
Police action at Shambhu Border: Farmers' protest sites cleared after one year of agitation.
पंजाब पुलिस ने शंभू बॉर्डर पर किसान धरना समाप्त कराया, टेंट और मोर्चे किए ध्वस्त
शंभू बॉर्डर पर पंजाब पुलिस ने बड़ा एक्शन लेते हुए किसान आंदोलन को समाप्त कराया। टेंट और मंचों को बुलडोजर से तोड़ा गया, 40 से अधिक किसानों ने आत्मसमर्पण किया। इंटरनेट सेवाएं बंद, राजमार्ग जल्द खुलेगा।
शंभू बॉर्डर (Shah Times)। पंजाब पुलिस ने बुधवार रात शंभू बॉर्डर पर पिछले एक साल से चल रहे किसान आंदोलन को पूरी योजना के साथ समाप्त करा दिया। पुलिस ने किसानों द्वारा लगाए गए टेंट और स्थायी मोर्चों को बुलडोजर से तोड़ दिया। पुलिस ने किसान मजदूर मोर्चा के कार्यालय और मंच को भी ध्वस्त कर दिया। इस कार्रवाई के दौरान भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। इसके अलावा, शंभू और खनौरी बॉर्डर के आसपास के इलाकों में इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं।
किसानों के खिलाफ पुलिस का बड़ा एक्शन
बुधवार रात पंजाब पुलिस ने बड़ी संख्या में मौजूद किसानों को हिरासत में लिया। जिन किसानों ने विरोध किया, उन्हें जबरन बसों में बिठाकर हिरासत में लिया गया। पुलिस ने किसानों के ट्रैक्टर-ट्रालियों को भी हटवा दिया और स्थायी रूप से बनाए गए टेंट और अस्थायी घरों को जेसीबी और क्रेन से ध्वस्त कर दिया गया। पुलिस का कहना है कि गुरुवार सुबह तक शंभू बॉर्डर को पूरी तरह से साफ कर दिया जाएगा और राजमार्ग को फिर से यातायात के लिए खोल दिया जाएगा।
40 से 50 किसानों ने किया आत्मसमर्पण
पंजाब पुलिस के डीआईजी हरमिंदर सिंह गिल ने बताया कि अब तक 40 से 50 किसानों ने आत्मसमर्पण कर दिया है। उन्होंने कहा कि यदि कोई किसान गिरफ्तारी की मांग करेगा, तो उसे गिरफ्तार किया जाएगा और अगर कोई छोड़ने की मांग करेगा तो उसे छोड़ दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि अवैध रूप से बनाए गए सभी निर्माणों को अगले कुछ घंटों में पूरी तरह से हटा दिया जाएगा।
अंतिम सांस तक लड़ेंगे – किसान नेता
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि “हम अंतिम सांस तक लड़ाई जारी रखेंगे। हमें मारे बिना यहां से हटाया नहीं जा सकता है। हम पंजाब और हरियाणा के किसानों से अपील करते हैं कि सभी अपनी ट्रॉली लेकर यहां पहुंचें। सरकार बड़ी हो सकती है, लेकिन जनता से बड़ी नहीं हो सकती।”
किसान नेताओं को हिरासत में लिया गया
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के बाद लौट रहे किसान नेताओं – सरवन सिंह पंढेर, जगजीत सिंह डल्लेवाल, अभिमन्यु कोहाड़, काका सिंह कोटरा और मंजीत सिंह राय – को मोहाली में हिरासत में लिया गया। डल्लेवाल को एंबुलेंस में हिरासत में लिया गया, जबकि पंढेर को जीरकपुर के पास से पकड़ा गया। इन सभी नेताओं को पटियाला के बहादुरगढ़ कमांडो पुलिस प्रशिक्षण केंद्र ले जाया गया।
किसानों की प्रमुख मांगें
किसान पिछले साल 13 फरवरी से शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए थे। उनकी प्रमुख मांगें थीं:
- न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी
- कर्ज माफी
- कृषि कानूनों की वापसी
- बिजली बिलों में कटौती
- खाद और बीज पर सब्सिडी
बॉर्डर पर भारी पुलिस बल की तैनाती
पटियाला रेंज के डीआईजी मनदीप सिंह सिद्धू ने कहा कि शंभू बॉर्डर पर 3,000 पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे, जबकि किसानों की संख्या 200 से ज्यादा नहीं थी। सिद्धू ने प्रदर्शनकारियों को चेतावनी दी कि यदि उन्होंने पुलिस का विरोध किया, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बॉर्डर खुलने से व्यापार को राहत
पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि शंभू और खनौरी बॉर्डर के बंद होने से पंजाब के व्यापार, उद्योग और ट्रांसपोर्ट पर बुरा असर पड़ा था। अब बॉर्डर खुलने से इन क्षेत्रों को राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार युवाओं और रोजगार सृजन के लिए प्रतिबद्ध है।
4 मई को फिर होगी वार्ता
चंडीगढ़ में किसान नेताओं और केंद्र सरकार के बीच तीन घंटे से अधिक समय तक बैठक चली, लेकिन वार्ता बेनतीजा रही। अगली बैठक 4 मई को निर्धारित की गई है।
पंजाब सरकार पर निशाना
शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के नेता दलजीत सिंह चीमा ने किसान नेताओं की गिरफ्तारी को “लोकतंत्र पर हमला” बताया। कांग्रेस नेता चरणजीत सिंह चन्नी ने भी इस कार्रवाई को दुर्भाग्यपूर्ण कहा। विपक्षी दलों ने पंजाब सरकार पर केंद्र के इशारे पर किसान आंदोलन को कुचलने का आरोप लगाया है।
किसानों का संघर्ष जारी
किसानों का कहना है कि वे अपनी मांगों के पूरा होने तक संघर्ष जारी रखेंगे। किसान नेता गुरमनीत सिंह मंगत ने कहा कि यह आंदोलन तब तक खत्म नहीं होगा जब तक उनकी सभी मांगें पूरी नहीं होतीं।