
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के बजट सत्र की शुरुआत पर समृद्ध भारत और नारी सशक्तीकरण पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि पहली बार किसी ‘विदेशी चिंगारी’ ने सत्र से पहले हंगामे का रूप नहीं लिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के बजट सत्र के उद्घाटन पर मीडिया को संबोधित किया। उन्होंने विशेष रूप से इस बात पर जोर दिया कि यह सत्र बिना किसी बाहरी हस्तक्षेप के शुरू हो रहा है, जो पिछले 10 वर्षों में पहली बार हुआ है। उन्होंने मां लक्ष्मी की प्रार्थना के साथ गरीबों और मध्यम वर्ग के कल्याण की कामना की।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह बजट सत्र 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम होगा। उन्होंने युवा शक्ति को देश की प्रगति का आधार बताते हुए कहा कि वर्तमान 20-25 वर्षीय युवा जब 2047 में नीति निर्माण की भूमिका में होंगे, तब वे विकसित भारत के सबसे बड़े लाभार्थी बनेंगे।
उन्होंने नारी सशक्तीकरण पर जोर देते हुए कहा कि इस सत्र में महिलाओं को समान अधिकार दिलाने के लिए ऐतिहासिक फैसले लिए जाएंगे। इसके अलावा, सरकार ‘मिशन मोड’ में देश के समग्र विकास पर कार्य कर रही है, जिसमें नवाचार, समावेशन और निवेश को प्रमुखता दी जा रही है।
प्रधानमंत्री मोदी ने बजट सत्र की शुरुआत पर दिया बयान, ‘विदेशी चिंगारी’ न होने पर जताई राहत
नई दिल्ली, (Shah Times)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के बजट सत्र की शुरुआत पर मीडिया को संबोधित करते हुए देश की आर्थिक नीति, नारी सशक्तीकरण और युवा शक्ति के महत्व पर चर्चा की। उन्होंने यह भी कहा कि यह पहला बजट सत्र है, जिसमें कोई ‘विदेशी चिंगारी’ नहीं देखी गई, यानी कोई विदेशी रिपोर्ट या विवाद सत्र शुरू होने से पहले हंगामे का कारण नहीं बना।
बजट सत्र की शुरुआत में मां लक्ष्मी की प्रार्थना
संसद के हंस द्वार पर संवाददाताओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने बजट सत्र की शुरुआत को समृद्धि और विकास से जोड़ा। उन्होंने कहा कि गुप्त नवरात्रि के दौरान शुरू हो रहे इस सत्र के लिए उन्होंने मां लक्ष्मी से देश के गरीबों और मध्यम वर्ग पर कृपा बनाए रखने की प्रार्थना की। उन्होंने संस्कृत श्लोकों का उद्धरण देते हुए कहा कि मां लक्ष्मी हमें समृद्धि और विवेक प्रदान करती हैं, और इसी भावना के साथ यह बजट सत्र देश की आर्थिक और सामाजिक मजबूती को समर्पित रहेगा।
बजट सत्र में देश के विकास पर जोर
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह बजट सत्र भारत के 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के संकल्प को नई ऊर्जा देगा। उन्होंने कहा कि यह बजट न केवल आर्थिक सुधारों को गति देगा, बल्कि यह देश को समावेशी और नवाचार आधारित विकास की ओर अग्रसर करेगा।
उन्होंने कहा, “ये देश की जनता ने मुझे तीसरी बार ये दायित्व दिया है, और इस तीसरे कार्यकाल का ये पहला पूर्ण बजट है। 2047 जब आजादी के 100 साल पूरे होंगे, तब भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का जो संकल्प लिया गया है, यह बजट सत्र उसी दिशा में एक बड़ा कदम होगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि यह बजट देश के आर्थिक रोडमैप में नवाचार, समावेशन और निवेश को प्राथमिकता देगा, जिससे सभी वर्गों को लाभ मिलेगा।
नारी सशक्तीकरण पर विशेष ध्यान
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह सत्र महिलाओं के सम्मान और उनके सशक्तीकरण के लिए ऐतिहासिक फैसले लेने जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस सत्र में ऐसे कानून बनाए जाएंगे जो महिलाओं को बिना किसी भेदभाव के समान अधिकार देंगे।
“पंथ और संप्रदाय से मुक्त होकर हर नारी को समान अधिकार और सम्मानपूर्ण जीवन मिलना चाहिए। इसी दिशा में यह बजट सत्र कई महत्वपूर्ण निर्णय लेने जा रहा है।”
युवा शक्ति के लिए सुनहरा अवसर
प्रधानमंत्री ने युवाओं को भारत के भविष्य की रीढ़ बताते हुए कहा कि आज के 20-25 वर्षीय युवा जब 2047 में नीति निर्माण की भूमिका में होंगे, तब वे विकसित भारत के सबसे बड़े लाभार्थी बनेंगे। उन्होंने कहा कि यह बजट सत्र युवाओं के लिए एक सुनहरा अवसर लेकर आया है, जिससे वे देश की प्रगति में सक्रिय भूमिका निभा सकें।
“हमारा युवा देश है, और आज के किशोर और युवा पीढ़ी के लिए यह एक बड़ा तोहफा बनने जा रहा है। जैसा कि आजादी से पहले 25 वर्षों तक युवाओं ने आजादी की लड़ाई लड़ी थी, वैसे ही ये अगले 25 साल समृद्ध भारत और विकसित भारत की ओर जाने का संकल्प सिद्ध करने वाले हैं।”
‘विदेशी चिंगारी’ न होने पर जताई राहत
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन के अंत में चुटकी लेते हुए कहा कि 2014 के बाद यह पहला संसद सत्र है, जिसमें किसी भी विदेशी रिपोर्ट या विवाद ने सत्र से पहले माहौल गर्म करने की कोशिश नहीं की।
“हर साल सत्र के पहले कुछ विदेशी ताकतें आग लगाने की कोशिश करती थीं, लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं हुआ। ये इस बात का संकेत है कि भारत अपनी मजबूती की ओर बढ़ रहा है और बाहरी हस्तक्षेप का प्रभाव कम हो रहा है।”
बजट सत्र से बड़ी उम्मीदें
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह बजट सत्र देश की आकांक्षाओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने सभी सांसदों से इस सत्र में सकारात्मक योगदान देने का आग्रह किया और कहा कि यह सत्र भारत को एक नए विकास पथ पर ले जाने में सहायक होगा।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री मोदी का यह बयान भारत की आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक दिशा को स्पष्ट करता है। यह बजट सत्र कई ऐतिहासिक फैसलों का गवाह बनेगा, जिसमें नारी सशक्तीकरण, आर्थिक सुधार और युवा विकास को प्राथमिकता दी जाएगी। साथ ही, पहली बार किसी विदेशी रिपोर्ट के कारण संसद सत्र बाधित न होने को प्रधानमंत्री ने एक सकारात्मक संकेत बताया। अब यह देखना होगा कि यह बजट और सत्र भारत के विकास की दिशा में कितनी मजबूती से आगे बढ़ता है।