
हिमस्खलन के बाद मुख्यमंत्री ने किया हवाई सर्वेक्षण, राहत कार्यों की समीक्षा
देहरादून, ( M Fahim Tanha) । उत्तराखंड के चमोली जिले में माणा क्षेत्र में भारी हिमस्खलन के बाद अलकनंदा नदी में बर्फ जमने की खबर सामने आई है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हवाई सर्वेक्षण किया और अधिकारियों को तुरंत रेकी कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हिमस्खलन और भारी बर्फबारी के कारण जोखिम बढ़ सकता है, इसलिए संभावित खतरों को लेकर सतर्कता बरती जाए।
मुख्यमंत्री की उच्च स्तरीय बैठक और राहत प्रयास
हवाई सर्वेक्षण के बाद मुख्यमंत्री धामी ने उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (USDMA) के आपातकालीन परिचालन केंद्र में आला अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में 6 से 7 फीट तक बर्फ जमी हुई है, जिससे हिमस्खलन की संभावना बनी हुई है। उन्होंने आपदा प्रबंधन विभाग को एडवाइजरी जारी करने और वहां मौजूद श्रमिकों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि एरियल सर्वे, मैनुअल सर्वे और सैटेलाइट सर्वे कर जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपी जाए। इसके साथ ही विशेषज्ञ संस्थानों को भी हालात का आकलन कर सुरक्षा के लिहाज से जरूरी कदम उठाने को कहा गया है।
संचार और बिजली बहाल करने के निर्देश
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि भारी बर्फबारी के कारण कई गांवों से संपर्क टूट गया है। उन्होंने संचार व्यवस्था को बहाल करने के लिए सेटेलाइट फोन और वैकल्पिक संचार माध्यमों का उपयोग करने के निर्देश दिए। जिन इलाकों में बिजली बाधित है, वहां जल्द से जल्द विद्युत आपूर्ति सुचारु करने के लिए ऊर्जा विभाग को निर्देश दिए गए हैं।
मुख्य निर्देश:
✅ हिमस्खलन संभावित क्षेत्रों में श्रमिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए।
✅ प्रभावित क्षेत्रों का सटीक आकलन करने के लिए हवाई सर्वेक्षण, सैटेलाइट इमेजरी और जमीनी रिपोर्ट ली जाए।
✅ संचार और इंटरनेट सेवा क्यू.डी.ए. (QDA) टेक्नोलॉजी से बहाल करने पर विचार किया जाए।
✅ स्थानीय प्रशासन को प्रभावित गांवों तक आवश्यक राशन, दवाइयां और अन्य आपूर्ति भेजने के निर्देश।
✅ औली और हर्षिल के रिसॉर्ट्स में रुके पर्यटकों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जाए।




200 से अधिक लोग राहत और बचाव कार्य में जुटे
बचाव कार्यों में NDRF, SDRF, ITBP, BRO, पुलिस, सेना, जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और अग्निशमन विभाग की टीमें लगी हुई हैं। बद्रीनाथ क्षेत्र में 200 से अधिक अधिकारी और जवान राहत कार्यों में सक्रिय हैं।
बर्फ हटाने के लिए माणा आर्मी बेस कैंप और बद्रीनाथ आर्मी हैलीपैड पर भी कार्य जारी है। अधिकारियों ने बताया कि बर्फबारी के कारण 5-6 किमी का रास्ता अभी भी बंद है, जिसे युद्धस्तर पर खोला जा रहा है।
मुख्यमंत्री की अपील – तीन दिन तक ऊंचाई वाले इलाकों की यात्रा न करें
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पर्यटकों और श्रद्धालुओं से अगले तीन दिनों तक औली, हर्षिल और बद्रीनाथ जैसे ऊंचाई वाले इलाकों की यात्रा न करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन सभी जरूरी सुरक्षा इंतजाम कर रहा है और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।
“Glacial Blockage in Alaknanda River: Uttarakhand CM Orders Aerial Survey and Rescue Operations”