
Prime Minister Narendra Modi addresses the Winter Session, urging the Opposition to rise above defeat and engage in responsible debate.
शीतकालीन सत्र की शुरुआत: पीएम मोदी का विपक्ष पर हमला, लोकसभा में हंगामा, SIR पर गरमाएगा माहौल
📍New Delhi ✍️ Asif Khan
संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत बेहद राजनीतिक रंगत के साथ हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि पराजय की निराशा से बाहर निकलकर विपक्ष को सार्थक चर्चा में भाग लेना चाहिए। प्रधानमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि संसद देश के भविष्य की दिशा तय करती है, इसलिए सत्र को जिम्मेदारी और संतुलन के साथ चलाया जाना चाहिए।
पीएम मोदी ने कहा कि कुछ दल चुनावी पराजय को पचा नहीं पा रहे हैं और यही कारण है कि बहस की जगह राजनीति हावी हो रही है। उन्होंने दोहराया कि संसद न तो “पराजय की बौखलाहट” का मंच बने, न ही “विजय के अहंकार” का प्रदर्शन। उनका संदेश साफ था—सदन में देशहित सर्वोपरि होना चाहिए।
इधर, विपक्ष विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR), आंतरिक सुरक्षा और लेबर कोड पर चर्चा की मांग कर रहा है। वहीं सरकार चाहती है कि वंदे मातरम् सहित कई प्रस्तावों पर चर्चा हो। सत्र में कई महत्वपूर्ण विधेयक पेश किए जाने की तैयारी है, जिससे इसे राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
संचार, वाद-विवाद और नीतियों की दिशा में यह सत्र संसद की भूमिका को और अधिक स्पष्ट रूप देगा, ऐसा माना जा रहा है।
संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत के साथ ही राजनीतिक तापमान चढ़ गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्र आरंभ होने से पहले विपक्ष पर तीखा हमला बोला और कहा कि विपक्ष पराजय की निराशा से बाहर निकले और अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी निभाए।
पीएम मोदी बोले— “विपक्ष पराजय नहीं पचा पा रहा, सत्र देश के भविष्य पर केंद्रित हो”
पीएम मोदी ने कहा:
“साथियों, यह सत्र देश क्या सोच रहा है, क्या करना चाहता है— इस पर केंद्रित होना चाहिए। विपक्ष भी अपना दायित्व निभाए, पराजय की निराशा से बाहर आए।”
उन्होंने कहा कि बिहार चुनाव के नतीजों के बाद भी विपक्ष अब तक सामान्य नहीं हो पाया है।
मोदी ने दो टूक कहा कि—
सत्र विपक्ष की बौखलाहट का मैदान नहीं बनना चाहिए।
और न ही यह विजय के अहंकार में तब्दील होना चाहिए।
संसद में संतुलन, जिम्मेदारी और सार्थक चर्चा होनी चाहिए।
SIR (विशेष गहन पुनरीक्षण) पर घमासान बढ़ने के आसार
सूत्रों के अनुसार विपक्ष इस सत्र में SIR मुद्दे पर बड़ा विवाद उठाने की तैयारी में है।
यह वही मुद्दा है जिसके कारण कई राज्यों में सियासी गर्मी पहले से ही तेज है।
केंद्र सरकार 14 विधेयक पेश कर सकती है, जिसमें कई अहम बिल शामिल हैं।
सत्र का कैलेंडर
अवधि: 1–19 दिसंबर
कुल बैठकें: 15 (लोकसभा) + 15 (राज्यसभा)
विपक्ष की मांगें: SIR, आंतरिक सुरक्षा, लेबर कोड पर चर्चा
सरकार की प्राथमिकता: वंदे मातरम् पर चर्चा
लोकसभा में जोरदार हंगामा, 12 बजे तक स्थगित
लोकसभा में प्रश्नकाल शुरू होते ही विपक्ष ने वेल में पहुंचकर जोरदार हंगामा किया।
स्पीकर ओम बिरला ने तख्तियां लाने पर नाराजगी जताई और कहा:
“सदन बाधित करना ठीक नहीं। दुनिया को संदेश जाना चाहिए कि भारत की संसद सक्रिय रूप से चलती है।”
लेकिन अपील बेअसर रही और सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित कर दी गई।
राज्यसभा में पीएम ने सभापति का स्वागत किया
प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यसभा में नए सभापति सीपी राधाकृष्णन का स्वागत किया।
उन्होंने कहा—
सभापति सामान्य परिवार से आए हैं
उनका जीवन समाज सेवा और संघर्ष से भरा रहा
इमरजेंसी के दौरान उनका संघर्ष प्रेरणादायक रहा
सभी सदस्य उनकी गरिमा को बनाए रखेंगे
पीएम ने काशी में पूजा के बाद उनका संकल्प— “नॉनवेज न खाने का”— भी याद किया।
लोकसभा में फिर हंगामा, स्पीकर बोले— ‘सदन संवाद के लिए है’
विपक्ष सदन में नारेबाजी करते हुए वेल में पहुंचा।
स्पीकर ने कहा:
“सदन चर्चा और संवाद के लिए है, कृपया बैठें।”
लेकिन हंगामा जारी रहा।
सत्र की शुरुआत में महिला क्रिकेट टीम, ब्लाइंड टीम और कबड्डी टीम को बधाई दी गई।
राज्यसभा में पीएम मोदी बोले— ‘आपका मार्गदर्शन हमारे लिए गर्व’
पीएम ने कहा कि शीतकालीन सत्र देश के लिए महत्वपूर्ण है और सभी सदस्य मिलकर लोकतांत्रिक मर्यादा बनाए रखें।




