
कुंडली के राजयोग जो दिलाएंगे आपको सत्ता सुख
भारत में 18वीं लोकसभा चुनाव इस वर्ष होने हैं जो कि कई मायनों में बहुत विशेष होने वाली है क्योंकि इसमें कई विशेष घटना घटने वाली है। इस चुनाव में विकसित भारत की नींव रखी जाएगी, देश और शक्तिशाली बनने की ओर अग्रसर होगा अब लगभग पूरे देश में आम चुनाव को लेकर उत्सुकता बनी हुई हैं। अप्रैल-मई 2024 में चुनाव होने की सम्भवना हैं, वैसे तो वर्चस्व अनुसार लगभग सभी जानते हैं कि किसका पलड़ा ज्यादा भारी हैं परन्तु फिर भी लोगों के मन में कुछ एक अहम् प्रश्न हैं जैसे अगला प्रधानमंत्री कौन? इसकी चर्चा हम अगले प्रकाशन में करेंगे लेकिन आज के इस लेख में आपको बताने जा रहे हैं कि कुंडली के कौन से योग आपको दिलातें हैं राजनीति क्षेत्र में सफलता।
ज्योतिषी रजत सिंगल जी के अनुसार कुंडली के पहले भाव या घर को लग्न भाव कहा जाता है। इस घर में जो राशि होती है, कुंडली उसी लग्न की मानी जाती है। वैसे कर्क लग्न की कुंडली वाले व्यक्ति को राजनीतिक क्षेत्र में ज्यादा देखा जाता हैं परन्तु सफलता निर्भर करती है आपकी कुंडली में अन्य ग्रहो खासकर सूर्य, राहु और शनि की स्थिति कैसी है। भारत देश में सर्वाधिक प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री वा कद्दावर नेता कर्क लग्न में ही जन्मे हैं जिनमें पं.जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, इन्द्र कुमार गुजराल, सोनिया गांधी, विश्वनाथ प्रताप सिंह,एच.डी.देवेगौड़ा, एम करूणानिधि, मुलायम सिंह, शीला दीक्षित, मायावती आदि अनेकानेक ऐसे बड़े राजनेता हैं जो कर्क लग्न में जन्मे हैं और भारत की राजनीति में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है।
राजनीति मे हिट बनाते है यह ग्रह
राहु: राहु कूटनीति के साथ-साथ जातक में छल-कपट की भावना भी पैदा करता है, इसलिए राहु को राजनीति का ग्रह माना जाता है। राहु अगर कुंडली में अच्छा होता है तो आप सुगम रणनीति बना पाते हैं। राहू का संबंध सातवें, दसवें एवं ग्यारहवें घर हो तो जातक राजनीतिक क्षेत्र में सफलता प्राप्त करता है। राहू की महादशा में कई महापुरुषों को राजनीति में उच्च पद प्राप्त करते देखा गया है।
सूर्य: नव ग्रहों में सूर्य को राजा माना गया है और सूर्य साम्राज्य, वर्चस्व और तेज को दर्शाता है ठीक उसी प्रकार एक देश का राजा या शासक प्रधानमंत्री को माना जाता हैं। जन्म कुंडली में सूर्य लग्न, चतुर्थ, नवम या दशम भाव में हो तो राजनीति में सफलता दिलाने की संभावना बनाता है व सूर्य की ही भांति यश और शौर्य दिलाता हैं।
शनि: शनि ग्रह न्याय का प्रतीक हैं व जनता का हितैषी राजनीति का प्रमुख कारक ग्रह भी माना गया है। आज के समय की बात करी जाए तो वही व्यक्ति सफल हैं जो सत्य को अपने अनुसार ढाल लेता हैं, हालाँकि एक सफल शासक की पहचान वही है जो अपने देश और विदेश दोनों में उचित न्याय करे सके। शनि केन्द्र में, उच्च के, स्वराशि व मूल त्रिकोण में हो तो राजनीति में व्यक्ति दीर्घ काल तक बना रहता हैं।
एक राजनेता को अच्छा वक्ता होना चाहिए और इसके लिए बुध की शक्ति आवश्यक है। अतः कुंडली में बुध की स्थिति का विश्लेषण अवश्य करना चाहिए। इसके साथ ही यदि बृहस्पति का भी साथ मिल जाए तो व्यक्ति निश्चित रूप से एक अच्छा राजनीतिज्ञ होगा क्योंकि बृहस्पति का संबंध ज्ञान से है, यह व्यक्ति को ज्ञान के आधार पर सही निर्णय लेने में मदद करता है।
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ऊंचाइयों पर ले जाते है जन्मकुंडली के ये विशेष योग
1 सूर्य एवं राहु बली होना व केंद्र और दशमेश मे होना।
2 चतुर्थेश, नवमेश और दशमेश केंद्र या त्रिकोण में होना।
3 दशम भाव में उच्च का ग्रह होना।
4 शनि का दशम भाव में या दशमेश से संबध होना।
ज्योतिषी रजत जी द्वारा जाने सफल राजनेता बनने के उपायः
1 पितरों और कुलदेवी-कुलदेवता की नियमित पूजा करें क्योंकि वे आपको सही रास्ता दिखाने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं।
2 सूर्य के रत्न माणिक्य को विधि विधान से धारण करना चाहिए, हालांकि इस उपाय को करने से पहले किसी ज्योतिषी से सलाह अवश्य ले।
3 सूर्य से संबंधित वस्तुए जैसे गेहूं, गुड़, तांबा, मसूर दाल आदि का हमेशा रविवार के दिन सूर्यास्त से पहले करना चाहिए।
4 शनिवार के दिन पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं और शाम को पेड़ के नीचे तिल के तेल का दीप जलाएं।
5 घर के अंदर कोई भी खराब बिजली उपकरण और छत पर बेकार का कूड़ा या न इस्तेमाल होने वाली वस्तु न रखें इससे आपका राहु खराब होता है।
6 चंद्र ग्रहण के दिन 4 श्रीफल जल प्रवाहित करे।
7 गाय को बुधवार के दिन हरा चारा और रविवार को रोटी में गुड़ खिलाएं।