
किसी चमत्कारी पेड़ से कम नही है सहजन का पेड़।

सहजन, जिसे ड्रमस्टिक या मोरिंगा के नाम से भी जाना जाता है, यह भारत की धरती पर उगने वाला एक साधारण-सा पेड़ है, लेकिन इसके औषधीय गुण इसे असाधारण बनाते हैं। इसे पूरी दुनिया में मिरेकल ट्री के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इसपेड की पत्तियों से लेकर फलियां, फूल, बीज और छाल सभी चीजें किसी न किसी औषधीय गुण से भरपूर हैं।आयुर्वेद में सहजन का उपयोग प्राचीन काल से विभिन्न रोगों के उपचार में किया जाता रहा है। यह पेड़ न केवल स्वाद बढ़ाने वाला है, बल्कि सेहत की सुरक्षा का भी बड़ा साधन है। तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि किन लोगों के लिए चमत्कार से कम नहीं है सहजन का पेड़।
कैसे का करें सहजन इस्तेमाल
सहजन को हम अपनी जीवनशैली में कई प्रकार से इस्तेमाल कर सकते हैं। सहजन कि भुजिया बनाकर भी खा सकते हैं। तो चलिए हम आपको बताते हैं कैसे बनाते हैं सहजन की भुजिया।
भुजिया बनाने के के लिए सहजन को धोकर अच्छी तरह से छीलकर के छोटे-छोटे पीस में काट लें।अब आपको कढ़ाही में तेल गर्म करना है और उसमें जीरा, प्याज और हरी मिर्च डालकर मिक्स कर लेना है। अब इसमें सहजन को डालें और मिक्स कर लें। इसके बाद इसमें हल्दी, नमक, धनिया पाउडर और सब्जी मसाला डालकर धीमी आंच पर इसे पकाएं। आपकी सहजन की भुजिया बनकर तैयार है। इसे रोटी या फिर पराठे के साथ खाएं।
सहजन के फायदे
पाचन को ठीक रखने के लिए बेहतर
सहजन को कफ-नाशक और वातहर माना गया है। यह शरीर में जमा विषैले तत्वों को बाहर निकालने में मदद करता है। इसकी पत्तियां और फलियां पाचन को दुरुस्त रखने, रक्त को शुद्ध करने और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक हैं।
कैल्शियम और विटामिन सी से भरपूर
सहजन की खासियत यह है कि इसमें अन्य सब्जियों और फलों की तुलना में कई गुना अधिक पोषक तत्व पाए जाते हैं। उदाहरण के लिए, इसमें संतरे की तुलना में सात गुना अधिक विटामिन सी और गाजर से चार गुना अधिक विटामिन ए पाया जाता है। इसके अलावा, इसमें दूध से ज्यादा कैल्शियम और केले से अधिक पोटैशियम होता है। यही वजह है कि सहजन को ‘ट्री ऑफ लाइफ’ भी कहा जाता है।
एंटी-कैंसर गुण
सहजन में एंटी-कैंसर गुण भी पाए जाते हैं। सहजन का पाउडर या बीजों का सेवन शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालकर रक्त शुद्धिकरण करता है। इसके अतिरिक्त, यह शरीर को एनर्जी देने और थकान दूर करने में भी कारगर है।
ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करना
सहजन का नियमित सेवन पाचन तंत्र को मजबूत करता है, ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखता है और वजन घटाने में भी मदद करता है। यही नहीं, इसमें मौजूद विटामिन बी6 मस्तिष्क को सक्रिय रखने और मानसिक स्वास्थ्य सुधारने में भी सहायक है।
इम्यूनिटी सिस्टम मजबूत होना
आयुर्वेद में सहजन के कई घरेलू नुस्खों का उल्लेख मिलता है। सहजन की पत्तियों का रस प्रतिदिन 1-2 चम्मच लेने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और मौसमी बीमारियों से बचाव होता है। सहजन की फलियों की सब्जी खाने से पाचन शक्ति मजबूत होती है और ब्लड शुगर नियंत्रित रहता है।
दर्द-सूजन से राहत मिलना
वहीं, सहजन की पत्तियों को सरसों के तेल में मिलाकर मालिश करने से दर्द और सूजन में राहत मिलती है। इसके अलावा, सहजन का काढ़ा गले की खराश और खांसी-जुकाम जैसी समस्याओं में बहुत उपयोगी है।सहजन की पत्तियों का पेस्ट त्वचा पर लगाने से मुंहासे और अन्य त्वचा रोगों में लाभ मिलता है.






