
‘इंपार’ के 11 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल ने गुरुग्राम और 9 के हिसा ग्रस्त इलाकों का किया दौरा
‘इंपार’ के प्रतिनिधि मंडल ने गुरुग्राम और नूह के प्रशासनिक अधिकारियों से की मुलाकात
हिंसा के बावजूद आपसे सादात की दिल को छू ले छू लेने वाली कई मिसालें सामने आई
हिंदू बहुल इलाकों में हिंदुओं की मस्जिदों की रक्षा तो मुस्लिम बहुल इलाकों में मुसलमानों ने की मंदिरों की हिफाज़त
नई दिल्ली। हरियाणा के नूह और गुरुग्राम के जिला प्रशासन ने हाल ही में हुई हिंसा के लिए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही का भरोसा दिया है। ज्यादा अधिकारियों ने भरोसा भारतीय मुसलमानों के संगठन ‘इंडियन मुस्लिम फॉर प्रोग्रेस एंड रिफॉर्म्स’ यानि ‘इंपार’ के एक प्रतिनिधिमंडल को दिया। प्रशासनिक अधिकारियों ने भरोसा दिया है कि हिंसा ग्रस्त इलाकों में आपसी सद्भाव कायम रखने की हर संभव कोशिश की जाएगी साथ ही हिंसा के लिए दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।
‘इंपार’ के 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को हिंसा प्रभावित गुड़गांव और नूंह जिलों का दौरा किया और गुड़गांव और सोहना में मुस्लिम समूहों, पुलिस आयुक्त और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की। इंपार ने अपने इस दौरे के दौरान पाया कि हिंसा ग्रस्त इलाकों में स्थिति तेजी से सामान्य हो रही है। लेकिन हिंसा और संगठित हमलों, दुकानों और कई मस्जिदों को जलाने की कहानियां अभी भी लोगों के ज़हन में ताजा हैं। हिंसा के लिए जिम्मेदार माने जा रहे लोगों की अभी तक गिरफ्तारी न होने से मुस्लिम समुदाय में थोड़ी निराशा जरूर है लेकिन प्रशासन पर उन्हें भरोसा है।
एक बार के प्रतिनिधिमंडल के साथ मुलाकात के दौरान सोना के एसडीएम प्रदीप कुमार मलिक ने बताया कि हिंसा के बावजूद सामाजिक सद्भाव कायम है। उन्होंने बताया कि जब उन्होंने मुस्लिम बहुल इलाकों का दौरा किया तब उन्हें बताया गया कि वहां के मुसलमानों ने मंदिरों की हिफाजत की है। मुसलमानों ने कहा कि उनके साथ रहने वाले हिंदू उनके भाई हैं और उनके धर्म स्थलों की रक्षा करना उनका फर्ज बनता है। ठीक इसी तरह जब वह हिंदू बहुल इलाकों में गए तो उन्हें बताया गया कि वहां के हिंदुओं ने मस्जिदों की रक्षा की है। अभी यही कहना था कि वर्षों से यहां हिंदू मुसलमान साथ मिलकर रह रहे हैं इसलिए उनकी मस्जिदों की रक्षा करना हमारा धर्म है।

‘इंपार’ के अध्यक्ष डॉ एमजे खान ने गुरुग्राम और अनु क दौरे से लौटने के बाद कहा, ‘यह जानकर बहुत खुशी हुई कि मुसलमानों ने त्वरित कार्रवाई के लिए पुलिस और प्रशासन की भूमिका की सराहना की। उन्होंने कई उदाहरण भी दिए कि कैसे मुसलमानों ने मंदिरों की रक्षा की और हिंदुओं ने मस्जिदों की रक्षा की। डीसी और पुलिस आयुक्त ने भी हमारी तरफ से उन्हें भेजे गए कुछ वीडियो पर तत्काल कार्रवाई के लिए प्रतिक्रिया दी। हालाँकि अब एफआईआर, मुआवजे के मामलों और गरीब मजदूरों के पुनर्वास, कुख्यात गिरोह के सदस्यों की गिरफ्तारी और इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि हिंसा की पुनरावृत्ति को रोकने, विश्वास और एकता और भाईचारे की मेवाती भावना को बहाल करने के लिए एक तंत्र बनाने की तत्काल आवश्यकता है।’
‘इंपार’ के इस प्रतिनिधिमंडल में के अध्यक्ष डॉक्टर अमजद खान के अलावा सुप्रीम कोर्ट के जाने-माने वकील फ़िरोज़ गाज़ी, सामाजिक कार्यकर्ता इशरत फातिमा व सबीहा अहमद, चौधरी औरंगजेब,शान मोहम्मद, पूर्व नौकरशाह ख्वाजा शाहिद, जामिया मिलिया इस्लामिया के एमक्यूएच बेग, भारतीय सेना के रिटायर्ड मेजर अली शाह, पत्रकार अशरफ बस्तवी और मोहम्मद अहमद शामिल थे।
Nuh Violence, Gurugram , Haryana , Indian Muslim organization ‘Indian Muslim for Progress and Reforms, Impar