
मुजफ्फरनगर,(Shah Times)। शहर कोतवाली पुलिस ने यूपी पुलिस भर्ती में सेंधमारी करने आए सॉल्वर गैंग के चाचा भतीजे को गिरफ्तार किया है। इस गैंग के दो अन्य सदस्यों को शामली पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है, नगर कोतवाली पुलिस का कहना ह की इस गैंग छह सदस्य अभी फरार है। इस गैंग का मुजफ्फरनगर से लेकर झांसी तक नेटवर्क फैला हुआ है।
नगर कोतवाल महावीर सिंह चौहान ने जानकारी देते हुए बताया कि यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा में सॉल्वर गैंग पर एसटीएफ से लेकर स्थानीय पुलिस की पैनी नजर थी। उन्होंने बताया, रविवार को सूचना मिली थी कि साल्वर गैग के दो सदस्य फोर्ड फीगो कार से यूपी भर्ती परीक्षा में शामिल होने के लिए आ रहे हे। सूचना के आधार पर नगर कोतवाल टीम को साथ लेकर साल्वर गैंग की तलाश में निकल गए।
चेकिंग के दौरान पुलिस ने काली नदी के पास कार सवार साल्वर गैंग के दो सदस्य सुनील कुमार पुत्र बलवीर व अंकित पुत्र किरणपाल निवासीगण बामनौली गांव थाना दोघट जिला गाजियाबाद को गिरफ्तार कर लिया। सुनील अंकित का चाचा है।
उत्तर प्रदेश पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा: भर्ती बोर्ड ने सोशल मीडिया पर पेपर लीक की खबरों की जांच के लिए इंटरनल जांच कमेटी बैठाई।
भर्ती बोर्ड की अध्यक्ष रेणुका मिश्रा ने बताया कि अभ्यर्थियों के द्वारा सोशल मीडिया पर जो समस्याएं बताई जा रही हैं उन समस्याओं को देखते हुए बोर्ड ने इंटरनल कमेटी गठित की है, वायरल क्वेश्चन पेपर और आंसर शीट को लेकर जांच की जाएगी।
बोर्ड अध्यक्ष के मुताबिक: हमारे पास भी सभी वायरल चीज़ें हैं, जो सवाल वायरल हुए हैं वो क्वेश्चन पेपर में कितने आए हैं और यो परीक्षा से पहले, बाद में या उसके दौरान वायरल हुए हैं इनकी भी जांच की जा रही है।
भर्ती बोर्ड का कहना है कि हम सभी तथ्यों की जांच कर रहे हैं, 48 लाख बच्चों के भविष्य का सवाल है, किसी के साथ अन्याय नहीं होने देंगे।
तलाशी के दौरान पुलिस ने कार के भीतर से एक डायरी और दो मोबाइल बरामद किए हे । दोनों से पूछताछ के बाद नगर कोतवाल महावीर सिंह चौहान ने बताया, दोनों आरोपित साल्वर गैंग के सदस्य है और यूपी पुलिस भर्ती की परीक्षा में सुनील फर्जी पेपर बेचने के लिए आया था, जबकि अंकित परीक्षा देने के लिए आया था। दोनों से मिली डायरी में 123 बच्चों के नाम है और जीडीएस ( ग्रामीण डाक सेवा) की परीक्षा में आरोपितों ने प्रत्येक बच्चे से 30 हजार रुपये लिए थे। केंद्रीय विद्यालय भर्ती परीक्षा और बीडीओ की परीक्षा में बागपत और शामली जिले के अभ्यर्थियों से सात-सात लाख रुपये में सौदा किया और एडवांस के रूप में तीन-तीन लाख रुपये लिए थे।
उत्तर प्रदेश में प्रतियोगी भर्ती परीक्षाओं में परीक्षार्थीयों को फर्जी प्रश्नपत्र बेचकर अवैध आर्थिक लाभ अर्जित करने वाले 02 अभियुक्तगण की गिरफ्तारी के सम्बन्ध में पुलिस अधीक्षक नगर श्री सत्यनारायण प्रजापत की बाईट-
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यूपी पुलिस भर्ती की परीक्षा में चार-चार लाख रुपये में सौदा किया था और 40 अभ्यर्थी आरोपितों के संपर्क में थे। नगर कोतवाल ने बताया, इस गैंग में दस सदस्य है, जिनमें से दो सदस्य दिलशाद अली निवासी मामौरा थाना कैराना और अनीस पहलवान निवासी शाहपत जिला शामली को वहां की पुलिस रविवार को गिरफ्तार कर चुकी है।
अब इस गैंग के छह सदस्य मोनू पंडित निवासी मथुरा, आशीष और अतुल पालीवाल निवासी मेरठ, मिथुन निवासी छपरोली जिला बागपत, गौरव निवासी मथुरा आदि फरार है, जिनकी तलाश में पुलिस की टीम दबिश दे रही है। नगर कोतवाल ने बताया, सुनील का झिझांना में टारगेट कोचिंग सेंटर है, जिसकी आड़ में वह बच्चों के संपर्क में रहता है। उन्होंने बताया कि इस गैंग का बागपत से लेकर झांसी तक नेटवर्क फैला हुआ है।