
भारत की डेमोग्राफी, भारत से मिलने वाला डिविडेंट, आपके बिजनेस को भी डबल-ट्रिपल करने वाला है
गांधीनगर। पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने शुक्रवार को कहा कि सेमीकॉन इंडिया (Semicon India) के माध्यम से संबंध भी अपडेट होते रहते हैं। पीएम मोदी ने अपने गुजरात दौरे के दूसरे दिन आज गांधीनगर स्थित महात्मा मंदिर में ‘सेमीकॉन इंडिया 2023’ (Semicon India 2023) कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा “ जैसे सॉफ्टवेयर को अपडेट करना जरूरी होता है वैसे ही यह कार्यक्रम भी है। सेमीकॉन इंडिया (Semicon India) के माध्यम से उद्योग, विशेषज्ञों और नीति निर्माताओं के साथ संबंध भी अपडेट होते रहते हैं। मैं समझता हूं कि हमारे संबंधों के सिंक्रोनाइजेशन के लिए यह बहुत आवश्यक भी है। सेमीकॉन इंडिया (Semicon India) में देश विदेश की बहुत सारी कंपनियां आयी हैं। हमारे स्टार्टअप भी आए हैं। मैं आप सभी का इस कार्यक्रम में ह्रदय से स्वागत करता हूं।”
इस कॉन्फ्रेंस में मुझे कई चिर-परिचित चेहरे नजर आ रहे हैं। कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनसे पहली बार मुलाकात हो रही है। जैसे सॉफ्टवेयर को अपडेट करना जरूरी होता है, वैसे ही ये कार्यक्रम भी है। सेमीकॉन इंडिया के माध्यम से उद्योग के साथ,विशेषज्ञों के साथ, नीति निर्माता के साथ संबंध भी अपडेट होते रहते हैं। औऱ मैं समझता हूं, और मैं हमारे संबंधों के के लिए ये बहुत आवश्यक भी है। सेमीकॉन इंडिया (Semicon India) में देश-विदेश की बहुत सारी कंपनियां आई हैं, हमारे स्टार्ट-अप्स भी आए हैं। मैं आप सभी का सेमीकॉन इंडिया (Semicon India) में हृदय से स्वागत करता हूं। और मैंने अभी एग्जिबिशन देखा, इस क्षेत्र में कितनी प्रगति हुई है, किस प्रकार से नई ऊर्जा के साथ नए लोग, नई कंपनियां, नए प्रोडक्ट, मुझे बहुत कम समय मिला लेकिन मेरा बहुत शानदार अनुभव रहा। मैं तो सबसे आग्रह करुंगा गुजरात के युवा पीढ़ी को विशेष से आग्रह करूंगा कि प्रदर्शनी अभी कुछ दिन चलने वाली है हम जरूर जाएं, दुनिया में इस नई टेक्नॉलाजी ने क्या ताकत पैदा की है उसको भलि भांति समझें, जानें।
हम सभी ने पिछले साल, सेमीकॉन इंडिया (Semicon India) के पहले एडिशन में हिस्सा लिया था। और तब चर्चा इस बात की थी कि भारत में सेमीकंडक्टर सेक्टर (semiconductor sector) में क्यों निवेश करना चाहिए? लोग सवाल कर रहे थे- “निवेश क्यों करें?” अब हम एक साल के बाद मिल रहे हैं तो सवाल बदल गया है। अब कहा जा रहा है “निवेश क्यों नहीं?” और ये सिर्फ सवाल नहीं बदला, बल्कि हवा का रुख भी बदला है। और ये रुख आप सबने बदला है, आप सबके प्रयासों ने बदला है। इसलिए मैं यहां मौजूद सभी कंपनियों का ये विश्वास जताने के लिए ये पहल लेने के लिए मैं बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं। आपने भारत की आकांक्षा के साथ अपने आने वाले को जोड़ा है। आपने भारत के सामर्थ्य के साथ अपने सपनों को जोड़ा है। और भारत किसी को भी निराश नहीं करता है। 21वीं सदी के भारत में आपके लिए अवसर ही अवसर हैं। भारत की डेमोक्रेसी, भारत की डेमोग्राफी, भारत से मिलने वाला डिविडेंट, आपके बिजनेस को भी डबल-ट्रिपल करने वाला है।
