
सुप्रीम कोर्ट ने द्वारिका सिटी निर्माण पर केवल गुंजन गुप्ता के प्लाट रोक लगाई
द्वारिका सिटी में गुंजन गुप्ता के प्लाट पर रोक, बाकी निर्माण जारी
द्वारिका सिटी को लेकर सुप्रीम कोर्ट का राहत भरा निर्णय: केवल गुंजन गुप्ता के प्लाट पर ही रोक, शेष भूमि पर जारी रहेंगे निर्माण कार्य
शरद गोयल
जिला प्रभारी, मुजफ्फरनगर
सुप्रीम कोर्ट ने द्वारिका सिटी में केवल गुंजन गुप्ता के प्लाट पर रोक लगाई, बाकी भूमि पर निर्माण कार्य जारी रखने की अनुमति दी है। विस्तार में पढ़ें।
Muzaffarngar,(Shah Times) । मुजफ्फरनगर के जानसठ रोड स्थित द्वारिका सिटी कालोनी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अहम निर्णय सुनाया है, जो कालोनी के निवासियों और निर्माण कार्यों से जुड़े हितधारकों के लिए राहत भरा साबित हुआ है। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि द्वारिका सिटी में केवल याचिकाकर्ता गुंजन गुप्ता के स्वामित्व वाली भूमि पर ही निर्माण कार्यों पर रोक रहेगी, जबकि अन्य भूखंडों पर विकास संबंधी गतिविधियां जारी रह सकती हैं।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश और उसके प्रभाव
सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति सूर्यकांत और जॉयमाल्या बागची की पीठ ने 27 मई 2025 के आदेश को स्पष्ट करते हुए यह निर्णय दिया है कि यथास्थिति केवल गुंजन गुप्ता के प्लाट से संबंधित होगी। इस आदेश के बाद राज्य प्रशासन और द्वारिका सिटी के संचालक दोनों पक्षों को स्पष्ट निर्देश मिले कि वे शेष भूखंडों पर निर्माण कार्य जारी रख सकते हैं।
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इस निर्णय के परिणामस्वरूप द्वारिका सिटी में निर्माण कार्य पुनः शुरू होने से निवासियों और भूखंड खरीदने वालों के बीच फैली अनिश्चितता दूर हुई है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के 27 मई के आदेश की गलत व्याख्या के कारण प्रशासन ने द्वारिका सिटी के कई भूखंडों पर निर्माण कार्यों को रोक दिया था, जिससे वहां मकान बनाने वालों में चिंता और भय का माहौल बन गया था।
याचिका और विवाद का इतिहास
याचिकाकर्ता गुंजन गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट के 27 मई 2025 के आदेश की कॉपी जिलाधिकारी और मुजफ्फरनगर प्राधिकरण के अधिकारियों को सौंपते हुए दावा किया था कि सुप्रीम कोर्ट ने द्वारिका सिटी के सभी निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी है। इस दावे के कारण प्रशासन ने व्यापक स्तर पर निर्माण रोक लगा दी, जिससे कालोनी के निवासियों में हड़कंप मच गया।
द्वारिका सिटी के संचालकों का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट ने केवल गुंजन गुप्ता के व्यक्तिगत प्लाट पर ही रोक लगाई है, न कि पूरे कालोनी में। इस विषय पर दोनों पक्षों के बीच बातचीत भी हुई, लेकिन समाधान नहीं निकला। विवाद बढ़ने के बाद मामला सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए गया।
कोर्ट में हुई सुनवाई और पक्षों के तर्क
आज की सुनवाई में द्वारिका सिटी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल सुब्रीमणीयम और अनुभव कुमार ने तर्क दिया कि 27 मई के यथास्थिति आदेश को गलत तरीके से समझा गया है। उन्होंने कहा कि यह आदेश केवल याचिकाकर्ता गुंजन गुप्ता के स्वामित्व वाली भूमि पर ही लागू होता है और बाकी भूखंडों पर निर्माण कार्यों पर रोक नहीं है।

Case filed by Anubhav Kumar, Advocate, Supreme Court.
राज्य के अधिवक्ता ने भी इस तर्क का समर्थन किया। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि केवल गुंजन गुप्ता के प्लाट पर ही यथास्थिति का पालन होगा और अन्य भूमि पर विकास कार्य जारी रहेंगे।
गुंजन गुप्ता के अधिवक्ता के अनुरोध पर सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 14 अगस्त 2025 के लिए निर्धारित की है।
द्वारिका सिटी के संचालकों का रुख
सुप्रीम कोर्ट में द्वारिका सिटी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनुभव कुमार ने यह भी बताया कि वे याचिकाकर्ता द्वारा की गई कुछ प्रार्थनाओं को स्वीकार करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता के प्लाट की उत्तरी सीमा पर आंतरिक चक्कर रोड के माध्यम से पहुंच मार्ग प्रदान करने की सहमति दी गई है। यह कदम विवाद समाधान की दिशा में सकारात्मक पहल माना जा रहा है।
स्थानीय जनता और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से द्वारिका सिटी के निवासियों और कालोनी के लोगों ने राहत की सांस ली है। लंबे समय से अनिश्चितता में फंसे लोग अब अपने मकानों के निर्माण कार्य शुरू होने की उम्मीद कर रहे हैं।
वरिष्ठ भाजपा नेता गौरव स्वरूप ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को एक अभूतपूर्व और संतुलित फैसला बताया है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय न केवल कानूनी दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे स्थानीय विकास कार्य भी सुचारू रूप से जारी रहेंगे, जो क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक हित में है।
नतीजा
मुजफ्फरनगर के जानसठ रोड स्थित द्वारिका सिटी कालोनी का यह विवाद कई महीनों से प्रासंगिक था और सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय से मामला एक नए मोड़ पर पहुंचा है। केवल याचिकाकर्ता गुंजन गुप्ता के प्लाट पर ही रोक लगाकर बाकी भूमि पर विकास कार्य जारी रखने की अनुमति से द्वारिका सिटी में विकास की प्रक्रिया फिर से पटरी पर आएगी।
14 अगस्त को अगली सुनवाई में कोर्ट के द्वारा लिए गए निर्णय को लेकर सभी की नजरें टिकी हैं। फिलहाल, सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट निर्देशों और दोनों पक्षों की सहमति से द्वारिका सिटी के भविष्य को लेकर आशा की किरण दिखाई दे रही है।