सुप्रीम कोर्ट का महिलाओं के हक़ में हुआ फैसला बताया शरियत के खिलाफ

0
40
सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले में मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों को सुरक्षित रखने की दिशा में कुछ प्रावधान किए हैं। फैसले के तहत तलाक और संपत्ति के अधिकारों से जुड़े मुद्दों पर महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं।

New Delhi,( Shah Times)। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिया गया एक महत्वपूर्ण फैसला विवादों में घिर गया है। मुस्लिम समुदाय के कुछ संगठनों ने इस फैसले को शरियत के खिलाफ बताते हुए इसे अस्वीकार कर दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले में मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों को सुरक्षित रखने की दिशा में कुछ प्रावधान किए हैं। फैसले के तहत तलाक और संपत्ति के अधिकारों से जुड़े मुद्दों पर महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। हालांकि, कुछ धार्मिक नेताओं और संगठनों का मानना है कि यह फैसला इस्लामी कानून यानी शरियत के खिलाफ है।

एक प्रमुख मुस्लिम संगठन के प्रवक्ता (प्रेसीडेंट हजरत मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी )ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला शरियत के सिद्धांतों के खिलाफ है और हमें इसे मंजूर नहीं है। हम इसे चुनौती देने के लिए कानूनी विकल्पों पर विचार कर रहे हैं।”

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर विभिन्न राजनीतिक दलों और समाज के अन्य वर्गों से मिश्रित प्रतिक्रियाएं मिली हैं। कुछ लोगों का मानना है कि यह कदम महिला सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण है, जबकि अन्य इसे धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन के रूप में देख रहे हैं।

वहीं, केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया है और इसे न्यायपालिका का सही कदम बताया है। एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा, “हम सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय का सम्मान करते हैं और यह महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।”

मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए देशभर में इस पर बहस छिड़ गई है और आने वाले दिनों में इसके कानूनी और सामाजिक प्रभावों पर बारीकी से नजर रखी जाएगी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here