आपकी इंडस्ट्री में मूर की विधि की बहुत चर्चा होती है। मैं इसकी बहुत बारीकी तो नहीं जानता, लेकिन इतना जानता हूं कि ‘एक्सपोनेन्शियल ग्रोथ’ इसके हार्ट में है। हम लोगों के यहां एक कहावत होती है- दिन दूनी, रात चौगुनी तरक्की करना। और ये कुछ वैसा ही है। यही ‘एक्सपोनेन्शियल ग्रोथ’ आज हम भारत के डिजिटल सेक्टर (India’s digital sector) में, इलेक्ट्रॉनिक-मैन्यूफैक्चरिंग में देख रहे हैं। कुछ साल पहले भारत इस सेक्टर में एक उभरता हुआ प्लेयर था। आज ग्लोबल इलेक्ट्रॉनिक्स-मैन्युफेक्चरिंग में हमारा शेयर कई गुना बढ़ चुका है। 2014 में भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन 30 बिलियन डॉलर से भी कम था। आज ये बढ़कर 100 बिलियन डॉलर को भी पार कर गया है। सिर्फ दो साल के भीतर ही भारत से इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात भी दोगुने से ज्यादा हो गया है। भारत में बने मोबाइल फोन का एक्सपोर्ट भी अब दोगुना हो चुका है। जो देश कभी मोबाइल फोन का इंपोर्टर था अब वो दुनिया के सर्वोत्तम मोबाइल फ़ोन बना रहा है, उनका एक्सपोर्ट कर रहा है।
2014 से पहले भारत में सिर्फ 2 मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स थीं। आज इनकी संख्या बढ़कर 200 से ज्यादा हो चुकी है। अगर ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी की बात करें तो 2014 में भारत में 6 करोड़ यूजर्स थे। आज उनकी संख्या भी लगभग बढ़कर के 800 मिलियन यानि 80 करोड़ यूजर्स से ज्यादा हो चुकी है। 2014 में भारत में 250 मिलियन यानि 25 करोड़ इंटरनेट कनेक्शन्स थे। आज ये संख्या भी बढ़कर के 850 मिलियन यानि 85 करोड़ से अधिक हो चुकी है, 85 करोड़। ये आंकड़े, सिर्फ भारत की सफलता ही नहीं कह रहे, ये हर आंकड़ा, आपकी इंडस्ट्री के लिए बढ़ते हुए बिजनेस का इंडीकेटर है। सेमीकॉन इंडस्ट्री जिस दुनिया में जिस ‘एक्सपोनेन्शियल ग्रोथ’ का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रही है, उसकी प्राप्ति में भारत की बहुत बड़ी भूमिका है। आज भारत दुनिया का वो देश है जहां नई जेनरेशन तेजी से बढ़ रही है। भारत के लोग टेक फ्रेंडली भी हैं और टेक्नॉलॉजी के अडॉप्शन को लेकर भी उतने ही फास्ट हैं।
आज भारत में सस्ता डेटा, गांव-गांव पहुंच रहा क्वालिटी डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर, और सीमलेस पावर सप्लाई, डिजिटल प्रोडक्ट्स के कंजम्पशन को कई गुना बढ़ा रही है। हेल्थ से लेकर एग्रीकल्चर और लॉजिस्टिक्स तक, स्मार्ट टेक्नॉलॉजी के इस्तेमाल से जुड़े एक बड़े विजन पर भारत काम कर रहा है। हमारे यहां एक बहुत बड़ी आबादी ऐसी है, जो जिसने भले ही बेसिक होम अप्लायन्स का इस्तेमाल नहीं किया लेकिन वो अब सीधे इंटर-कनेक्टेड स्मार्ट डिवाइस का इस्तेमाल करने वाली है। भारत में युवाओं की एक बहुत बड़ी आबादी ऐसी है, जिसने संभवत: कभी बेसिक बाइक भी नहीं चलाई होगी लेकिन अब वो स्मार्ट इलेक्ट्रिक मोबिलिटी का उपयोग करने जा रहा है। भारत का बढ़ता हुआ नव-मध्यम वर्ग, भारतीय आकांक्षाओं का पावरहाउस बना हुआ है। संभावनाओं से भरे भारत के इस स्केल के मार्केट के लिए आपको चिपमेकिंग इकोसिस्टम का निर्माण करना है। और मुझे विश्वास है, जो भी इसमें तेजी से आगे बढ़ेगा, उसे फर्स्ट मूवर्स एडवांटेज मिलना तय है।
आप सभी ग्लोबल पेंडेमिक और रूस-युक्रेन युद्ध के साइड इफेक्ट से उबर रहे हैं। भारत को इस बात का भी ऐहसास है कि सेमीकंडक्टर सिर्फ हमारी ज़रूरत ही नहीं है। दुनिया को भी आज एक विश्वसनीय, विश्वसनीय चिप आपूर्ति चेन की ज़रूरत है। दुनिया की सबसे बड़ी डेमोक्रेसी से बेहतर भला ये विश्वसनीय साथी और कौन हो सकता है? मुझे खुशी है कि भारत पर दुनिया का भरोसा लगातार बढ़ रहा है। और ये भरोसा क्यों है? आज भारत पर निवेशकों को भरोसा है, क्योंकि यहां स्थिर, जिम्मेदार और सुधारोन्मुख सरकार है। भारत पर उद्योग जगत को भरोसा है, क्योंकि आज हर क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर का तेज विकास हो रहा है। भारत पर तकनीकी क्षेत्र को भरोसा है, क्योंकि यहां टेक्नॉलजी का तेजी से विस्तार हो रहा है। और, आज भारत पर सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री को भरोसा है, क्योंकि हमारे पास विशाल प्रतिभा पूल, कुशल इंजीनियर और डिजाइनर हैं की ताकत है। जो भी व्यक्ति दुनिया के सबसे जीवंत और एकीकृत बाज़ारका हिस्सा बनना चाहता है, उसका भरोसा भारत पर है।
