कई देश ग्लोबल बिजनेस, वो चाहे खरीद हो या बिक्री, उसके लिए अमेरिकी डॉलर का इस्तेमाल बंद कर रहे हैं। ये सभी मुल्क अपनी लोकल करेंसी को तरजीह दे रहे हैं।
शाह टाइम्स ब्यूरो
नई दिल्ली। काफी समय से एक नया ट्रेंड देखने में आ रहा है। एक के बाद एक कई देश ग्लोबल बिजनेस, वो चाहे खरीद हो या बिक्री, उसके लिए अमेरिकी डॉलर का इस्तेमाल बंद कर रहे हैं। ये सभी मुल्क अपनी लोकल करेंसी को तरजीह दे रहे हैं।
इससे अमेरिका को झटका लग रहा है। हालांकि फिलहाल इसका अमेरिकी डॉलर पर कोई असर नहीं पड़ रहा है, पर जल्द ही अमेरिकी डॉलर पर कई देशों के इसे इस्तेमाल न करने की वजह से नकारात्मक असर पड़ सकता है। हाल ही में अमेरिकी डॉलर के इस्तेमाल के मामले में एक और देश ने अमेरिका (United States Of America) को झटका दे दिया है।
सऊदी अब तेल की बिक्री के लिए नहीं करेगा डॉलर में डील
हाल ही में अमेरिका को बड़ा झटका देते हुए सऊदी अरब ने वो किया है जिसकी अमेरिका ने सोचने की भी उम्मीद न की हो। सऊदी अरब दुनिया में तेल (कच्चे तेल) का सबसे बड़ा एक्सपोर्टर है और कई देशों को तेल बेचता है। ऐसे में सऊदी अरब काफी ज़्यादा मात्रा में तेल बेचता है। पर अब तेल की बिक्री के लिए सऊदी अरब अमेरिकी डॉलर का इस्तेमाल नहीं करेगा।
इस समझौते को आगे नहीं बढ़ाएगा सऊदी अरब
(USA)अमेरिका और सऊदी अरब के बीच पिछले 50 साल से पेट्रो-डॉलर समझौता था। इस समझौते के तहत सऊदी अरब तेल की बिक्री के बदले अमेरिकी डॉलर लेता था।
यह समझौता 9 जून को खत्म हो गया है और सऊदी अरब इसे आगे नहीं बढ़ाएगा। इससे अमेरिकी डॉलर के साथ ही अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर भी नकारात्मक असर पड़ेगा।