
"Karni Sena members protesting outside SP MP Ramji Lal Suman's residence in Agra, leading to clashes with police."
“राणा सांगा पर विवादित बयान देने के बाद सपा सांसद रामजी लाल सुमन के घर करणी सेना ने हमला किया। पुलिस से झड़प, हाईवे जाम और पत्थरबाजी के बीच अखिलेश यादव ने सरकार पर उठाए सवाल। जानें पूरा मामला।”
आगरा,(Shah Times)।समाजवादी पार्टी (सपा) के राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन के घर पर करणी सेना द्वारा किए गए हमले से राजनीतिक माहौल गरमा गया है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से तुरंत कार्रवाई की मांग की है।
क्या है पूरा मामला?
सपा सांसद रामजी लाल सुमन ने राणा सांगा को लेकर विवादित बयान दिया था, जिसके बाद करणी सेना ने उनके आवास पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान बड़ी संख्या में करणी सेना के कार्यकर्ता बुलडोजर लेकर पहुंचे, जिससे तनाव बढ़ गया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए तैनात पुलिसकर्मियों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई, जिसमें इंस्पेक्टर समेत कई पुलिसकर्मी घायल हो गए।
कैसे बढ़ा विवाद?
दरअसल, सांसद रामजी लाल सुमन ने संसद में बयान दिया था—
“अगर मुसलमानों को बाबर का वंशज कहा जाता है, तो हिंदुओं को भी गद्दार राणा सांगा का वंशज कहा जाना चाहिए।”
इस बयान के बाद भाजपा और राजपूत संगठनों में भारी आक्रोश देखने को मिला। करणी सेना ने सांसद के घर के बाहर प्रदर्शन किया और जबरन घुसने की कोशिश की। पुलिस द्वारा रोके जाने पर प्रदर्शन उग्र हो गया, पत्थरबाजी और तोड़फोड़ हुई, जिससे हालात बिगड़ गए।
दिल्ली हाईवे पर जाम, पुलिस ने किया लाठीचार्ज
करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने दिल्ली-आगरा हाईवे को भी जाम कर दिया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की, लेकिन उग्र प्रदर्शनकारियों से धक्का-मुक्की और झड़प हो गई। बाद में लाठीचार्ज कर भीड़ को तितर-बितर किया गया और कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया।
सपा सांसद की सफाई
विवाद बढ़ता देख सांसद रामजी लाल सुमन ने बयान पर खेद व्यक्त किया और कहा—
“मेरा उद्देश्य किसी की भावनाओं को आहत करना नहीं था। इतिहास को लेकर हमारे समाज में भिन्न दृष्टिकोण हो सकते हैं, लेकिन इसे विवाद का विषय नहीं बनाना चाहिए।”
अखिलेश यादव का हमला, सरकार पर उठाए सवाल
इस घटना पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा—
“जब मुख्यमंत्री की मौजूदगी में सपा सांसद के घर हमला हो सकता है, तो ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति सिर्फ दिखावा है। क्या मुख्यमंत्री की सत्ता पर पकड़ कमजोर हो रही है, या फिर ये सब उनकी सहमति से हो रहा है?”
सरकार का रुख
योगी सरकार ने कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया है और मामले की जांच जारी है।
राणा सांगा पर दिए गए बयान ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। इस घटना के बाद भाजपा और सपा के बीच सियासी टकराव बढ़ गया है। अब देखना होगा कि सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती है और क्या इससे प्रदेश की राजनीति पर कोई प्रभाव पड़ता है।