
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पिछले सप्ताह की शुरुआत में फिल्म के निर्माता, निर्देशक और संवाद लेखक को व्यक्तिगत रूप से उसके समक्ष पेश होने का निर्देश दिया था
नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने हिंदी फिल्म ‘आदिपुरुष’ (Adipurush) के खिलाफ विभिन्न उच्च न्यायालयों (High Courts) में चल रही कार्यवाहियों पर शुक्रवार को रोक लगा लगाते हुए केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) प्रमाणन रद्द करने की मांग करने वाली याचिकाएं खारिज कर दी।
न्यायमूर्ति संजय किशन कौल (Sanjay Kishan Kaul) की अध्यक्षता वाली पीठ ने ‘आदिपुरुष’ (Adipurush) फिल्म को कथित तौर पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला होने का आरोप लगाते हुए इसके सीबीएफसी प्रमाणन को रद्द करने की मांग वाली एक अधिवक्ता एवं अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई के बाद अपना यह आदेश पारित किया।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) ने पिछले सप्ताह की शुरुआत में फिल्म के निर्माता, निर्देशक और संवाद लेखक को व्यक्तिगत रूप से उसके समक्ष पेश होने का निर्देश दिया था।
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शीर्ष न्यायालय ने अधिवक्ता की जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए अपने आदेश में कहा, “इस अदालत के लिए प्रमाणन की अपील पर सुनवाई करने और इस रोके रखने का कोई मामला नहीं है। अगर कोई अपीलीय प्राधिकारी के फैसले से असंतुष्ट है तो वह कानून के तहत उपलब्ध उपाय अपना सकता है।”
शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में यह भी कहा कि धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने, ग्रंथों और तथ्यों को विकृत करने के लिए फीचर फिल्म आदिपुरुष (Adipurush) के प्रमाणन को रद्द करने की मांग करने वाले एक अधिवक्ता की ओर से संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत याचिकाकर्ता दायर किया गया है। विभिन्न उच्च न्यायालयों में भी अनगिनत लोग आ रहे हैं।
शीर्ष अदालत की पीठ में अपने आदेश में कहा, “हम यहां मान सकते हैं कि सिनेमैटोग्राफिक चित्रण (Cinematographic illustration) मूल सामग्री के साथ खिलवाड़ करते हैं। यह किस हद तक स्वीकार्य है। इस अदालत के लिए अनुच्छेद 32 के तहत प्रत्येक व्यक्ति की संवेदनाओं के लिए हस्तक्षेप करना संभव नहीं है।”