
Security forces conducting search operations after the terror attack in Pahalgam, Jammu and Kashmir
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने पर्यटकों को बनाया निशाना, गोलाबारी में 6 घायल। अमरनाथ यात्रा से पहले आतंकी हमले ने खड़ी की सुरक्षा पर सवाल। जानें पूरा घटनाक्रम।
श्रीनगर, (Shah Times) । जम्मू-कश्मीर के लोकप्रिय पर्यटन स्थल पहलगाम में आतंकियों ने पर्यटकों को निशाना बनाते हुए अंधाधुंध गोलीबारी की। बैसरन क्षेत्र में हुए इस हमले में अब तक 6 पर्यटकों के घायल होने की पुष्टि हुई है, जिनमें से दो की हालत गंभीर बताई जा रही है। हमले के बाद पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई।
हमले की प्रकृति और लोकेशन
बताया जा रहा है कि आतंकियों ने जंगलों में छिपकर पर्यटकों पर अचानक गोलियां चलाईं, जिससे लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। यह हमला ऐसे समय हुआ है जब गर्मियों में पहलगाम में पर्यटकों की संख्या चरम पर होती है, और आगामी अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू होने वाली है।
सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
पहलगाम में पर्यटकों पर इस तरह का यह पहला बड़ा आतंकी हमला है, जिसने सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। हर साल लाखों श्रद्धालु और सैलानी इस क्षेत्र में आते हैं, ऐसे में आतंकी गतिविधियों का बढ़ना चिंता का विषय है।
सुरक्षा बलों की कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही सुरक्षाबलों ने इलाके को घेर लिया है। सेना और CRPF के जवानों ने सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है। पहाड़ी और जंगलों वाले इलाके में संभावित आतंकी छिपे हो सकते हैं, जिनकी तलाश की जा रही है।
किश्तवाड़ में भी मिला था आतंकियों का हाई-टेक ठिकाना
सिर्फ पहलगाम ही नहीं, हाल ही में 14 अप्रैल को किश्तवाड़ जिले के छत्रू वन क्षेत्र में सुरक्षा बलों ने 25 दिन चले ऑपरेशन के बाद जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े आतंकियों का ठिकाना भी खोजा था। इस ठिकाने में सौर पैनल, जीपीएस डिवाइस, वाई-फाई सेटअप, धार्मिक ग्रंथ और एक भूमिगत भागने का रास्ता तक मौजूद था।
यह दर्शाता है कि आतंकी संगठनों ने अब हाई-टेक तकनीक और दीर्घकालीन ठहराव की रणनीति अपनानी शुरू कर दी है।
सवाल और सख्ती
घटना के बाद केंद्र और राज्य सरकार पर सुरक्षा चूक को लेकर सवाल उठ रहे हैं। क्या अमरनाथ यात्रा को सुरक्षित तरीके से संचालित किया जा सकेगा? क्या आतंकियों की बढ़ती तकनीकी तैयारी पर रोक लग पाएगी? अब नजर सरकार की प्रतिक्रिया और अगली रणनीति पर है।