
Pakistan
नई दिल्ली (Shah Times): दुनिया जानती है कि आतंक का पनाहगार देश Pakistan सबसे ज्यादा भीखारी है। वो कहावत है ना कि ऐसा कोई सगा नहीं जिसे पाकिस्तान ने ठगा नहीं। ऐसे में फिर से पाकिस्तान ने भीख का कटोरा उठा लिया है और युद्ध का डर दिखा कर अब पूरी दुनिया के साथ लूट घसीट शुरू कर दी है।
पाकिस्तान ने नई अपील में चीन से 10 बिलियन युआन यानि 1.4 बिलियन डॉलर का अतिरिक्त ऋण मांगा है। वहीं, उसकी मौजूदा 4.3 बिलियन डॉलर की सुविधा समाप्त हो चुकी है। पाकिस्तान ने कर्ज के इस नये अनुरोध को 27 अप्रैल को सार्वजनिक किया। यह दिखाता है कि पाकिस्तान किसी भी सूरत में युद्ध लड़ने की हालत में नहीं है।
पाकिस्तान ने जारी किया बयान
पाकिस्तान के वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब ने वाशिंगटन में आईएमएफ और विश्व बैंक की वार्षिक बैठकों के दौरान चीन के उप वित्त मंत्री लियाओ मिन से कर्ज का यह नया अनुरोध किया। 26 अप्रैल को देर रात जारी पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय के एक बयान के अनुसार उन्होंने मुद्रा विनिमय समझौते की सीमा को बढ़ाकर 40 बिलियन युआन करने की मांग की।
चीन देता है सबसे ज्यादा कर्ज
पाकिस्तान को कर्ज देने के मामले में चीन सबसे आगे है। चीन ने करीब 29 अरब डॉलर का कर्ज दिया है। इसके बाद नंबर दो पर सऊदी अरब करीब 9.16 अरब डॉलर का कर्ज दे चुका है। हालांकि पाकिस्तान के कुल विदेशी ऋण में चीन की हिस्सेदारी घटी है। यह 2023 में 25 प्रतिशत थी जो अब घटकर 22 प्रतिशत पर आ गई है। सऊदी अरब की हिस्सेदारी 2023 में दो प्रतिशत से बढ़कर 2024 में सात प्रतिशत पर आ गई।
हर व्यक्ति पर है कर्ज
विश्व बैंक की ओर से जारी अंतरराष्ट्रीय ऋण रिपोर्ट 2024 के अनुसार पाकिस्तान इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से सबसे अधिक कर्ज लेने वाले शीर्ष तीन देशों में भी शामिल रहा। इसमें कहा गया है कि पाकिस्तान का निर्यात और राजस्व के अनुपात में कुल ऋण कमजोर राजकोषीय स्थिति का संकेत है।
इस वक्त कंगाली की दहलीज पर खड़ा है
पाकिस्तान इस वक्त कंगाली के दरबाजे पर खड़ा है। इस देश पर कर्ज की मात्रा इतनी ज्यादा बढ़ चुकी है कि अब ब्याज चुकाने तक के लिए देश के पास पैसे नहीं बचे हैं। इस कारण पाकिस्तान सरकार देश-देश घूम कर कर्ज देने वाले देशों से चुकाने की समय को बढ़ाने का अनुरोध कर रही है। हालत इस कंगाल देश की ऐसी है कि इनको चीन के अलावा कोई देश कर्ज देने को तैयार नहीं है।
100 बिलियन डॉलर से ज्यादा का कर्ज
सीईआईसी के आंकड़ों के अनुसार, पाकिस्तान भी इस समय नकदी की कमी के दौर से गुजर रहा है, इसका एक्सटर्नल लोन दिसंबर 2024 तक 131.1 बिलियन डॉलर था। जिससे पाकिस्तान की आबादी के हिसाब से हर आदमी के ऊपर 1.45 लाख रुपए का कर्ज है। पिछले साल सितंबर में पाकिस्तानी अधिकारियों को अगर 4 साल में 100 बिलियन डॉलर के भारी-भरकम एक्सटर्नल लोन चुकाने के लिए एक कठिन कार्य का सामना करना पड़ रहा था।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से पाकिस्तान ने लिया कर्ज
पाकिस्तान को चीनी वाणिज्यिक कर्जों के 4.4 बिलियन डॉलर के रोलओवर के बाद अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से अपनी पहली किश्त मिलेगी। इसके अलावा, सरकार ने सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात से कर्ज के रोलओवर में एक साल का विस्तार भी हासिल किया है।
सऊदी अरब से सहायता
सऊदी अरब ने परंपरागत रूप से पाकिस्तान को भारी वित्तीय सहायता दी है। 2019 में सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने 20 बिलियन डॉलर के निवेश का वादा किया। हाल के वर्षों में, सऊदी अरब ने सीधे पैसा देने के बजाय निवेश पर ध्यान केंद्रित किया है और वह आईटी, खनिज और ऊर्जा क्षेत्रों में निवेश कर रहा है।
आईएमएफ और विश्व बैंक
आईएमएफ ने पाकिस्तान के लिए 2024 में 7 अरब डॉलर का कर्ज स्वीकृत किया, जिसमें जलवायु परिवर्तन के लिए 1.3 अरब डॉलर शामिल हैं। विश्व बैंक भी नियमित रूप से आर्थिक विकास के लिए सहायता देता है। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को इन देशों और संस्थानों की सहायता से अल्पकालिक स्थिरता मिलती है, लेकिन बढ़ता कर्ज, महंगाई और विदेशी मुद्रा भंडार की कमी दीर्घकालिक चुनौतियां बनी हुई हैं।