सदन में भड़के रेल मंत्री, कहा हम रील नहीं बनाते, हम कड़ी मेहनत करते हैं

लोको पायलटों के औसत कामकाजी और आराम का समय 2005 में बनाए गए एक नियम से तय होता है। 2016 में नियमों में संशोधन किया गया और लोको पायलटों को अधिक से अधिक सुविधाएं दी गईं।

~Tanu

(शाह टाइम्स)। लोकसभा में विपक्ष पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हमला बोला हैं। जिसमें अश्विनी वैष्णव ने कहा कि हम रील नहीं बनाते, हम कड़ी मेहनत करते हैं। हम दिखावा करने के लिए रील बनाने वाले नहीं हैं। रेल हादसे को लेकर विपक्ष के हंगामे से नाराज अश्विनी वैष्णव ने कहा कि जो लोग यहां चिल्ला रहे हैं, उनसे पूछा जाना चाहिए कि सत्ता में रहते हुए 58 साल में वो 1 किलोमीटर भी ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन यानी ATP क्यों नहीं लगा पाए।

उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने 2016 में संशोधन लाकर लोको पायलट की कार्य स्थितियों में सुधार किया है।

उन्होंने आगे कहा कि, “लोको पायलटों के औसत कामकाजी और आराम का समय 2005 में बनाए गए एक नियम से तय होता है। आपको बता दें कि 2016 में नियमों में संशोधन किया गया और लोको पायलटों को अधिक से अधिक सुविधाएं दी गईं। वहीं सभी रनिंग रूम- 558 को वातानुकूलित बनाया गया। लोको कैब बहुत अधिक कंपन होता है, गर्म होता है और इसलिए 7,000 से अधिक लोको कैब वातानुकूलित हैं। यह सब उन लोगों के समय में शून्य था, जो आज रील बनाकर सिम्पैथी दिखाते हैं।”

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