श्रीशैलम सुरंग हादसा : 8 मजदूर अब भी फंसे, बचाव कार्य जारी, PM मोदी ने दी केंद्र की सहायता
तेलंगाना के नगरकुर्नूल में श्रीशैलम सुरंग नहर परियोजना का एक हिस्सा ढह गया, जिसमें 8 मजदूर अब भी फंसे हुए हैं। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सेना बचाव कार्य में जुटी है। पीएम मोदी और राहुल गांधी ने हादसे पर चिंता जताई।
श्रीशैलम सुरंग हादसा: कब तक जारी रहेगा लापरवाही का सिलसिला?
तेलंगाना के नगरकुर्नूल जिले में श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC) परियोजना की निर्माणाधीन सुरंग का हिस्सा ढहने से आठ लोग फंस गए हैं। यह हादसा बताता है कि देश में इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में सुरक्षा मानकों की अनदेखी कितनी खतरनाक साबित हो सकती है।
इस परियोजना की शुरुआत 2006 में हुई थी और इसे 2010 तक पूरा किया जाना था, लेकिन सालों की देरी और अनियमितताओं के चलते अब तक अधूरा है। हादसे के बाद राज्य सरकार और केंद्र सरकार ने तेजी से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने का दावा किया है, लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या इस दुर्घटना को टाला नहीं जा सकता था?
जरूरत इस बात की है कि सरकारें केवल राहत और बचाव कार्यों तक सीमित न रहें, बल्कि निर्माण स्थलों पर सुरक्षा मानकों को सख्ती से लागू करें। अन्यथा, इसी तरह के हादसे दोहराए जाते रहेंगे, और हर बार निर्दोष मजदूरों की जान खतरे में पड़ती रहेगी।
तेलंगाना सुरंग हादसा: बचाव कार्य तेज, 8 मजदूर अब भी फंसे
हैदराबाद, (Shah Times): तेलंगाना के नगरकुर्नूल जिले में श्रीशैलम सुरंग नहर परियोजना के ढहे हुए हिस्से में फंसे मजदूरों को बचाने के लिए बचाव अभियान तेज कर दिया गया है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सेना की टीमें युद्धस्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं।
घटनाक्रम:
हादसा शनिवार को नगरकुर्नूल के डोमलपेंटा के पास हुआ।
50 मजदूर सुरंग में काम कर रहे थे, जिनमें से 42 किसी तरह बाहर निकल आए।
8 लोग अब भी सुरंग के 14 किलोमीटर अंदर फंसे हैं।
बचाव दल ड्रोन और अन्य तकनीकों की मदद से स्थिति का जायजा ले रहा है।
सेना और विशेषज्ञों की टीम भी अभियान में शामिल हो गई है।
सरकारी प्रतिक्रिया:
तेलंगाना के सिंचाई मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा कि उत्तराखंड में इसी तरह के हादसे में श्रमिकों को बचाने वाले विशेषज्ञों से भी संपर्क किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी से फोन पर बात की और हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं:
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने घटना पर चिंता जताते हुए कहा कि राज्य सरकार बचाव कार्य में जुटी है और फंसे मजदूरों को निकालने के हरसंभव प्रयास कर रही है। तेलंगाना के मंत्री पोन्नम प्रभाकर ने हादसे की जांच की बात कही और कहा कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों, इसके लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे।
कैसे हुआ हादसा?
जानकारी के मुताबिक, हाल ही में सुरंग में निर्माण कार्य फिर से शुरू हुआ था। शनिवार सुबह पहली पाली में 50 मजदूर सुरंग में गए थे, तभी अचानक छत का एक हिस्सा ढह गया। इसके चलते दो इंजीनियर, दो ऑपरेटर और चार मजदूर अंदर फंस गए। वे उत्तर प्रदेश, झारखंड, पंजाब और जम्मू-कश्मीर के रहने वाले बताए जा रहे हैं।
बचाव कार्य में चुनौतियां:
सुरंग के अंदर भारी मात्रा में मलबा जमा हो गया है।
बचाव दल को मलबा हटाने में कठिनाई हो रही है।
सुरंग के अंदर हवा की कमी से हालात बिगड़ सकते हैं।
ड्रोन की मदद से स्थिति का आकलन किया जा रहा है।
यह हादसा एक बार फिर भारत में बुनियादी ढांचे की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े करता है। अगर समय रहते सुरक्षा मानकों का पालन किया जाता, तो शायद यह दुर्घटना टल सकती थी। अब सरकार की प्राथमिकता मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने की है, लेकिन भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाना भी उतना ही जरूरी है।
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