
Rampur Tiraha incident Shah Times
उत्तराखंड आंदोलनकारियों पर पुलिस ने दर्ज किए थे फर्जी मुकदमें
Report by Nadeem Siddiqui
मुजफ्फरनगर । आंदोलनकारियों पर फर्जी मुकदमे दर्ज कराने के मामले में पूर्व सीबीआई इंस्पेक्टर ने विशेष कोर्ट में बयान दर्ज कराए। पुलिस कार्यवाही को सही दर्शाने के लिए मुकदमे दर्ज करने के बाद सीबीआई ने जांच की थी। अब इस मामले में न्यायालय ने सुनवाई के लिए 7 अगस्त की तिथि नियत की है।
दरअसल। 2 अक्टूबर 1994 की रात को प्रथम उत्तराखंड की मांग को लेकर आंदोलन करने के लिए देश की राजधानी दिल्ली कूच करने वाले आंदोलनकारियों को जनपद मुजफ्फरनगर के रामपुर तिराहा(rampur tiraha case) पर नाकाबंदी कर रोक लिया गया था। इस दौरान पुलिस फायरिंग में 7 आंदोलनकारी मारे गए थे। कई आंदोलनकारी महिलाओं के साथ रेप हुआ था। पुलिस कार्यवाही को सही दर्शाने के लिए आंदोलनकारियों पर मुकदमे दर्ज किए गए थे। पुलिस ने फर्जी तरीके से उनसे हथियार भी बरामद दिखाए थे।
सीबीआई ने मामले की जांच की थी और आंदोलनकारियों पर फर्जी मुकदमे लगाए जाने की रिपोर्ट पेश की थी। मंगलवार को सिविल जज सीनियर डिविजन मयंक जायसवाल की विशेष कोर्ट में घटना के मुकदमे की सुनवाई हुई। जिसमें सीबीआई के पूर्व इंस्पेक्टर यशपाल सिंह ने बयान दर्ज कराए। बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेंद्र शर्मा ने यशपाल शर्मा से जिरह की। इस मामले में सीबीआई ने आईपीसी की धारा 182, 211, 218, 120-बी के तहत कोर्ट में मामला दाखिल किया था।