
SDRF rescue operation after cloudburst on Yamunotri Highway @ ShahTimes
यमुनोत्री हाईवे पर बादल फटने से मचा हाहाकार: 2 श्रमिकों की मौत, 7 लापता, चारधाम यात्रा 24 घंटे के लिए स्थगित
उत्तरकाशी में बादल फटने की विभीषिका: जान-माल का नुकसान, रेस्क्यू अभियान जारी
Chiranjeev Semwal
यमुनोत्री हाईवे पर सिलाई बैंड के पास बादल फटा, 2 श्रमिकों की मौत, 7 लापता। चारधाम यात्रा पर 24 घंटे की रोक, रेस्क्यू अभियान जारी।
उत्तरकाशी (Shah Times)। उत्तराखंड में मानसून की शुरुआत एक बार फिर कहर बनकर टूटी है। शनिवार देर रात उत्तरकाशी जिले के यमुनोत्री हाईवे पर सिलाई बैंड के पास बादल फटने की घटना ने तबाही मचा दी। एक निर्माणाधीन होटल में कार्यरत कुल 29 श्रमिकों में से 9 लापता हो गए, जिनमें से 2 के शव SDRF की टीम ने बरामद कर लिए हैं, जबकि 7 श्रमिकों की खोजबीन जारी है। घटना के बाद चारधाम यात्रा को 24 घंटे के लिए स्थगित कर दिया गया है।
🌧️ आपदा की विभीषिका: बादल फटा, मजदूर बह गए
प्राकृतिक आपदाओं के लिए संवेदनशील उत्तरकाशी जिले में यह घटना आधी रात को घटी, जब अधिकांश मजदूर सो रहे थे। अचानक आई जलप्रलय ने उन्हें संभलने का मौका नहीं दिया। SDRF, NDRF, पुलिस, प्रशासन, और स्थानीय प्रशासन ने तत्काल राहत व बचाव कार्य शुरू किया। अब तक दो शव बरामद हुए हैं, शेष लापता श्रमिकों की खोज के लिए सर्च ऑपरेशन जारी है।










👷 मजदूरों की पहचान और क्षति का ब्यौरा
घटनास्थल पर कार्य कर रहे 29 श्रमिकों में से 20 को सुरक्षित निकाल लिया गया है। मृतकों में एक उत्तर प्रदेश के पीलीभीत और एक नेपाल के राजापुर से हैं। लापता श्रमिकों में 5 नेपाली, 3 देहरादून और 1 यूपी निवासी बताए जा रहे हैं।
🔻 मृतक श्रमिकों की सूची:
- दूजेलाल (55), पीलीभीत, उत्तर प्रदेश
- केवल विष्ट (43), राजापुर, नेपाल
🔻 लापता श्रमिकों की सूची:
रोशन चौधरी (नेपाल)
अनवीर धामी (नेपाल)
कल्लूराम चौधरी (नेपाल)
जयचंद उर्फ बॉबी (देहरादून)
छोटू (देहरादून)
प्रियांश (देहरादून)
सर कटेल धामी (नेपाल)
🧑⚕️ प्रशासनिक तैयारियां और राहत कार्य
जिलाधिकारी प्रशांत कुमार आर्य ने स्मार्ट कंट्रोल रूम से स्थिति पर निगरानी रखते हुए प्रशासनिक अधिकारियों को मौके पर भेजा है। SDRF, NDRF, NH, स्वास्थ्य विभाग, पुलिस सभी राहत-बचाव कार्य में लगे हुए हैं। अपर जिलाधिकारी मुक्ता मिश्र और उप जिलाधिकारी बड़कोट ब्रजेश तिवारी मौके पर राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं।
🛑 चारधाम यात्रा पर अस्थायी रोक
मौसम विभाग की भारी बारिश की चेतावनी को देखते हुए प्रशासन ने चारधाम यात्रा को आगामी 24 घंटे के लिए स्थगित कर दिया है। गंगोत्री और यमुनोत्री जाने वाले तीर्थ यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोक दिया गया है। पेयजल और आवश्यक सामग्री की आपूर्ति के लिए जिला पूर्ति विभाग को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
🏞️ अन्य क्षेत्र भी प्रभावित
कुथनौर गांव में बादल फटने से कृषि भूमि को नुकसान
पाली गांव में मलवा सोमेश्वर मंदिर तक घुसा
गंगोत्री हाईवे पर नेताला, बिशनपुर, लालढांग व नालूणा क्षेत्र में मार्ग अवरुद्ध
यमुनोत्री हाईवे तीन स्थानों से अवरुद्ध होकर बाद में खोला गया
ओजरी, डबरकोट, स्यानाचट्टी में सड़कें और पुल क्षतिग्रस्त
मायकन (अस्सी घाटी) में खेत व छानियों को नुकसान
🧩 स्थानीय आवाजें: ज़मीनी हकीकत का बयान
स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता महावीर सिंह पंवार ने बताया कि सड़कें 2-3 स्थानों पर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हैं। स्यानाचट्टी क्षेत्र में पुल खतरे की स्थिति में है। जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। मनीष रावत ने अस्सी घाटी में जाकर नुकसान का निरीक्षण किया और संबंधित विभागों को सूचित किया।
🌍 प्रकृति के प्रति सजगता समय की मांग
उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्यों में हर साल मानसून के समय बादल फटना, भूस्खलन और सड़कें ध्वस्त होना आम हो चला है। इसका बड़ा कारण निर्माण कार्यों में लापरवाही, अवैज्ञानिक शहरीकरण, और अनियोजित टूरिज्म इन्फ्रास्ट्रक्चर है।
चारधाम यात्रा जैसे धार्मिक अभियानों की सफलता और सुरक्षा तभी संभव है जब पर्यावरणीय संतुलन और निर्माण कार्यों में मानकों का पालन हो। प्रशासन द्वारा समय रहते यात्रा को रोका जाना एक सकारात्मक कदम है, लेकिन दीर्घकालीन रणनीति बनाना अनिवार्य है।
📌 निष्कर्ष
इस घटना ने न सिर्फ कई घरों को शोक में डुबो दिया, बल्कि यह एक बार फिर हमें चेतावनी देता है कि प्रकृति से छेड़छाड़ की कीमत कितनी भारी हो सकती है। राहत कार्य जारी हैं, लेकिन दीर्घकालीन समाधान हेतु नीति निर्धारकों को गंभीरता दिखानी होगी।