
Accused arrested for defrauding SENEMI Consulting Private Limited of crores of rupees – Shah Times Exclusive
“Police Cracked 120 करोड़ का इन्वेस्टमेंट फ्रॉड – ब्यूटी प्रोडक्ट्स के पीछे का काला कारोबार”
“सपनों के ब्युटी प्रोडक्ट्स, मगर सच्चाई में करोड़ों की ठगी – पुरकाजी पुलिस की बड़ी सफलता”
📍मुजफ्फरनगर🗓️ 8 अक्टूबर 2025✍️ Asif Khan
मुजफ्फरनगर के थाना पुरकाजी पुलिस ने ब्यूटी प्रोडक्ट कंपनी के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। तीन अभियुक्त गिरफ्तार हुए हैं, जिनके कब्जे से करीब 4 करोड़ रुपये मूल्य के प्रोडक्ट्स, एक कार, फर्नीचर और ऑफिस सामग्री बरामद हुई। “SENEMI Consulting Private Limited” नाम की यह फर्जी कंपनी लोगों को निवेश पर ढाई गुना रिटर्न का लालच देकर 120 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी में शामिल थी।
“ब्यूटी प्रोडक्ट्स की आड़ में इन्वेस्टमेंट फ्रॉड का खूबसूरत झूठ – पुरकाजी पुलिस की सटीक कार्यवाही ने खोला करोड़ों का राज़”
मुज़फ्फरनगर की सरज़मीं पर जब पुरकाजी थाना पुलिस ने SENEMI Consulting Private Limited के नाम पर चल रहे फ्रॉड का पर्दाफाश किया, तो यह सिर्फ़ एक पुलिस एक्शन नहीं था — यह उन लाखों निवेशकों के लिए सबक था जो “जल्दी अमीर बनने के सपने” में आंख मूंदकर भरोसा कर लेते हैं।
लोगों को लालच दिया गया कि अगर वो इस कंपनी में पैसे लगाएंगे तो 16 महीनों में ढाई गुना रिटर्न मिलेगा। “बस कुछ महीने का इंतज़ार, और ज़िंदगी बदल जाएगी” — यही वो लाइन थी जो सैकड़ों लोगों के मन में उम्मीद का बीज बो गई। मगर जैसे ही बीज अंकुरित हुआ, धोखे की जड़ें गहरी हो चुकी थीं।
इस केस में मुख्य आरोपी अमित कुमार गौतम, उसके साथी डॉ. शादाब और सरफराज, सभी ने अपने नेटवर्क के ज़रिए पुरकाजी, झोझगान और आसपास के इलाकों के सैकड़ों आम निवेशकों को “SENEMI कंपनी” की स्कीम में शामिल किया। कंपनी का नाम सुनने में विदेशी और भरोसेमंद लगता था, और यही उनकी चालाकी थी।
उन्होंने निवेशकों को लिखित एग्रीमेंट दिया, जिससे पूरा मामला कानूनी सा लगे। साथ ही उन्हें multi-level marketing की तरह और लोगों को जोड़ने पर अतिरिक्त लाभ देने की बात कही गई।
पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, 120 करोड़ रुपये से अधिक की राशि लोगों से जुटाई गई। अमित ने अपनी पत्नी वंदना के नाम पर कंपनी बनाई थी। ठगी से कमाई गई रकम से हरिद्वार, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर और अन्य जगहों पर प्रॉपर्टी खरीदी गई। कंपनी ने SENEMI ब्रांड के नाम से ब्यूटी प्रोडक्ट्स भी लॉन्च किए ताकि ठगी को “लीजिट बिज़नेस” का रूप दिया जा सके।
सच्चाई का आईना – झूठ की खूबसूरती के पीछे की हकीकत
लोगों को “ग्लो और ग्रोथ” दोनों का वादा किया गया — glow through beauty products and growth through investment.
लेकिन जब देनदारी बढ़ गई, और निवेशकों की भीड़ ने पैसे वापस मांगे, तो ये सभी आरोपी दफ्तर, मार्ट और वेयरहाउस बंद कर फरार हो गए।
यानी जो कल तक ब्यूटी की दुनिया में नया साम्राज्य बनाने का दावा कर रहे थे, वही आज जेल की सलाखों के पीछे हैं।
यह कहानी सिर्फ़ पुरकाजी या मुज़फ्फरनगर की नहीं, बल्कि उन लाखों लोगों की है जो आज भी “डबल पैसा” स्कीमों में फंस जाते हैं।
कभी “क्रिप्टो इन्वेस्टमेंट”, कभी “ब्यूटी फ्रेंचाइज़ी”, कभी “रियल एस्टेट डील” — हर बार स्कीम का चेहरा नया होता है, लेकिन ठगी का तरीका वही पुराना।
पुलिस की मुस्तैदी और जनता के लिए सबक
पुरकाजी पुलिस टीम ने मुखबिर की सूचना पर धमात नहर पुल के पास से तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया।
बरामदगी में 4 करोड़ रुपये के ब्यूटी प्रोडक्ट्स, नेक्सॉन कार, फर्नीचर और ऑफिस उपकरण शामिल हैं।
ADG मेरठ ज़ोन, DIG सहारनपुर और SSP मुज़फ्फरनगर के निर्देशन में यह कार्रवाई हुई, जो पुलिस की सतर्कता और टीमवर्क का उत्कृष्ट उदाहरण है।
लेकिन सवाल ये भी उठता है — जनता इतनी जल्दी भरोसा क्यों कर लेती है?
“क्यों हर नई स्कीम को हम भाग्य बदलने वाला मौका समझ लेते हैं?”
दरअसल, आर्थिक अनिश्चितता और तेज़ मुनाफे का लालच लोगों को जोखिम भरी राह पर ले जाता है।
यही वह जगह है जहां अपराधी मनोविज्ञान काम करता है।
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आर्थिक अपराधों की बदलती सूरत
आज के दौर में धोखाधड़ी का चेहरा बदल चुका है। पहले ठग चिट फंड चलाते थे, अब वे “प्राइवेट लिमिटेड” कंपनियों के बोर्ड रूम में बैठते हैं।
लोगों के भरोसे और लालच का ये संगम ही ठगों का असली पूंजी बाजार है।
इस केस में भी “ब्यूटी प्रोडक्ट्स” का इस्तेमाल सिर्फ़ एक नक़ाब के तौर पर हुआ — ताकि कंपनी असली लगे, इन्वेस्टमेंट वैध दिखे और ठगी को बिज़नेस का रूप दिया जा सके।
सुधार की राह – जनजागरूकता ज़रूरी है
सरकार और पुलिस लगातार चेतावनी देती हैं कि किसी भी इन्वेस्टमेंट स्कीम में पैसा लगाने से पहले उसके रजिस्ट्रेशन, कंपनी डायरेक्टर और रिटर्न शर्तें जांचें।
पर जब “विश्वास का मास्क” सामने होता है, तो सतर्कता पीछे रह जाती है।
इसलिए समाज के हर स्तर पर financial literacy और legal awareness की ज़रूरत है।
नज़रिया
पुरकाजी पुलिस की इस कार्रवाई ने यह साबित कर दिया कि कानून के जाल से बच निकलना आसान नहीं है।
लेकिन इस केस की असली सीख यह है कि “निवेश में समझदारी ही सुरक्षा है।”
हर चमकती चीज़ सोना नहीं होती — और हर beauty product स्कीम भी नहीं।
आम नागरिकों को अब यह समझना होगा कि असली सुंदरता सच्चाई में है, झूठी स्कीमों में नहीं।






