
Spacex-NASA ISS Mission: 9 महीने बाद अंतरिक्ष से लौटेंगी सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर
Spacex-NASA का बड़ा मिशन: सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर की वापसी का इंतजार खत्म!
क्रू-10 मिशन: नए अंतरिक्ष यात्री अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पहुंचे
19 मार्च को धरती की ओर प्रस्थान: कब और कैसे होगी लैंडिंग?
9 महीने से फंसे थे अंतरिक्ष में: आखिर क्यों रुकी थी वापसी?
अटलांटिक महासागर में होगी लैंडिंग: नासा और स्पेसएक्स की क्या है योजना?
Spacex-NASA ISS Mission: अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर की घर वापसी जल्द होगी! 9 महीने बाद इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से 19 मार्च को प्रस्थान करेंगे और अटलांटिक महासागर में लैंडिंग होगी।
New Delhi (Shah Times) । Spacex-NASA ISS Mission: अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर की घर वापसी का इंतजार खत्म!
नासा और एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स (SpaceX) ने भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को घर वापस लाने की बड़ी घोषणा की है। पिछले 9 महीनों से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) में फंसे ये अंतरिक्ष यात्री अब 19 मार्च को पृथ्वी के लिए प्रस्थान करेंगे।
क्रू-10 मिशन लॉन्च:
नासा और स्पेसएक्स ने 13 मार्च को फाल्कन 9 रॉकेट के जरिए क्रू-10 मिशन लॉन्च किया, जो स्पेस स्टेशन पर क्रू-9 मिशन के अंतरिक्ष यात्रियों को रिप्लेस करेगा। इस मिशन में चार नए एस्ट्रोनॉट्स भेजे गए हैं:
ऐनी मैकक्लेन (NASA कमांडर)
निकोल अयर्स (पायलट, NASA)
ताकुया ओनिशी (JAXA, जापानी अंतरिक्ष एजेंसी)
किरिल पेसकोव (Roscosmos, रूस)
इन चारों एस्ट्रोनॉट्स ने अब अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पर अपना काम संभाल लिया है और क्रू-9 मिशन के अंतरिक्ष यात्री वापसी के लिए तैयार हैं।
कब और कैसे होगी वापसी?
19 मार्च को सुनीता विलियम्स, बुच विल्मोर और अन्य दो एस्ट्रोनॉट ISS से प्रस्थान करेंगे।
नासा और स्पेसएक्स अटलांटिक महासागर में स्प्लैशडाउन कराएंगे।
अंतरिक्ष यात्री स्पेसएक्स के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट से वापस आएंगे।
9 महीने से क्यों फंसे थे अंतरिक्ष में?
दरअसल, सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर सिर्फ 8 दिनों के लिए ISS गए थे, लेकिन बोइंग स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट में तकनीकी खराबी के चलते वे लौट नहीं सके। अब स्पेसएक्स-नासा ने उनकी सुरक्षित वापसी के लिए क्रू-10 मिशन तैयार किया है।
अंतरिक्ष से वापसी एक ऐतिहासिक क्षण
अगर सबकुछ योजना के अनुसार रहा, तो यह अंतरिक्ष इतिहास का एक महत्वपूर्ण मिशन होगा। 9 महीने बाद अंतरिक्ष में फंसे इन एस्ट्रोनॉट्स की धरती पर वापसी को “दूसरा जन्म” कहा जा रहा है। कई लोगों को संदेह था कि वे सुरक्षित लौट पाएंगे या नहीं।