
Maratha Reservation Shah Times
एकनाथ शिंदे सरकार ने अपना वादा नहीं निभाया, इसलिए मराठा क्रांति मोर्चा ने आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन शुरू किया, लेकिन उनके विरोध को बल प्रयोग कर कुचलने का प्रयास किया गया
जालना । राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार ने शनिवार को मराठा प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज की कथित घटना को गंभीर बताया और दावा किया कि प्रदर्शनकारियों ने उन्हें बताया कि स्थानीय पुलिस ने मुबंई पुलिस से फोन आने के बाद उन पर लाठीचार्ज किया ।
पवार जिले के अंतरवली सरवती गांव में पुलिस द्वारा लाठीचार्ज में घायल हुए प्रदर्शनकारियों से मिलने के बाद आज शाम यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि एकनाथ शिंदे सरकार ने अपना वादा नहीं निभाया, इसलिए मराठा क्रांति मोर्चा ने आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन शुरू किया, लेकिन उनके विरोध को बल प्रयोग कर कुचलने का प्रयास किया गया।
उन्होंने आरोप लगाया ”पुलिस ने हवाई फायरिंग की और प्रदर्शनकारियों को खदेड़ दिया। प्रदर्शन स्थल पर बड़ी संख्या में पुलिस पहुंची। एक पक्ष ने बातचीत जारी रखी, जबकि दूसरे पक्ष ने उन पर लाठी-डंडों से हमला कर दिया।” बच्चों और बुजुर्गों पर लाठीचार्ज किया गया।
उन्होंने कहा कि घायल प्रदर्शनकारियों ने बताया कि हमारी चर्चा चल रही थी, अधिकारी बात कर रहे थे और ऐसा लग रहा था कि रास्ता साफ हो जाएगा। लेकिन वहां और अधिक पुलिस बल बुलाया गया। सब कुछ ठीक चल रहा था। मुंबई से निर्देश आए और पुलिस अधिकारियों ने अपना रवैया बदल दिया और बल प्रयोग करना शुरू कर दिया और हवा में गोलियां चलाईं और छोटे छर्रों का इस्तेमाल किया।” उन्होंने बताया कि जब चर्चा चल रही थी तो ऐसे बल का प्रयोग करना गलत था।
श्री पवार ने कहा कि घटना गंभीर है और यह जालना जिले तक सीमित नहीं रहेगी। उन्होंने कहा, ”इसलिए, मैंने और प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने आज घटनास्थल पर आने का फैसला किया।” राकांपा प्रमुख ने प्रदर्शनकारियों को शांतिपूर्वक अपना विरोध जारी रखने की सलाह दी।
उन्होंने कहा कि इंडिया ब्लॉक की बैठक में मराठा आरक्षण और जाति-वार जनगणना के मुद्दों पर भी चर्चा की गई।
कोल्हापुर से एक रिपोर्ट में कहा गया है कि छत्रपति शाहू महाराज ने भी इसी तरह की भावना व्यक्त की और कहा कि यह लाठीचार्ज इंडिया ब्लॉक की बैठक से मीडिया सहित सभी का ध्यान भटकाने के लिए किया गया था।
उन्होंने कहा कि जब प्रदर्शनकारी शांतिपूर्वक अपनी मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे तो अचानक ऐसा क्या हुआ कि उन पर लाठीचार्ज करना पड़ा और उन्हें हटाने की कार्रवाई की गई, जो उचित नहीं था।
शाहू महाराज ने इस घटना की जांच की मांग की और सरकार से इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण मांगा।
इस बीच, जालना से एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जिले के अंतरवाली सरवती गांव में विरोध स्थल पर गए श्री पवार के काफिले में एक पुलिस वाहन में तोड़फोड़ की गई।
रिपोर्ट के अनुसार जब राकांपा सुप्रीमो का काफिला अंबाद तालुका में अंतरवाली सरवती जा रहा था, तो सुरक्षा के लिए औरंगाबाद ग्रामीण पुलिस की एक टीम उनके साथ थी। उस समय, कुछ अज्ञात लोगों ने कथित तौर पर पुलिस उपाधीक्षक के वाहन पर पथराव किया और कार को क्षतिग्रस्त करने की भी कोशिश की। बढ़ती भीड़ को देखते हुए पुलिस खुद बाहर निकल गई और बड़ा हादसा टल गया।
श्री पवार ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट एक्स पर आरोप लगाया कि ”महाराष्ट्र में इस समय जो हो रहा है वह तानाशाही है। राज्य सरकार और गृह विभाग को राज्य में शांति बनाए रखने का काम सौंपा गया है, लेकिन गृह मंत्रालय के प्रशासकों ने मराठा प्रदर्शनकारियों पर नकेल कसने के लिए पुलिस बल का इस्तेमाल किया है। यह बहुत परेशान करने वाला है।”
उन्होंने कहा, ”जालना में हुई इस अमानवीय घटना के लिए राज्य का गृह मंत्रालय जिम्मेदार है और मैं सार्वजनिक रूप से इस घटना की निंदा करता हूं।”