
Sreenath K., a railway porter, cracked the UPSC exam using free WiFi at the station and fulfilled his dream of becoming an IAS officer. His story is a powerful example of determination, resilience, and smart use of technology
एक रेलवे स्टेशन पर कुली का काम करने वाले श्रीनाथ के. ने फ्री WiFi की मदद से UPSC परीक्षा पास कर IAS बनने का सपना पूरा किया। यह कहानी संघर्ष, हिम्मत और तकनीक के सही उपयोग की प्रेरणादायक मिसाल है।
परिचय (शाह टाइम्स) कहते हैं अगर आपके अंदर कुछ कर गुजरने का जुनून हो, तो परिस्थितियाँ चाहे जितनी भी कठिन क्यों न हों, सफलता आपके कदम चूमती है। केरल के रहने वाले श्रीनाथ के. ने इस बात को सच कर दिखाया। रेलवे स्टेशन पर कुली का काम करते हुए उन्होंने न केवल देश की सबसे कठिन परीक्षा मानी जाने वाली UPSC सिविल सेवा परीक्षा पास की, बल्कि अपने जीवन को एक नई दिशा भी दी। यह कहानी सिर्फ सफलता की नहीं, बल्कि आत्मबल, संघर्ष और तकनीक के सही उपयोग की भी मिसाल है।
- जीवन की शुरुआत – गरीबी और संघर्ष का दौर
श्रीनाथ केरल के मुन्नार क्षेत्र से ताल्लुक रखते हैं। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद खराब थी, और वे अपने परिवार के एकमात्र कमाने वाले सदस्य थे। एर्नाकुलम रेलवे स्टेशन पर कुली का काम करके वे रोज़ाना 400-500 रुपये कमाते थे। इसी कमाई से वे अपने घर का खर्च चलाते और अपने भविष्य का सपना भी बुनते।
- पढ़ाई के लिए नहीं थे संसाधन, फिर भी नहीं मानी हार
महंगी कोचिंग क्लास या किताबें श्रीनाथ के लिए एक सपना थीं, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने तकनीक का सहारा लिया। साल 2016 में जब रेलटेल और गूगल ने देश के कई रेलवे स्टेशनों पर फ्री वाई-फाई सेवा शुरू की, तब श्रीनाथ मुंबई सेंट्रल स्टेशन पर कुली का काम कर रहे थे। उन्होंने इस अवसर को पहचाना और स्टेशन पर ही वाई-फाई की मदद से ऑनलाइन वीडियो, ऑडियो बुक्स और लेक्चर डाउनलोड कर पढ़ाई शुरू की।
- स्मार्टफोन और ईयरफोन बने क्लासरूम का हिस्सा
श्रीनाथ ने अपने लिए एक सस्ता स्मार्टफोन और ईयरफोन खरीदे और इन्हीं के सहारे वह स्टेशन पर काम करते हुए पढ़ाई करने लगे। कुली के बैज के साथ उनके पास एक और पहचान बन गई – एक महत्वाकांक्षी छात्र की, जो हर फुर्सत के पल में कुछ नया सीखने की कोशिश करता।
- केरल लोक सेवा आयोग से मिली पहली सफलता
27 साल की उम्र में श्रीनाथ ने पहली बार प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी शुरू की। उन्होंने केरल लोक सेवा आयोग (KPSC) की परीक्षा पास की और एक सरकारी नौकरी हासिल की। लेकिन उनका सपना इससे भी बड़ा था – देश की सर्वोच्च सिविल सेवा में शामिल होना।
- कई बार असफलता, लेकिन नहीं टूटी हिम्मत
श्रीनाथ ने कई बार UPSC परीक्षा दी, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। हर बार असफलता से कुछ सीखा और आगे बढ़ते रहे। उनकी मेहनत आखिरकार रंग लाई – चौथी बार में वे UPSC परीक्षा पास करने में सफल रहे और एक सम्मानित IAS अधिकारी बन गए।
- देशभर में बनी प्रेरणा – नेताओं और कंपनियों की सराहना
उनकी इस अद्भुत सफलता की कहानी को देशभर में सराहा गया। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने उन्हें 2018 में बधाई दी, और गूगल इंडिया ने भी उनकी सफलता की कहानी साझा की। श्रीनाथ की कहानी यह साबित करती है कि अगर इरादे मजबूत हों, तो तकनीक भी गरीब का सबसे बड़ा हथियार बन सकती है।
श्रीनाथ के. की कहानी हमें यह सिखाती है कि परिस्थितियाँ चाहे कितनी भी विपरीत हों, यदि हिम्मत और लगन हो, तो कुछ भी असंभव नहीं। एक कुली से आईएएस अधिकारी तक का उनका सफर उन लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो सीमित संसाधनों के बावजूद बड़े सपने देखते हैं। सही दिशा, कड़ी मेहनत और आत्मविश्वास से किसी भी मंज़िल को पाया जा सकता है।