
Air Defense Missile
मास्को (Shah Times): भारत को जब भी जरूरत पड़ती (Air Defense Missile) है तो रूस भारत का सबसे भरोसेमंद दोस्त साबित होता है। इस बार भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला है।
पहलगाम हमले के बाद पड़ोसी देश पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच भारतीय सेना को अपनी वायु रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने के लिए 250 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की रूसी इग्ला-एस वायु रक्षा मिसाइलों की एक नई खेप मिली है। पहलगाम हमले में आतंकवादियों द्वारा 26 लोगों की हत्या कर दी गई थी।
ये मिसाइलें सेना की वायु रक्षा को आपूर्ति की गई हैं और इन्हें दुश्मन के विमानों, ड्रोनों और हमलावर हेलीकॉप्टरों का मुकाबला करने के लिए अग्रिम मोर्चे पर तैनात किया जा रहा है।
आपातकालीन शक्तियों के तहत हस्ताक्षरित इस अनुबंध का उद्देश्य भारतीय सेना की मिसाइल क्षमता को बढ़ाना है, खासकर पाकिस्तान के साथ पश्चिमी मोर्चे पर। भारतीय वायु सेना ने भी इसी तरह के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं और उसे अपने वायु रक्षा नेटवर्क को मजबूत करने के लिए अतिरिक्त उपकरण मिलने वाले हैं।
बहुत कम दूरी की वायु रक्षा प्रणाली (VSHORADS) का हिस्सा इग्ला-एस मिसाइलों को केंद्र द्वारा सशस्त्र बलों को दी गई आपातकालीन खरीद शक्तियों का उपयोग करके हस्ताक्षरित अनुबंध के तहत वितरित किया गया है। ये प्रणालियाँ भारतीय सेना के वायु रक्षा नेटवर्क में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
रक्षा सूत्रों ने एएनआई को बताया कि इग्ला-एस वायु रक्षा मिसाइलों की नई आपूर्ति कुछ हफ़्ते पहले भारतीय सेना को मिली थी। इग्ला-एस मिसाइलों की ताज़ा डिलीवरी के साथ, भारतीय सेना ने फास्ट ट्रैक प्रक्रियाओं के तहत 48 और लॉन्चर और VSHORADS (IR) की लगभग 90 मिसाइलों की खरीद के लिए निविदा भी जारी की है।
सेना जल्द ही लेजर बीम-राइडिंग VSHORADS के नए संस्करण हासिल करने पर भी विचार कर रही है। इग्ला-एस, इग्ला मिसाइलों का उन्नत संस्करण है, जो 1990 के दशक से इस्तेमाल में है।
यह है इसकी खासियत
सेना और वायुसेना के पास 1989 से ही पुरानी इग्ला-1एम सिस्टम है, लेकिन कंधे से दागी जाने वाली इग्ला-एस एक बेहतर संस्करण है जिसकी इंटरसेप्शन रेंज 6 किलोमीटर तक है। इन्हें एक सैनिक कंधे पर रखकर चला सकता है। ये लक्ष्य को पहचानने और लॉक करने के बाद ये अपने आप उसे भेद देती हैं।
इग्ला-एस एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल का वजन 10.8 किलोग्राम होता है। जबकि पूरे सिस्टम का वजन 18 किलोग्राम। सिस्टम की लंबाई 5.16 फीट होती है। व्यास 72 मिलिमीटर। इस मिसाइल की नोक पर 1.17 किलोग्राम वजन का विस्फोटक लगाया जाता है। Igla-S की रेंज 5 से 6 किलोमीटर है। अधिकतम 11 हजार फीट तक जा सकती है। यह मिसाइल 2266 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से टारगेट की तरफ बढ़ती है। यानी दुश्मन को बचने का मौका कम ही मिलता है।