महर्षि दयानंद सरस्वती की 200 वीं जयंती पर वेंक्टेश्वरा विश्वविद्यालय एवं अखिल भारतीय साहित्य परिषद के संयुत्त तत्वाधान में ‘वसुधैव कुटुंबकम ’ विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी एवं ‘भारत विभूति सम्मान-2024’ का शानदार आयोजन कन्या गुरुकुल चोटीपुरा में किया गया। केरल के राज्यपाल आरिफ मौहम्मद खान ने वसुधैव कुटुंबकम कार्यक्रम में दिए ‘भारत विभूति सम्मान’
~चेतन रामकिशन
गजरौला, (Shah Times) । महर्षि दयानंद सरस्वती की 200 वीं जयंती पर वेंक्टेश्वरा विश्वविद्यालय एवं अखिल भारतीय साहित्य परिषद के संयुत्त तत्वाधान में ‘वसुधैव कुटुंबकम ’ विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी एवं ‘भारत विभूति सम्मान-2024’ का शानदार आयोजन कन्या गुरुकुल चोटीपुरा में किया गया।
शुभारम्भ मुख्य अतिथि राज्यपाल केरल आरिफ मौहम्मद खान, वेंक्टेश्वरा समूह अध्यक्ष डाॅ. सुधीर गिरि, साहित्य परिषद के अध्यक्ष डाॅ.पवनपुत्रा, प्रतिकुलाधिपति डाॅ.राजीव त्यागी, गुरुकुल चोटीपुरा की मुख्य प्रशासिका आचार्या डा. सुमेध दीदी, अखिल भारतीय साहित्य परिषद के जिलाध्यक्ष डा. यतीन्द्र कटारिया आदि ने मां सरस्वती की प्रतिमा के सन्मुख दीप प्रज्वलित करके किया।
मुख्य अतिथि केरल के राज्यपाल आरिफ मौहम्मद खान ने साहित्य कला, योग एवं आध्यात्म से जुड़े देश भर से आये 72 विभूतियों को कार्यक्रम अध्यक्ष डाॅ. सुधीर गिरि, गुरुकुल चोटीपुरा की प्राचार्य डाॅ.सुमेधा दीदी एवं प्रतिकुलाधिपति डा. राजीव त्यागी व डाॅ.यतीन्द्र कटारिया के साथ मिलकर ‘भारत विभूति सम्मान-2024’ से सम्मानित किया।
मुख्य अतिथि राज्यपाल आरिफ मौहम्मद खान ने कहा कि, महर्षि दयानंद सिर्फ महान राष्ट्र ऋषि ही नहीं, बल्कि एक युग प्रवर्तक थे। कहा कि उनकी 200 वीं जयंती के अवसर पर आप सभी कोे सम्मानित करते हुए स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। स्वामी दयानंद सरस्वती ने जाति, धर्म, संप्रदाय से ऊपर उठकर सामाजिक कुरीतियों को मिटाकर सभी से अखण्ड भारत के निर्माण में जुटने का आह्नान किया। संस्थापक अध्यक्ष वेंक्टेश्वरा समूह डाॅ. सुधीर गिरि ने कहा कि, आर्य समाज ने हमेशा जाति, धर्म, क्षेत्रवाद से ऊपर उठकर राष्ट्रधर्म निभाते हुए देश से सामाजिक कुरीतियों को मिटाने का काम किया।
गुरुकुल चोटीपुरा की मुख्य प्रशासिका आचार्य डॉ.सुमेधा दीदी ने कहा कि, हम सबको स्वामी दयानंद सरस्वती के पदचिन्हों पर चलना चाहिए प्रतिकुलाधिपति वेंक्टेश्वरा विश्वविद्यालय एवं आधिकारिक प्रतिनिधि समूह अध्यक्ष ने कहा कि, ‘आइये हम सब मिलकर स्वामी दयानंद सरस्वती के दिखाए गये राष्ट्रभत्ति के मार्ग पर चलकर अखण्ड भारत निर्माण में अपना योगदान दें।
इस अवसर पर भारत सरकार की सलाहकार डा. शालिनी सिंह, प्रधान सलाहकार प्रो. वी.पी.एस. अरोड़ा, कुलपति प्रो. (डा.) कृष्णकांत दवे, कुलसचिव डा.पीयूष पांडेय, आर्ट आफ लिविंग की माध्वी सिंह, डा.राजेश सिंह, अरूण गोस्वामी, डा. प्रताप सिंह, विश्वास राणा मौजूद रहे।