
इस पौधे की पत्तियों से लेकर जड़ तक है औषधीय गुणों से भरपूर, जानें इसके फायदे।

अडूसा क्या है?
अडूसा जिसे वासाका, वासा, या अडूसा कहा जाता है, एक औषधीय पौधा है जिसे आयुर्वेद में खास महत्व दिया गया है। इसका वैज्ञानिक नाम Adhatoda Vasica है। यह झाड़ी जैसे पौधे के रूप में पाया जाता है और इसके पत्ते, फूल, जड़ और तना, सभी का उपयोग दवाओं में होता है।
अडूसा का मुख्य गुण सांस और फेफड़ों की बीमारियों को ठीक करने में है। यह खांसी, बलगम, दमा और गले की सूजन में काफी असरदार माना जाता है।
अडूसा के प्रमुख औषधीय गुण
अडूसा में कई प्रकार के प्राकृतिक तत्व पाए जाते हैं जैसे–
वेसिन व वेसिसिन (Vasicine, Vasicinone): ये बलगम निकालने और खांसी शांत करने में मदद करते हैं।
एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण
एंटीबैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुण
एंटी-एलर्जिक गुण
इन्हीं कारणों से यह पौधा बहुत सी बीमारियों में उपयोगी होता है।
अडूसा के प्रमुख फायदे
1. खांसी और बलगम में फायदेमंद
अडूसा की पत्तियों में बलगम ढीला करने का गुण होता है, जिससे कफ आसानी से बाहर निकल जाता है।
दमा, पुरानी खांसी और छाती जाम होने पर बेहद असरदार।
2. अस्थमा (दमा) में राहत
अडूसा की पत्तियां फेफड़ों की नलियों को साफ करती हैं और सांस लेने में आसानी होती है। आयुर्वेद में दमा रोगियों को इसका रस पिलाया जाता है।
3. गले की सूजन और खराश में लाभ
अडूसा की पत्तियां गले को मुलायम बनाती हैं और सूजन को कम करती हैं। आवाज बैठने या गले में जलन होने पर भी यह फायदेमंद है।
4. खून साफ करता है
अडूसा शरीर से टॉक्सिन हटाने में मदद करता है। इसकी जड़ से बने काढ़े का सेवन त्वचा रोगों में भी लाभ देता है।
5. बुखार और संक्रमण में उपयोगी
इसके एंटी-बैक्टीरियल गुण बुखार और संक्रमण को कम करते हैं। खासकर वायरल खांसी-बुखार में इसका काढ़ा राहत देता है।
6. नकसीर (नाक से खून बहना) में लाभ
अडूसा का रस थोड़ा सा सूंघने से नकसीर रुक जाती है। साथ ही शरीर की गर्मी भी कम होती है।
7. घाव भरने में उपयोगी
अडूसा के पत्ते में ऐसे गुण हैं जो घाव पर लगाने से सूजन और पस को रोकते हैं। आयुर्वेद में इसे प्राकृतिक एंटीसेप्टिक माना गया है।
अडूसा का इस्तेमाल कैसे करें?
1. अडूसा की पत्तियों का रस
2–3 ताज़ी पत्तियां लें
अच्छी तरह धोकर पीस लें और रस निकालें
1–2 चम्मच सुबह-शाम लें
खांसी, बलगम, दमा और गले की सूजन में अत्यंत लाभकारी।
2. अडूसा का काढ़ा
5–6 पत्तियां लें
1 गिलास पानी में उबालें
पानी आधा हो जाए तो छानकर पिएं
इसमें थोड़ा सा शहद मिलाया जा सकता है
वायरल खांसी, बुखार और फेफड़ों की सफाई के लिए अच्छा।
3. अडूसा के पत्तों की भाप
कुछ पत्ते पानी में उबालें
उस भाप को 3–5 मिनट लें
छाती जाम, सर्दी और नाक बंद होने पर फायदेमंद।
4. घाव पर लगाने के लिए पत्ते
लौंग के तेल या नारियल तेल में पत्तों को गर्म करें
हल्का ठंडा होने पर घाव पर रखें
घाव जल्दी भरने और सूजन में राहत।
5. नकसीर रोकने के लिए
1–2 बूंद अडूसा का रस नाक में डालें
तुरंत आराम मिलता है
अडूसा किन लोगों को सावधानी से लेना चाहिए?
गर्भवती महिलाएं
अत्यधिक लो BP वाले लोग
छोटे बच्चों को बिना डॉक्टर की सलाह नहीं देना चाहिए
किसी भी औषधीय पौधे का अत्यधिक सेवन नहीं करना चाहिए।
निष्कर्ष
अडूसा वास्तव में एक बहुत ही उपयोगी और बहुऔषधीय पौधा है। पत्तियों से लेकर जड़ तक इसके हर हिस्से में स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाने वाले तत्व मौजूद हैं।
खांसी, बलगम, दमा, बुखार, गले की सूजन, त्वचा रोग और घाव—इन सभी में यह प्राकृतिक औषधि लाभ देती है। अगर इसे सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए तो यह कई दवाओं से ज्यादा असरदार और सुरक्षित विकल्प बन सकता है।







