
Priyanka Gandhi speaking on Gaza crisis, accusing Israel of genocide and criticizing Indian government’s silence.
कांग्रेस सांसद का हमला,इजरायल के खिलाफ प्रियंका गांधी का बड़ा बयान
गाजा संकट पर प्रियंका गांधी का बयान, इजरायल को बताया जिम्मेदार
प्रियंका गांधी ने गाजा में इजरायली हमलों को नरसंहार बताया और मोदी सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाए। इजरायल ने आरोपों को खारिज किया।
नई दिल्ली (Shah Times) – कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने गाजा पट्टी में इजरायली सुरक्षा बलों (IDF) द्वारा जारी हमलों को लेकर तीखा बयान दिया है। उन्होंने इजरायल पर ‘नरसंहार’ का आरोप लगाया और कहा कि भारत सरकार की चुप्पी इन अपराधों को बढ़ावा दे रही है।
प्रियंका ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए दावा किया कि गाजा में अब तक 60,000 से अधिक लोग मारे गए, जिनमें 18,430 बच्चे शामिल हैं। उन्होंने अल जज़ीरा के पाँच पत्रकारों की टारगेट किलिंग को “जघन्य अपराध” बताया।
गाजा में पत्रकारों की हत्या को ‘जघन्य अपराध’ बताया
प्रियंका गांधी ने पोस्ट में कहा –
“अल-जज़ीरा के पांच पत्रकारों की निर्मम हत्या फिलिस्तीनी सरजमीं पर किया गया एक और जघन्य अपराध है। सच्चाई के लिए खड़े होने का साहस, इजरायली हिंसा और नफरत से कभी नहीं टूटेगा।”
उन्होंने कहा कि ऐसे दौर में जब मीडिया का बड़ा हिस्सा सत्ता और व्यापार के दबाव में है, इन पत्रकारों ने हमें “सच्ची पत्रकारिता” का मतलब याद दिलाया।
प्रियंका की लगातार मुखरता
यह पहला मौका नहीं है जब प्रियंका गांधी ने इजरायल के खिलाफ बयान दिया है।
वे लगातार फिलिस्तीन के समर्थन में आवाज उठा रही हैं।
उन्होंने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय के उस बयान का भी समर्थन किया, जिसमें पत्रकारों के शिविर पर हवाई हमले को अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का गंभीर उल्लंघन बताया गया था।
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मोदी सरकार की चुप्पी पर सवाल
प्रियंका ने लिखा –
“इजरायल नरसंहार कर रहा है। उसने 60,000 से अधिक लोगों की हत्या की है, जिनमें 18,430 बच्चे शामिल हैं। चुप्पी और निष्क्रियता इन अपराधों को बढ़ावा देती है। यह शर्मनाक है कि भारत सरकार चुप बैठी है।”
उनका कहना है कि भूख, दवाइयों की कमी और लगातार हमले गाजा के लोगों को बर्बादी की कगार पर ले जा रहे हैं।
इजरायली राजदूत की कड़ी प्रतिक्रिया
प्रियंका गांधी के आरोपों का जवाब देते हुए भारत में इजरायल के राजदूत रुवेन अजार ने कहा –
इजरायल ने 25,000 हमास आतंकवादियों को मार गिराया है।
नागरिकों की मौत के लिए हमास जिम्मेदार है, क्योंकि वह नागरिकों के पीछे छिपता है और सहायता में बाधा डालता है।
इजरायल ने गाजा में 20 लाख टन भोजन पहुंचाया है, लेकिन हमास उसे जब्त करने की कोशिश करता है।
राजदूत ने यह भी कहा कि “गाजा की आबादी 50 साल में 450% बढ़ी है, नरसंहार का दावा गलत है। हमास के आंकड़ों पर भरोसा मत कीजिए।”
भू-राजनीतिक पृष्ठभूमि और विश्लेषण
गाजा-इजरायल संघर्ष दशकों पुराना है, लेकिन हाल के वर्षों में इसमें
हमास के हमले,
इजरायल की सैन्य प्रतिक्रिया,
और अंतरराष्ट्रीय दबाव
के बीच हिंसा का स्तर काफी बढ़ा है।
भारत ने ऐतिहासिक रूप से फिलिस्तीन के समर्थन और इजरायल के साथ सामरिक संबंधों के बीच संतुलन बनाए रखा है। लेकिन मौजूदा हालात में मोदी सरकार की चुप्पी को विपक्ष सवालों के घेरे में ला रहा है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएँ
संयुक्त राष्ट्र ने पत्रकारों की हत्या और नागरिकों की मौत पर चिंता जताई है।
अमेरिका और यूरोप इजरायल को सुरक्षा का अधिकार देने की बात करते हैं, लेकिन मानवीय संकट पर भी जोर देते हैं।
अरब देशों ने गाजा में हमलों को रोकने की मांग तेज कर दी है।
प्रियंका गांधी का बयान भारत की घरेलू राजनीति और अंतरराष्ट्रीय कूटनीति – दोनों में हलचल पैदा कर रहा है।
जहां कांग्रेस इसे मानवीय दृष्टिकोण से देख रही है, वहीं इजरायल अपने आतंकवाद-रोधी अभियान का बचाव कर रहा है।
फिलहाल, गाजा में हालात गंभीर हैं और भारत की आधिकारिक चुप्पी पर बहस तेज हो रही है।