
Punjab Yeshu pastor
चंडीगढ़ (Shah Times): मोहाली की एक अदालत ने मंगलवार को 2018 के जीरकपुर बलात्कार मामले में स्वयंभू पंजाब के पादरी बजिंदर सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने पिछले सप्ताह उसे दोषी करार दिया था।
पादरी बजिन्दर को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (बलात्कार), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाने के लिए सजा) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत दोषी ठहराया गया।
मामले में पांच अन्य आरोपी पादरी जतिंदर, पादरी अकबर, सत्तार अली और संदीप पहलवान को बरी कर दिया गया।
फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए मामले की पीड़िता ने कहा, “वह (बजिंदर) एक मनोरोगी है और जेल से बाहर आने के बाद भी यही अपराध करेगा, इसलिए मैं चाहती हूं कि वह जेल में ही रहे। आज बहुत सी लड़कियों (पीड़ितों) की जीत हुई है। मैं डीजीपी से अनुरोध करती हूं कि हमारी सुरक्षा सुनिश्चित करें क्योंकि हम पर हमले की संभावना है।”
उन्होंने पहले आरोपियों के लिए कम से कम 20 साल की सजा की मांग की थी। पीड़िता के वकील अनिल सागर ने सख्त सजा की जरूरत पर जोर दिया।
उन्होंने कहा, “बलात्कार के अपराध के लिए मामले की परिस्थितियों के आधार पर 10-20 साल की सजा का प्रावधान है। इस मामले में मैं सबसे अधिक सजा की प्रार्थना करता हूं, क्योंकि यह व्यक्ति धर्म के नाम पर लोगों को बहकाता था। उसे ऐसी सजा देना जरूरी है जो मिसाल बने। मुझे उम्मीद है कि इसके बाद ऐसे अपराधों का सामना करने वाली लड़कियां सामने आएंगी और अपने साथ हुए अत्याचारों के बारे में बताएंगी।”
पादरी बजिंदर के खिलाफ क्या मामला है?
मामला 2018 का है, जब जीरकपुर की एक महिला ने शिकायत की थी कि बजिंदर ने उसे विदेश यात्रा में मदद करने के बहाने उसका यौन शोषण किया।
महिला ने दावा किया कि उसने उसका एक अश्लील वीडियो रिकॉर्ड किया और धमकी दी कि अगर वह उसकी मांगें नहीं मानेगी तो वह वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट कर देगा। इस मामले में बजिंदर जमानत पर बाहर था।
शिकायतकर्ता ने पहले कहा था कि उस पर अपना बयान वापस लेने के लिए दबाव डाला जा रहा है। स्वयंभू धर्मगुरु के समर्थकों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया है और दावा किया है कि पीड़िता ने झूठा बयान दिया है और वह निर्दोष है।
बजिंदर पर मारपीट का भी मामला दर्ज
पंजाब पुलिस के अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि फरवरी की शुरुआत में, रंजीत कौर नामक एक महिला द्वारा शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद, पंजाब पुलिस ने पादरी बजिंदर सिंह के खिलाफ एक और एफआईआर दर्ज की थी। यह शिकायत रंजीत कौर ने दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उन पर हमला किया गया। यह घटना कथित तौर पर एक प्रार्थना सत्र के बाद हुई, जहां कौर ने दावा किया कि उनके साथ-साथ अन्य लोगों के साथ भी दुर्व्यवहार किया गया और उन पर शारीरिक हमला किया गया।
कौर ने अपनी आपबीती बताते हुए आरोप लगाया कि जब उन्होंने सभा में मौजूद एक अन्य व्यक्ति पर हो रहे हमले में हस्तक्षेप करने की कोशिश की तो उन पर हमला किया गया।