
जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर सरकार द्वारा मुल्जिमों के मकानों को मनमाने ढंग से बुलडोजर से गिराने पर रोक लगाने की मांग की है।
New Delhi,(Shah Times) । सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर की कार्रवाई पर गंभीर सवाल उठाए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सिर्फ मुल्जिम होने के बुनियाद पर किसी का मकान गिराना सही नहीं है। कोर्ट ने सरकार और प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर कोई व्यक्ति कसूरवार भी है तो भी उसका मकान नहीं गिराया जा सकता।
बुलडोजर मामलों पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई। जस्टिस गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच के सामने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलीलें पेश कीं। मेहता ने कहा कि जो कार्रवाई की गई है, वह नगर निगम कानून के मुताबिक की गई है। उन्होंने कहा कि अवैध कब्जे के मामलों में नगर निकायों द्वारा नोटिस दिए जाने के बाद ही कार्रवाई की गई है। जस्टिस विश्वनाथन ने सरकार से विस्तृत जवाब मांगा है। कोर्ट ने सरकार को नोटिस, कार्रवाई और अन्य आरोपों पर जवाब देने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 17 सितंबर को होगी।
जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर सरकार द्वारा मुल्जिमों के मकानों को मनमाने ढंग से बुलडोजर से गिराने पर रोक लगाने की मांग की है। याचिका में यूपी, मध्य प्रदेश और राजस्थान में हाल ही में हुई बुलडोजर कार्रवाई का हवाला देकर अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाने का आरोप लगाया गया है। याचिका में ‘बुलडोजर जस्टिस’ की प्रवृत्ति को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट से जल्द सुनवाई की अपील की गई है।
वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने इस याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग की थी। जहांगीरपुरी मामले में वकील फारूक रशीद ने याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकारें हाशिए पर पड़े लोगों, खासकर अल्पसंख्यकों के खिलाफ दमन चक्र चलाकर उनके घरों और संपत्तियों पर बुलडोजर चलाने को बढ़ावा दे रही हैं, जिससे पीड़ितों को कानूनी सहारा लेने का मौका नहीं मिल रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह सार्वजनिक सड़कों को अवरुद्ध करने वाले किसी भी अवैध ढांचे को संरक्षण नहीं देगा। कोर्ट ने संबंधित पक्षों से सुझाव मांगे हैं ताकि वह देश भर में संपत्तियों को गिराने के संबंध में उचित दिशा-निर्देश जारी कर सके।
एमनेस्टी इंटरनेशनल की फरवरी 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली, असम, गुजरात, मध्य प्रदेश और यूपी में सांप्रदायिक हिंसा के बाद अप्रैल 2022 से जून 2023 के बीच 128 संपत्तियों को बुलडोजर से गिराया गया।