
रामपुर तिराहा कांड
रिपोर्ट: नदीम सिद्दीकी
फोटो वापस दिलाने का प्रार्थना पत्र भी निरस्त
मुजफ्फरनगर। उत्तराखंड आंदोलन (Uttarakhand movement) से जुड़े रामपुर तिराहा कांड (Rampur Tiraha scandal) में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने तत्कालीन गृह सचिव दीप्ति विलास (Deepti Vilas) के समन जारी किए हैं। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश – 7 शक्ति सिंह ने गवाही के लिए पूर्व गृह सचिव दीप्ति विलास (Deepti Vilas) को तलब करते हुए 6 सितंबर को पेश होने के समन जारी किया है। पूर्व में फोटो वापस दिलाने के प्रार्थना पत्र पर भी सुनवाई करते हुए कोर्ट ने इसे निरस्त कर दिया है। तर्क दिया गया कि फोटोग्राफ की प्रति आरोपी पूर्व में प्राप्त कर चुके हैं। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता परविंदर सिंह (Parvinder Singh) ने बताया कि मंगलवार को तत्कालीन एआरटीओ शिवपूजन त्रिपाठी (ARTO Shivpujan Tripathi) ने कोर्ट में बयान दर्ज कराए थे
दरअसल मामला 29 साल पूर्व यूपी का हिस्सा रहे उत्तरांचल (Uttaranchal) को पृथक राज्य बनाने की मांग को लेकर हुए आंदोलन से जुड़ा है। वर्ष 1994 में 1/2 अक्टूबर की रात्रि उत्तराखंड (Uttarakhand) को अलग राज्य गठन की मांग को लेकर आंदोलनकारियो ने दिल्ली के लिए बढ़ना शुरू किया था। सरकार (Government) का फरमान जारी हुआ तो पुलिस ने नाकाबंदी कर जनपद के रामपुर तिराहे (Rampur Tirahe) पर आंदोलनकारियों को रोक लिया जहां उनकी पुलिस फोर्स से तीखी झड़पें भी हुई और फायरिंग में 7 आंदोलनकारी मारे गए। साथ ही आंदोलनकारी महिलाओं के साथ रेप की शिकायतें भी सामने आई।
दैनिक शाह टाइम्स अपने शहर के ई-पेपर पढने के लिए लिंक पर क्लिक करें
पुलिस ने इस मामले में अलग-अलग कई मुकदमे दर्ज किए थे हाई कोर्ट (High Court) के आदेश पर सीबीआई (CBI) ने जांच करते हुए आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया था। इस मुकदमे की सुनवाई अपर जिला एव सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या – 7 शक्ति सिंह के न्यायालय में विचाराधीन है।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता परविंदर सिंह (Parvinder Singh) ने बताया कि इस मामले में सुनवाई के दौरान पूर्व में आरोपियों की ओर से दाखिल फोटो वापस दिलाने की याचिका को भी कोर्ट ने निरस्त कर दिया है। साथी तत्कालीन गृह सचिव दीप्ति विलास के संबंध जारी करते हुए उन्हें 6 सितंबर को पेश होने के आदेश दिया है।