
Indian-American astronaut Sunita Williams' successful return to Earth from the International Space Station. PM Modi praised her courage and determination. Celebrations in Jhulasan village of Gujarat. Know in detail about this historic achievement
भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स की इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से धरती पर सफल वापसी। पीएम मोदी ने उनके साहस और दृढ़ संकल्प की सराहना की। गुजरात के झूलासन गांव में जश्न का माहौल। जानें इस ऐतिहासिक उपलब्धि के बारे में विस्तार से।
नई दिल्ली (शाह टाइम्स) भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स नौ महीने तक अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) में रहने के बाद सफलतापूर्वक धरती पर लौट आईं। उनकी इस उपलब्धि पर भारत और अमेरिका दोनों में खुशी की लहर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुनीता के साहस और दृढ़ संकल्प की तारीफ की और उन्हें भारत आने का न्योता दिया।
‘एक्स’ पर की पोस्ट
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा, “वापस लौटकर स्वागत है, क्रू-9! धरती ने तुम्हें याद किया। सुनीता विलियम्स और उनके साथी अंतरिक्ष यात्रियों ने धैर्य, साहस और मानवीय भावना का अद्भुत उदाहरण पेश किया है। उनका अटूट दृढ़ संकल्प लाखों लोगों को प्रेरित करेगा।
ये कहा पीएम मोदी
सुनीता विलियम्स ने अपने करियर में अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं। उनकी यात्रा मानवीय क्षमता की सीमाओं को आगे बढ़ाने का एक और उदाहरण है। पीएम मोदी ने कहा, “अंतरिक्ष अन्वेषण का मतलब है सपने देखना और उन्हें साकार करने का साहस दिखाना। सुनीता ने इस भावना को जीवंत किया है। हमें उन पर गर्व है।
सीधा देखा प्रसारण
गुजरात में उनके पैतृक गांव झूलासन में भी सुनीता की वापसी का जश्न मनाया गया। गांव के लोग मंदिर में एकत्र हुए और इस ऐतिहासिक घटना का सीधा प्रसारण देखा। जैसे ही सुनीता और उनके साथियों को लेकर कैप्सूल धरती पर उतरा, गांव में आतिशबाजी की गई और हर-हर महादेव के नारे गूंज उठे। सुनीता विलियम्स की यह उपलब्धि न केवल भारतीय मूल के लोगों के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए प्रेरणादायी है। उनकी सकुशल वापसी पर पीएम मोदी ने इस मिशन को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले सभी वैज्ञानिकों और टीमों का आभार भी जताया। सुनीता विलियम्स ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। उनकी यात्रा न केवल विज्ञान के क्षेत्र में बल्कि युवाओं के लिए भी एक नई प्रेरणा बन गई है।




