
Prime Minister Narendra Modi responds to Rahul Gandhi's Operation Sindoor challenge in Parliament, defends India’s decisive missile action – Shah Times
संसद में राहुल गांधी की खुली चुनौती, पीएम मोदी का पलटवार
ट्रंप की मध्यस्थता पर राहुल गांधी ने पीएम मोदी को दी चुनौती
Operation Sindoor पर संसद में छिड़ी बहस में राहुल गांधी ने पीएम मोदी को चुनौती दी। पीएम ने दिया कड़ा जवाब: “किसी भी नेता ने अभियान रोकने को नहीं कहा।”
New Delhi (Shah Times)। संसद का मॉनसून सत्र एक बार फिर से सत्ता और विपक्ष के तीखे टकराव का गवाह बना। इस बार मुद्दा था भारत का बहुचर्चित सैन्य अभियान — ऑपरेशन सिंदूर। विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने इस अभियान को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से खुली चुनौती दी, जबकि पीएम मोदी ने तथ्यों और दृढ़ता से विपक्ष के आरोपों का जवाब दिया। यह बहस सिर्फ भारत की सुरक्षा नीति ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय दबाव, अमेरिका की भूमिका और पाकिस्तान के प्रति भारत की रणनीति को भी सामने लाती है।
राहुल गांधी का सवाल: “ट्रंप 29 बार सीजफायर का श्रेय क्यों लेते हैं?”
लोकसभा में बोलते हुए राहुल गांधी ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद हुए कथित सीजफायर को लेकर बड़ा सवाल उठाया। उन्होंने कहा:
“डोनाल्ड ट्रंप 29 बार कह चुके हैं कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर करवाई। अगर यह झूठ है तो प्रधानमंत्री मोदी संसद में कहें कि ट्रंप झूठ बोल रहे हैं।”
राहुल गांधी का इशारा इस ओर था कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप लगातार यह दावा कर रहे हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच उनकी मध्यस्थता से तनाव कम हुआ। उन्होंने इसे भारतीय संप्रभुता पर प्रश्न के रूप में पेश किया।
पीएम मोदी का करारा जवाब: “दुनिया के किसी भी नेता ने ऑपरेशन सिंदूर को रोकने को नहीं कहा”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष के इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि भारत ने यह ऑपरेशन पूरी तरह अपने आत्मनिर्णय से चलाया था।
“दुनिया के किसी भी नेता ने ऑपरेशन सिंदूर को रोकने के लिए मुझसे नहीं कहा। अमेरिका के उपराष्ट्रपति ने जरूर फोन किया था और कहा कि पाकिस्तान बड़ा हमला करने की योजना बना रहा है। मेरा जवाब था — अगर पाकिस्तान ऐसा करता है, तो उसे इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।”
प्रधानमंत्री ने सदन में यह भी बताया कि ऑपरेशन की योजना सेना और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के साथ मिलकर बनाई गई थी, और मिशन का लक्ष्य पाकिस्तान में आतंकी ढांचों को पूरी तरह ध्वस्त करना था।
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9 और 10 मई की रात: मिसाइल हमलों से हिला पाकिस्तान
पीएम मोदी ने संसद में विस्तार से बताया कि 9 मई की रात और 10 मई की सुबह भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ रणनीतिक हमले किए। मिसाइलों के माध्यम से पाकिस्तान के आतंकी ढांचों और सैन्य ठिकानों पर हमला किया गया।
“हमने स्पष्ट कर दिया था कि गोली का जवाब गोले से देंगे। हमने पाकिस्तान के कोनों में मिसाइल प्रहार कर उन्हें घुटनों पर ला दिया।”
