न केवल भारत-पाक रिश्तों में नई तल्खी का संकेत देता है, बल्कि यह पहली बार है जब पाकिस्तान ने भारत की आर्थिक संरचना को खुलेआम निशाने पर लेने की बात स्वीकार की है।
कुरान की आयत और ‘हवाई हमले’ का इशारा
मुनीर ने अपने भाषण में कुरान की सूरह अल-फील का उल्लेख करते हुए इसे वर्तमान भू-राजनीतिक हालात से जोड़ा। यह सूरह ऐतिहासिक ‘साल-ए-फील’ की घटना का वर्णन करती है, जब यमन के शासक अबराहा ने काबा पर हमला करने के लिए हाथियों की सेना भेजी थी, लेकिन पक्षियों के झुंड ने पके हुए मिट्टी के पत्थरों से सेना का सफाया कर दिया था।
विशेषज्ञों का मानना है कि मुनीर का यह हवाला आधुनिक युद्ध में हवाई हमले या मिसाइल स्ट्राइक के संकेत के रूप में देखा जा सकता है।
भारत की प्रतिक्रिया – “धमकी की आदत है पाकिस्तान को”
भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा:
“परमाणु हथियार की धमकी देना पाकिस्तान की आदत है। भारत कभी भी उसकी धमकी के आगे नहीं झुकेगा। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ऐसी टिप्पणियों में उसका सच जान चुका है। दुख की बात है कि यह बयान किसी मित्र देश की धरती से दिया गया है।”
रणनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान की ओर से इस तरह के बयान अक्सर घरेलू राजनीति और अंतरराष्ट्रीय मंच पर सहानुभूति पाने के लिए दिए जाते हैं।
जामनगर रिफाइनरी – भारत की ऊर्जा रीढ़
जामनगर रिफाइनरी भारत के ऊर्जा क्षेत्र की सबसे अहम कड़ी है। इसकी सालाना प्रोसेसिंग क्षमता 33 मिलियन टन है, जो देश की कुल रिफाइनिंग क्षमता का लगभग 12% हिस्सा है।
स्थान: गुजरात
महत्व: घरेलू ऊर्जा आपूर्ति के साथ-साथ प्रमुख पेट्रोलियम निर्यातक
रणनीतिक मूल्य: भारत की अर्थव्यवस्था और औद्योगिक उत्पादन की स्थिरता
खुफिया रिपोर्टों के मुताबिक, पाकिस्तान समर्थित आतंकी समूहों ने अतीत में भी इस रिफाइनरी और अन्य ऊर्जा प्रतिष्ठानों पर हमले की साजिश रची थी।
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पाकिस्तानी नेतृत्व में ‘जंग का कोरस’
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भी भारत के खिलाफ ‘सीमा से अंदर’ युद्ध की धमकी दी। उनका कहना था कि अगर अगली बार युद्ध हुआ, तो वह सीमाओं पर नहीं बल्कि भारत के भीतर लड़ा जाएगा।
इसी तरह, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के चेयरमैन और पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने सिंधु जल संधि में बदलाव की स्थिति में युद्ध की चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के हर प्रांत के लोग भारत से लड़ने के लिए तैयार हैं और “सभी 6 नदियों को वापस लेने” की बात भी कही।
परमाणु धमकी – सच और सियासी बयानबाज़ी
हालांकि पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने परमाणु धमकी देने से इनकार किया है, लेकिन अतीत के बयानों और सैन्य रणनीतियों को देखते हुए विशेषज्ञ मानते हैं कि इस तरह के संकेत इस्लामाबाद की ‘न्यूक्लियर ब्लैकमेल’ नीति का हिस्सा हैं।
भारत ने बार-बार यह स्पष्ट किया है कि वह किसी भी परिस्थिति में अपनी संप्रभुता और आर्थिक सुरक्षा के साथ समझौता नहीं करेगा।
वैश्विक प्रतिक्रिया और भू-राजनीतिक प्रभाव
अंतरराष्ट्रीय समुदाय में पाकिस्तान के इस रवैये को लेकर चिंता जताई जा रही है। अमेरिका जैसे देशों के लिए, जहां यह बयान दिया गया, यह एक असहज स्थिति है क्योंकि वे दोनों देशों के साथ कूटनीतिक संबंध रखते हैं।
विश्लेषकों के मुताबिक, पाकिस्तान की यह रणनीति घरेलू अस्थिरता और आर्थिक संकट से ध्यान हटाने की कोशिश भी हो सकती है।
रणनीतिक संयम बनाम युद्धोन्माद
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव नया नहीं है, लेकिन ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पाकिस्तान की सैन्य और राजनीतिक बयानबाज़ी यह संकेत देती है कि इस्लामाबाद आंतरिक चुनौतियों से जूझते हुए भी बाहरी मोर्चे पर आक्रामक छवि पेश करना चाहता है।
हालांकि, भारत के लिए प्राथमिकता अपनी आर्थिक, सैन्य और रणनीतिक संपत्तियों की सुरक्षा के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय समर्थन बनाए रखना होगी।