
अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप का रूस को अल्टीमेटम: नहीं मानी बात तो लगेगा टैरिफ
पुतिन को ट्रंप का अल्टीमेटम: 10-12 दिन में शांति समझौता करें
डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन युद्ध खत्म करने के लिए पुतिन को दी अंतिम चेतावनी—10-12 दिन में समझौता नहीं हुआ तो सख्त टैरिफ और प्रतिबंध तय।
अमेरिका-रूस तनाव फिर चरम पर: ट्रंप ने दी अंतिम चेतावनी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने की दिशा में अप्रत्याशित रूप से सख्त रुख अपनाया है। स्कॉटलैंड यात्रा के दौरान ट्रंप ने स्पष्ट कर दिया कि रूस को अब केवल 10 से 12 दिन का समय दिया जा रहा है ताकि वह शांति समझौते की दिशा में ठोस कदम उठाए। ट्रंप ने कहा कि अगर इस तय सीमा के भीतर कोई समझौता नहीं होता है, तो अमेरिका रूस पर भारी टैरिफ और प्रतिबंध लगाने से पीछे नहीं हटेगा।
यह चेतावनी ऐसे समय में आई है जब रूस ने यूक्रेन पर रातोंरात करीब 300 ड्रोन, चार क्रूज मिसाइलें और तीन बैलिस्टिक मिसाइलें दागी हैं, जिससे यूक्रेन में जान-माल की भारी क्षति हुई है। ट्रंप का यह बयान वैश्विक मंच पर नए भू-राजनीतिक समीकरणों का संकेत भी देता है।
50 दिन की डेडलाइन हुई कम: अब 10-12 दिन का अल्टीमेटम
डोनाल्ड ट्रंप ने इससे पहले रूस को युद्ध समाप्त करने के लिए 50 दिन की समय सीमा दी थी, जिसे अब घटाकर मात्र 10 से 12 दिन कर दिया गया है। ट्रंप के अनुसार, रूस की तरफ से किसी भी ठोस कदम की अनुपस्थिति को देखते हुए अब प्रतीक्षा का कोई औचित्य नहीं बचा है।
उन्होंने कहा, “मैंने पुतिन को 50 दिन दिए थे, लेकिन अब मुझे लगता है कि मुझे पहले से ही पता है कि आगे क्या होने वाला है। इसलिए मैं यह समय घटा रहा हूं।” ट्रंप का यह बयान अमेरिका की उस नीति से मेल खाता है जिसमें उसे वैश्विक स्थिरता का रक्षक और निर्णायक शक्ति माना जाता है।
कड़े टैरिफ और माध्यमिक प्रतिबंधों की चेतावनी
ट्रंप ने स्पष्ट किया कि अगर 7 से 9 अगस्त के बीच कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया, तो रूस पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाए जाएंगे। इनमें व्यापारिक साझेदारों पर माध्यमिक प्रतिबंध और टैरिफ शामिल हो सकते हैं। अमेरिका इन प्रतिबंधों के जरिए रूस को वैश्विक व्यापारिक व्यवस्था से अलग-थलग कर सकता है।
ट्रंप ने कहा कि इस कार्रवाई की औपचारिक घोषणा सोमवार देर शाम या मंगलवार को की जाएगी। इससे पहले भी अमेरिका रूस पर कई चरणों में प्रतिबंध लगा चुका है, लेकिन यह पहली बार है जब ट्रंप ने इतना संक्षिप्त और निर्णायक अल्टीमेटम जारी किया है।
स्कॉटलैंड में ट्रंप की कूटनीतिक गतिविधियां
स्कॉटलैंड यात्रा के दौरान ट्रंप ने यूरोपीय नेताओं से मुलाकात की और ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के साथ बैठक की। उन्होंने मीडिया से बातचीत में बताया कि उन्हें अब पुतिन की मंशा पर संदेह है क्योंकि युद्ध समाप्त करने की बातों के बीच रूस कीव और अन्य शहरों पर रॉकेट हमले जारी रखे हुए है।
ट्रंप ने कहा, “अगर कोई शांति चाहता है, तो वह नागरिक इलाकों में हमले क्यों करेगा? बहुत से लोग मारे जा रहे हैं। युद्ध ऐसे खत्म नहीं होता।”
ट्रंप ने फिर किया वैश्विक शांति में अपने योगदान का दावा
ट्रंप ने खुद को वैश्विक शांति का रक्षक बताते हुए यह भी कहा कि अगर वे राष्ट्रपति नहीं होते तो दुनिया में छह बड़े युद्ध हो सकते थे। उन्होंने भारत-पाकिस्तान, थाईलैंड-कंबोडिया, रवांडा-कांगो और सर्बिया-कोसोवो के संभावित संघर्षों को अपनी कूटनीति से रोकने का दावा किया।
उन्होंने कहा, “मैंने सिर्फ अमेरिका ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया को कई बड़े युद्धों से बचाया है। लेकिन अब जब मैं देखता हूं कि पुतिन युद्ध खत्म करने की बात करते हुए भी यूक्रेनी नागरिकों पर हमले करवा रहे हैं, तो यह स्वीकार नहीं किया जा सकता।”
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ज़ेलेंस्की से भी असंतोष
ट्रंप ने यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की पर भी अपनी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, “हमें लगा था कि हमने कई बार समझौता तय कर लिया है, लेकिन हर बार कोई नई शर्त या हमला सब कुछ बिगाड़ देता है। यह युद्ध अब सिर्फ सत्ता और प्रतिष्ठा की लड़ाई बन गई है, जिसमें निर्दोष लोग मारे जा रहे हैं।”
उन्होंने ज़ेलेंस्की की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि अमेरिका की मध्यस्थता के बावजूद यूक्रेन ने ठोस राजनीतिक समाधान की दिशा में कोई स्पष्ट पहल नहीं की है।
क्या ट्रंप की नीति से बदलेगा युद्ध का परिदृश्य?
अब सवाल उठता है कि क्या ट्रंप की यह अंतिम चेतावनी रूस को झुकने पर मजबूर कर सकेगी? या यह कदम सिर्फ अमेरिकी घरेलू राजनीति और राष्ट्रपति चुनावों को ध्यान में रखकर उठाया गया है?
विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप की यह रणनीति रूस पर दबाव बनाने के साथ-साथ अपने समर्थकों को यह दिखाने की भी कोशिश है कि वह वैश्विक कूटनीति में निर्णायक भूमिका निभाने में सक्षम हैं। वहीं कुछ विश्लेषकों का यह भी कहना है कि ट्रंप की सीधी धमकी युद्ध को और अधिक उग्र भी कर सकती है।
निष्कर्ष: नया संकट या नया समाधान?
डोनाल्ड ट्रंप का यह बयान न केवल अमेरिका-रूस संबंधों में एक नया मोड़ ला सकता है, बल्कि यूक्रेन युद्ध को लेकर वैश्विक राजनीति में भी भारी उथल-पुथल पैदा कर सकता है। अगर रूस ने अमेरिका की चेतावनी को गंभीरता से नहीं लिया, तो यह आर्थिक, राजनीतिक और सैन्य दृष्टिकोण से एक बड़ा संकट उत्पन्न कर सकता है।
वहीं, अगर यह चेतावनी काम कर गई और रूस किसी ठोस समझौते की ओर बढ़ा, तो यह ट्रंप के लिए एक बड़ी कूटनीतिक जीत होगी। दुनिया फिलहाल इसी ऊहापोह में है—आखिर 10 से 12 दिनों में शांति का सूरज उगेगा या युद्ध की आग और भड़केगी?