प्रधानमंत्री का यह बयान एक बार फिर से भारत की आक्रामक सुरक्षा नीति का संकेत देता है जो अब जवाबी कार्रवाई की बजाय पहले से तैयार रणनीति पर आधारित है।
डीजीएमओ को पाकिस्तान की ‘गुहार’
प्रधानमंत्री मोदी ने संसद को बताया कि भारत की जवाबी कार्रवाई इतनी प्रभावशाली थी कि पाकिस्तान को डीजीएमओ (डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन्स) के माध्यम से भारत से हमला रोकने की अपील करनी पड़ी।
“पाकिस्तान ने कहा कि अब और नहीं सह सकते। भारत ने पहले ही दिन कह दिया था कि हमने अपना मिशन पूरा कर लिया है। अब अगर कुछ करोगे तो उसका मूल्य बहुत बड़ा होगा।”
यह बयान भारत की सैन्य रणनीति में पारदर्शिता और आत्मविश्वास को दर्शाता है।
‘कुछ लोग सेना की बजाय पाकिस्तान के प्रचार में लगे हैं’
प्रधानमंत्री मोदी ने बिना किसी पार्टी का नाम लिए आरोप लगाया कि भारत में कुछ लोग ऐसे हैं जो सेना के तथ्यों की बजाय पाकिस्तान के झूठे प्रचार को बढ़ावा देने में लगे हैं। उन्होंने कहा:
“ये वही प्रोपेगेंडा है जो सीमा पार से फैलाया जा रहा है। भारत का रुख हमेशा स्पष्ट रहा है — हम आत्मनिर्भर और निर्णायक हैं।”
यह टिप्पणी सीधे तौर पर उन राजनीतिक दलों के लिए थी जो सरकार की सुरक्षा नीतियों पर सवाल खड़े करते हैं।
“भारत कुछ भी कर सकता है” — पीएम मोदी की चेतावनी
प्रधानमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान अब भली-भांति समझ चुका है कि भारत का हर जवाब पहले से ज्यादा सख्त और निर्णायक होता है।
“अगर पाकिस्तान ने आगे दुस्साहस किया, तो उसे करारा जवाब मिलेगा। ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है, बल्कि जारी है।”
यह स्पष्ट संकेत था कि भारत अब सिर्फ प्रतिकूल प्रतिक्रिया नहीं देता, बल्कि भविष्य की कार्रवाई के लिए भी रणनीतिक रूप से तैयार है।
कांग्रेस की ‘पाकिस्तान नीति’ पर निशाना
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर भी करारा हमला बोला और कहा कि भारत आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है, लेकिन कांग्रेस अपनी राजनीति के लिए पाकिस्तान पर निर्भर होती जा रही है।
“देश देख रहा है कि एक ओर भारत तेज़ गति से आत्मनिर्भर बन रहा है, वहीं कांग्रेस हर मुद्दे पर पाकिस्तान का हवाला देती है।”
यह बयान राजनीतिक विमर्श में कांग्रेस की विदेश नीति और रक्षा मामलों में भूमिका पर एक गहरा कटाक्ष था।
निष्कर्ष: राष्ट्रीय सुरक्षा और राजनीति के बीच संघर्ष
ऑपरेशन सिंदूर पर लोकसभा में हुई बहस ने यह दिखा दिया कि भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा पर भी राजनीतिक टकराव चरम पर पहुंच चुका है। एक ओर प्रधानमंत्री मोदी ने सेना, आत्मनिर्भरता और निर्णायक नेतृत्व का संदेश दिया, वहीं राहुल गांधी ने अमेरिका के हस्तक्षेप और प्रधानमंत्री की पारदर्शिता पर सवाल उठाए।
इस बहस ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया कि भारत की आक्रामक रक्षा नीति पर विदेश से दबाव होने के बावजूद सरकार अपने रुख पर अडिग है। वहीं, विपक्ष का मानना है कि जनता के सवालों के जवाब सीधे संसद में दिए जाने चाहिए।
2026 की ओर बढ़ती राजनीति में रक्षा और विदेश नीति अब केवल कूटनीति नहीं, चुनावी मुद्दा भी बनती जा रही है।