
ISI एजेंट पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी को भारत की सूचनाएं लीक करने वाले रविंद्र कुमार की करतूत से उसकी कॉलोनी में रहने वाले लोग हैरान हैं। उसने कई सालों से अपना व्यवहार बदल लिया था। वह अपनी पत्नी, बच्चों और मां के साथ 509 आर्मी वर्कशॉप के पास रहता है।
आगरा (शाह टाइम्स) पाकिस्तानी एजेंट को देश की सूचनाएं लीक करने वाले रविंद्र की करतूत से उसके मोहल्ले के लोग हैरान हैं। लोगों ने बताया कि उसने डेढ़ साल पहले सभी से संपर्क खत्म कर लिया था। उसकी पत्नी आरती और बच्चों का भी किसी से खास संबंध नहीं था। रविंद्र करीब 10 साल से फिरोजाबाद की ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में काम कर रहा था। नौकरी से पहले उसने 509 आर्मी वर्कशॉप में अप्रेंटिसशिप की थी। इसके बाद उसकी सरकारी नौकरी लग गई। रविंद्र के पिता देवीदयाल भी 509 से रिटायर हुए हैं। नवंबर 2024 में उनके पिता की मौत हो गई थी।
हनीट्रैप में फंसा हुआ था रविंद्र कुमार
आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने आयुध निर्माणी फिरोजाबाद के चार्जमैन रविंद्र कुमार और उसके एक साथी को गिरफ्तार किया है। उस पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई को गुप्त सैन्य और वैज्ञानिक सूचनाएं भेजने का आरोप है जांच में पता चला कि रविंद्र कुमार हनीट्रैप में फंसा हुआ था। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की महिला एजेंट ने पहले सोशल मीडिया के जरिए रविंद्र से दोस्ती की। इसके बाद उससे संवेदनशील सूचनाएं लेने लगी। इस पूरे खेल में रविंद्र फंस गया। यूपी एटीएस अब रविंद्र से देश में फैले आईएसआई के पूरे नेटवर्क का पता लगाने की कोशिश कर रही है।
परिवार में हैं करीब 6 लोग सरकारी नौकरी में
थाना सदर के बुंदू कटरा 37/46 ई में रहने वाले रविंद्र कुमार अपनी मां, पत्नी आरती सेजवाल और दो बच्चों के साथ रहते थे। उनका घर आर्मी वर्कशॉप के पास ही है। उनकी शादीशुदा बहन भी उनके साथ रहती थी। रविंद्र के पकड़े जाने के बाद घर में सिर्फ उनकी बुजुर्ग मां बची हैं। पत्नी आरती अपने वकील के पास जाने की बात कहकर घर से निकली है। पड़ोस में रहने वाले संजय निगम, अमित कुमार आदि ने बताया कि नौकरी में आने से पहले रविंद्र ने 509 आर्मी वर्कशॉप में अप्रेंटिसशिप की थी। उसके परिवार में करीब 6 लोग सरकारी नौकरी में हैं।
509 के पास ऐसा लगा है चेतावनी बोर्ड
बुंदू कटरा में 509 आर्मी वर्कशॉप है। इसके आसपास रिहायशी इलाका है। जानकारी के मुताबिक 509 आर्मी वर्कशॉप से करीब 50 मीटर के दायरे में कोई निर्माण नहीं होना चाहिए था। 509 के पास ऐसा चेतावनी बोर्ड लगा है। चेतावनी बोर्ड के बावजूद 50 मीटर के दायरे में कई मकान बन गए हैं, जिसमें लोग रह रहे हैं। इसके अलावा व्यावसायिक गतिविधियां भी चल रही हैं। चूंकि सुरक्षा की दृष्टि से आर्मी को संवेदनशील माना जाता है।