
Global leaders Xi Jinping, Donald Trump, and Vladimir Putin stand against the backdrop of the Iran-Israel conflict and the United Nations Security Council building. – Shah Times
रूस की चेतावनी: अमेरिका दोहरा रहा है इराक जैसी गलती
ट्रंप की ‘MIGA’ अपील और ईरान में सत्ता परिवर्तन की धमकी
ईरान पर अमेरिकी बमबारी के बाद वैश्विक प्रतिक्रिया तीखी, रूस-चीन ने युद्धविराम के लिए प्रस्ताव पेश किया
यूएन प्रमुख गुटेरेस की चिंता: ईरान पर हमला खतरनाक मोड़
UNSC की आपात बैठक में अमेरिका के ईरान पर हमले पर रूस-चीन का कड़ा विरोध। तत्काल युद्धविराम प्रस्ताव पेश, ट्रंप बोले – ‘MIGA’। IAEA की रिपोर्ट और इज़रायल की प्रतिक्रिया जानिए।
UNSC की बैठक में गूंजा विरोध: “बल से शांति नहीं आती”
ईरान पर अमेरिकी हवाई हमलों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भूचाल ला दिया। रविवार को UNSC की आपात बैठक में रूस, चीन और पाकिस्तान ने मिलकर एक प्रस्ताव पेश किया, जिसमें पश्चिम एशिया में तत्काल और बिना शर्त युद्धविराम की मांग की गई। अमेरिका की कार्यवाहक राजदूत डोरोथी शिया ने हमलों का बचाव करते हुए कहा कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा है।
यूएन महासचिव की चेतावनी: “खतरनाक मोड़ पर है विश्व”
बैठक की शुरुआत में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेस ने कहा,
“ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिका द्वारा की गई बमबारी एक खतरनाक मोड़ है। हमें तुरंत कार्रवाई करनी होगी ताकि संघर्ष को रोका जा सके।”
ट्रंप की ‘MIGA’ अपील और ईरान को चेतावनी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि ईरान के प्रमुख परमाणु ठिकानों को “पूरी तरह से तबाह” कर दिया गया है। ट्रंप ने ‘MIGA’ — Make Iran Great Again — की अपील करते हुए ईरानी शासन परिवर्तन की खुली चेतावनी दी।
यह हमला 1979 की ईरानी क्रांति के बाद इस्लामी गणराज्य पर सबसे बड़ा सैन्य कदम माना जा रहा है। दुनिया अब ईरान की प्रतिक्रिया को लेकर चिंतित है।
रूस-चीन का संयुक्त विरोध: “संवाद ही एकमात्र रास्ता”
रूस और चीन ने इस हमले को “खुला और अवैध आक्रमण” करार दिया।
चीन के संयुक्त राष्ट्र राजदूत फु कोंग ने कहा:
“शांति बल से नहीं, संवाद से आती है। अभी कूटनीतिक विकल्प समाप्त नहीं हुए हैं।”
वहीं रूस के यूएन दूत वासिली नेबेंजिया ने इस हमले की तुलना 2003 के इराक युद्ध से की और कहा,
“एक बार फिर हमें अमेरिका की झूठी कहानियों पर विश्वास करने को कहा जा रहा है। यह साबित करता है कि अमेरिका ने इतिहास से कुछ नहीं सीखा।”
अमेरिका का रुख: “ईरान को अब रोकना जरूरी”
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी प्रतिनिधि डोरोथी शिया ने कहा:
“ईरान का परमाणु कार्यक्रम अब वैश्विक खतरा बन गया है। हमें निर्णायक कदम उठाने की ज़रूरत है।”
उन्होंने इज़रायल को मिटाने की ईरानी बयानबाज़ी का हवाला देते हुए कहा कि यह अस्वीकार्य है और अब सुरक्षा परिषद को सख्ती दिखानी चाहिए।
ईरान की प्रतिक्रिया: “खुला आक्रमण, UNSC करें निंदा”
ईरान ने इस हमले को “खुला और अवैध सैन्य आक्रमण” बताया और सुरक्षा परिषद से कड़ी निंदा की मांग की। हालांकि प्रस्ताव पर मतदान कब होगा, यह स्पष्ट नहीं है। ध्यान रहे कि किसी भी स्थायी सदस्य का वीटो प्रस्ताव को विफल कर सकता है।
इज़रायल की प्रतिक्रिया: “यह प्रशंसा योग्य कदम है”
संयुक्त राष्ट्र में इज़रायली राजदूत डैनी डैनन ने कहा:
“अमेरिका और इज़रायल ने दुनिया को सुरक्षित बनाने में योगदान दिया है। इसके लिए उनकी सराहना होनी चाहिए, आलोचना नहीं।”
IAEA की रिपोर्ट: फोर्डो, नतांज और इस्फहान को बनाया गया निशाना
IAEA प्रमुख राफेल ग्रोसी ने पुष्टि की कि फोर्डो में पर्वतीय संवर्धन स्थल पर बमबारी से गड्ढे बन गए हैं। नतांज और इस्फहान में भी यूरेनियम भंडारण स्थलों को नुकसान पहुंचा है। हालांकि अभी तक किसी रेडिएशन लीक की पुष्टि नहीं हुई है।
निष्कर्ष:
इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि बलपूर्वक शांति स्थापित नहीं की जा सकती। अमेरिका की कार्रवाई से क्षेत्रीय अस्थिरता और बढ़ सकती है, जबकि रूस और चीन जैसे राष्ट्र संवाद और कूटनीति को प्राथमिकता देने की मांग कर रहे हैं। UNSC की भूमिका अब निर्णायक मोड़ पर है।
#IranAttack #UNSCDebate #RussiaChinaOnUS #TrumpMIGA #IranNuclearCrisis #ShahTimes #MiddleEastCrisis #IAEAReport #IsraelIranConflict #USIranTensions #शाहटाइम्स







