
उच्च न्यायालय का आदेश उच्चतम न्यायालय के पिछले आदेश और उच्च न्यायालय की समन्वय पीठ के याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई भी प्राथमिकी दर्ज करने पर रोक लगाने के आदेश के खिलाफ :स्वराज
दिल्ली। उच्चतम न्यायालय (Supreme court) ने पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव (West Bengal Panchayat Elections) के दौरान भारतीय जनता पार्टी के नेता शुभेंदु अधिकारी के कथित हेट स्पीच (Hate speech) मामले में उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर शीघ्र सुनवाई करने से गुरुवार को इनकार कर दिया।
न्यायमूर्ति संजय किशन कौल (Sanjay Kishan Kaul) की अध्यक्षता वाली पीठ ने अधिकारी की ओर से पेश अधिवक्ता बांसुरी स्वराज से कहा कि यह मामला पहले से ही चार अगस्त को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है।
कलकत्ता उच्च न्यायालय (Kolkata High Court) के 20 जुलाई के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत में दायर अधिकारी की याचिका पर शीघ्र सुनवाई करने का अनुरोध स्वराज (Anurodh swaraj) ने ‘विशेष उल्लेख’ के दौरान किया था।
स्वराज ने कहा कि उच्च न्यायालय का आदेश उच्चतम न्यायालय के पिछले आदेश और उच्च न्यायालय की समन्वय पीठ के याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई भी प्राथमिकी दर्ज करने पर रोक लगाने के आदेश के खिलाफ है।
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पश्चिम बंगाल (West Bengal) विधानसभा के विपक्ष के नेता अधिकारी का पक्ष रखते हुए अधिवक्ता ने कहा कि याचिकाकर्ता ने गंभीर उत्पीड़न और अपनी स्वतंत्रता के लिए खतरे की आशंका जताई है। वह संकटपूर्ण स्थिति में है। उच्च न्यायालय के आदेश के बाद उनके खिलाफ कई प्राथमिकी दर्ज हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि 24 जुलाई को विशेष अनुमति याचिका दायर करने के बाद भी उनके खिलाफ पहले ही एक प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है। अधिवक्ता ने यह भी कहा कि उच्च न्यायालय का आदेश याचिकाकर्ता को सुनवाई का कोई अवसर दिए बिना एक जनहित याचिका पर पारित किया गया था।
अधिकारी की याचिका में तर्क दिया गया,“पश्चिम बंगाल राज्य में पुलिस तंत्र वर्तमान सत्तारूढ़ दल की मिलीभगत से याचिकाकर्ता के खिलाफ लगातार मामले थोपने का प्रयास कर रहा है।” उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता 2021 में विधानसभा के चुनाव में नंदीग्राम निर्वाचन क्षेत्र से राज्य की वर्तमान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को हराया था। दलील देते हुए अधिवक्ता ने कहा कि विधानसभा चुनाव के बाद लगातार उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जा रही है।