भारत अपनी ग्लोबल रिस्पॉन्सिबिलिटी को भलिभांति समझता है। इसलिए साथी देशों के साथ मिलकर हम एक व्यापक रोडमैप पर काम कर रहे हैं। इसलिए हम भारत में एक वाइब्रेंट सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम निर्माण के पीछे पुरी ताकत लगा रहे हैं। हाल ही में, हमने नेशनल क्वांटम मिशन को ठीक किया है।राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन विधेयक भी संसद में पेश होने जा रहा है। सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम बनाने के लिए अब हम अपने इंजीनियरिंग करिकुलम में भी बदलाव कर रहे हैं। भारत में 300 से ज्यादा ऐसे बड़े कॉलेजों की पहचान की गई है, जहां सेमीकंडक्टर पर कोर्स उपलब्ध होंगे। हमारा चिप्स से स्टार्टअप प्रोग्राम इंजीनियरों की मदद करेगा। अनुमान ये है कि अगले 5 वर्षों में हमारे यहां एक लाख से ज्यादा
डिज़ाइन इंजीनियर तैयार होने वाले हैं। भारत का लगातार बढ़ता स्टार्ट अप इकोसिस्टम भी सेमीकंडक्टर सेक्टर को मजबूती देने वाला है। सेमीकॉन इंडिया के सभी पार्टिसिपेन्ट्स के लिए ये बातें, उनका विश्वास बढ़ाने वाली हैं, उनका आत्मविश्वास बढ़ाने वाली हैं।
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भारत, सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री के लिए एक अच्छा एनर्जी कंडक्टर बनने के लिए, हर ‘चेकबॉक्स’ को टिक कर रहा है। इस सेक्टर के लिए Electricity की ज़रूरत है। बीते एक दशक में हमारी सौर ऊर्जा स्थापित क्षमता 20 गुना से ज्यादा हो चुकी है। इस दशक के अंत तक हमने 500GW की रीन्यूएबल एनर्जी कैपेसिटी का टार्गेट रखा है। सोलर पीवी मॉड्यूल, ग्रीन हाइड्रोजन और इलेक्ट्रोलाइजर के उत्पादन के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं। भारत में हो रहे नीति सुधार का भी पॉजिटिव इंपेक्ट, सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम के निर्माण पर पड़ेगा। हमने नई मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री के लिए कई तरह के टैक्स छूट का ऐलान भी किया है। आज भारत, दुनिया के सबसे कम कॉरपोरेट टैक्स वाले देशों में से एक है। जैसे-जैसे भारत सुधार के रास्ते पर आगे बढ़ेगा, आपके लिए और ज्यादा नए अवसर तैयार होते जाएंगे। सेमीकंडक्टर इन्वेस्टमेंट्स के लिए भारत एक शानदार कंडक्टर बन रहा है।
अपने इस प्रयासों के बीच भारत, ग्लोबल सप्लाई चेन की जरूरतों को भी जानता है। कच्चा माल, प्रशिक्षित जनशक्ति और मशीनरी को लेकर आपकी अपेक्षाओं को हम समझते हैं। इसलिए हम आपके साथ मिलकर काम करने के लिए बहुत ही उत्साहित हैं। जिस सेक्टर में हमने निजी खिलाड़ी के साथ मिलकर काम किया है, उस सेक्टर ने नई ऊंचाइयों को छूआ है। Space क्षेत्र हो या भू-स्थानिक क्षेत्र, हर जगह हमें बेहतरीन नतीजे मिले हैं। आपको याद होगा, पिछले साल सेमीकॉन के दौरान सरकार ने सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री के प्लेयर्स से सुझाव मांगे थे। इन सुझावों के आधार पर सरकार ने अनेक बड़े फैसले लिए हैं। सेमीकॉन इंडिया प्रोग्राम के तहत हम जो इंसेंटिव दे रहे थे, उसे स्केल किया गया है। अब प्रौद्योगिकी फर्मों को भारत में सेमीकंडक्टर विनिर्माण सुविधा स्थापित करने के लिए पचास प्रतिशत की वित्तीय सहायता दी जाएगी। देश के सेमीकंडक्टर सेक्टर की प्रगति को गति देने के लिए हम लगातार नीतिगत सुधार कर रहे हैं।