पीएम मोदी ने अडानी मामले को बताया ‘निजी’, राहुल गांधी ने किया करारा हमला
“देश में चुप्पी, विदेश में निजी मामला!” राहुल गांधी का मोदी सरकार पर निशाना
अडानी विवाद: राहुल गांधी का आरोप – “मोदी जी ने मित्रों की जेब भरी”
अमेरिका में अडानी मुद्दे पर पीएम मोदी की सफाई, राहुल गांधी ने उठाए सवाल
राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर अडानी मामले को छिपाने का आरोप लगाया, कहा- “विदेश में पूछो तो निजी मामला!”
राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर अडानी के भ्रष्टाचार को छिपाने का आरोप लगाया। अमेरिका में पूछे गए सवाल पर मोदी जी ने इसे व्यक्तिगत मामला बताया। जानिए पूरी खबर।
भारत की राजनीति में एक बार फिर से अडानी विवाद ने तूल पकड़ लिया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि मोदी सरकार अडानी के भ्रष्टाचार को छिपा रही है। अमेरिका में पीएम मोदी से जब यह सवाल किया गया, तो उन्होंने इसे व्यक्तिगत मामला बता दिया। सवाल यह उठता है कि अगर देश की संपत्ति की लूट ‘निजी मामला’ है, तो फिर जनता से जुड़े मुद्दे क्या हैं? लोकतंत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही जरूरी है, और जब देश का प्रधानमंत्री अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी चुप्पी साध लेता है, तो सवाल उठना स्वाभाविक है।
नई दिल्ली,(Shah Times)। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अमेरिका में पीएम नरेंद्र मोदी से कारोबारी गौतम अडानी पर पूछे गए सवाल को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने पीएम मोदी पर अडानी के भ्रष्टाचार को छिपाने का आरोप लगाया और कहा कि विदेश में भी प्रधानमंत्री इस मुद्दे पर चुप्पी साध रहे हैं।
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “देश में सवाल पूछो तो चुप्पी, विदेश में पूछो तो निजी मामला! अमेरिका में भी मोदी जी ने अडानी जी के भ्रष्टाचार पर पर्दा डाल दिया! जब मित्र का जेब भरना मोदी जी के लिए ‘राष्ट्र निर्माण’ है, तब रिश्वतखोरी और देश की संपत्ति को लूटना ‘व्यक्तिगत मामला’ बन जाता है।”
अमेरिका में एक पत्रकार ने पीएम मोदी से गौतम अडानी के खिलाफ लगे आरोपों को लेकर सवाल पूछा था। इस पर पीएम मोदी ने जवाब देते हुए कहा, “भारत एक लोकतंत्र है और हमारी संस्कृति ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ है। हम पूरी दुनिया को एक परिवार मानते हैं। मेरा मानना है कि हर भारतीय मेरा है। दो देशों के दो प्रमुख नेता कभी भी ऐसे व्यक्तिगत मुद्दों पर चर्चा नहीं करते हैं।”
राहुल गांधी ने पीएम मोदी के इस बयान पर तंज कसते हुए कहा कि देश में जब अडानी से जुड़े सवाल पूछे जाते हैं, तो सरकार मौन रहती है और जब विदेश में सवाल उठाए जाते हैं, तो उसे व्यक्तिगत मामला बता दिया जाता है।
कांग्रेस लगातार आरोप लगाती रही है कि मोदी सरकार अडानी समूह को लाभ पहुंचाने का काम कर रही है। वहीं, भाजपा ने इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताते हुए खारिज किया है। विपक्ष का कहना है कि सरकार को अडानी मुद्दे पर पारदर्शिता रखनी चाहिए और जनता को सच्चाई बतानी चाहिए।
अमेरिका यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान एक अमेरिकी पत्रकार ने उनसे भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी से जुड़े रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के मामले पर सवाल किया। पत्रकार ने जानना चाहा कि क्या पीएम मोदी ने इस मामले में ट्रंप से कोई चर्चा की है।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस सवाल का सधा हुआ जवाब देते हुए कहा,
“भारत एक लोकतांत्रिक देश है और हमारी संस्कृति ‘वसुधैव कुटुंबकम’ की है, यानी पूरा विश्व एक परिवार है। जब बात निजी मामलों की आती है, तो दो देशों के नेता इस पर चर्चा नहीं करते।”
क्या है मामला?
अमेरिकी न्याय विभाग (US Justice Department) ने गौतम अडानी, उनके भतीजे सागर अडानी और 8 अन्य लोगों पर रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के आरोप लगाए हैं।
➡️ आरोप: अडानी समूह ने भारत में सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स के ठेके पाने के लिए सरकारी अधिकारियों को 265 मिलियन डॉलर (लगभग 2200 करोड़ रुपये) की रिश्वत दी।
➡️ धोखाधड़ी का दावा: अडानी ग्रीन एनर्जी ने इस साजिश के तहत अमेरिकी निवेशकों से 175 मिलियन डॉलर से अधिक जुटाए और एज्योर पावर के शेयर न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट कराए, लेकिन यह जानकारी निवेशकों से छिपाई गई।
➡️ अमेरिकी अभियोजकों का आरोप: अडानी समूह ने निवेशकों और वैश्विक वित्तीय संस्थानों को गुमराह करने के लिए झूठे और भ्रामक बयान दिए।
अडानी समूह का क्या कहना है?
अडानी समूह ने इन आरोपों को पूरी तरह से “निराधार और बेबुनियाद” बताया है और कहा है कि वे कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए सभी विकल्पों का इस्तेमाल करेंगे।
क्या होगा आगे?
इस मामले की जांच और कानूनी प्रक्रिया जारी है। यदि आरोप साबित होते हैं, तो अडानी समूह को अमेरिका में भारी आर्थिक नुकसान और कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
राजनीतिक हलचल तेज
पीएम मोदी के बयान के बाद इस मामले ने राजनीतिक तूल पकड़ लिया है। विपक्षी दलों ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार को इस पर स्पष्ट रुख अपनाना चाहिए। वहीं, भारतीय बाजारों पर भी इस खबर का असर पड़ सकता है।
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