
CM Yogi Adityanath and Akhilesh Yadav during a heated debate on the Vision Document in UP Assembly – Shah Times.
यूपी विधानसभा: सीएम योगी बनाम अखिलेश यादव की जुबानी जंग
PDA पर मुख्यमंत्री योगी का हमला, जवाब में अखिलेश यादव
सीएम योगी का PDA वाला वार, अखिलेश बोले- भाजपा के पास कोई विजन नहीं
यूपी विधानसभा के मानसून सत्र में विजन डॉक्यूमेंट पर गरमा-गरम बहस। सीएम योगी का सपा पर वार, अखिलेश का पलटवार। पढ़ें पूरी रिपोर्ट।
विधानसभा का अंतिम दिन: विजन डॉक्यूमेंट पर दिनभर और रातभर चली बहस
लखनऊ,(Shah Times) । उत्तर प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र आज अपने अंतिम चरण में पहुंच गया। सदन में सरकार के ‘विजन डॉक्यूमेंट’ पर चर्चा का दौर जारी है, और इस बहस में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच शब्दों की तेज़ जंग देखने को मिली। बुधवार सुबह 11 बजे शुरू हुई कार्यवाही गुरुवार सुबह 11 बजे तक लगातार चली, जिसमें 187 विधायकों ने अपनी बात रखी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चर्चा का जवाब देते हुए विपक्ष, खासकर समाजवादी पार्टी (सपा) और उसके प्रमुख अखिलेश यादव पर तीखे हमले किए। वहीं, अखिलेश यादव ने भी पलटवार करते हुए भाजपा सरकार को ‘विजनलेस’ बताते हुए असफल करार दिया।
सीएम योगी का विपक्ष पर वार
सीएम योगी ने अपने भाषण में सपा को निशाने पर लेते हुए कहा कि कुछ नेता “कुएं के मेंढक” की तरह हैं, जिन्हें सिर्फ अपना परिवार ही नजर आता है। उन्होंने PDA का जिक्र करते हुए तंज कसा—
“ये लोग PDA की बात करते हैं, लेकिन इसका मतलब है ‘परिवार डेवलपमेंट अथॉरिटी‘। दुनिया आगे बढ़ रही है, मगर ये अपने परिवार तक सीमित हैं।”
योगी ने सपा के शासनकाल को अराजकता और भाई-भतीजावाद का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि डबल इंजन सरकार के आने के बाद प्रदेश में कानून-व्यवस्था, इंफ्रास्ट्रक्चर और अर्थव्यवस्था में अभूतपूर्व सुधार हुआ है।
“2014 के बाद पीएम मोदी के विजन के साथ हम आगे बढ़े और 2025 में भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है।”
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पिछले शासन की तुलना में उपलब्धियां गिनाईं
सीएम योगी ने कहा कि उनकी सरकार में अपराध और अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई गई है। कोरोना महामारी के कठिन समय में भी प्रदेश की विकास दर राष्ट्रीय औसत से बेहतर रही। उन्होंने दावा किया कि यूपी अब ‘बीमारू राज्य’ की छवि से बाहर निकलकर ‘सरप्लस स्टेट’ बन चुका है।
उन्होंने पूर्व की सरकार पर हमला करते हुए कहा कि तब किसानों की उपेक्षा, पलायन, और बच्चों की मौत जैसे हालात आम थे।
“भाई-भतीजावाद कल्चर हावी था, जबकि आज मूलभूत सुविधाएं गांव-गांव तक पहुंच रही हैं।”
मंत्री भी हमलावर
मत्स्य पालन मंत्री डॉ. संजय निषाद ने सपा, बसपा और कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा—
“कांग्रेस और बसपा पहले ही खत्म हो चुकी हैं, अब बची-खुची सपा भी साफ हो जाएगी।”
उन्होंने अपने विभाग का विजन 2047 पेश किया, जिसमें मछली पालकों को डिजिटल और AI तकनीक से लैस करने का लक्ष्य है।
“मुगल और अंग्रेज़ 1000 साल लूटे, फिर भी हम उनसे 20-30 गुना अमीर थे, लेकिन कांग्रेस के 70 सालों में हम पिछड़ गए।”
धर्मवीर प्रजापति ने कहा कि भाजपा सरकार ने 49 जिलों में होमगार्ड सुरक्षा सेल का गठन किया, महिला होमगार्ड को इंसास राइफल और सामाजिक सुरक्षा देने की पहल की। उन्होंने दावा किया कि अब 75 जिलों में बिजली पहुंच रही है और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से दिल्ली का सफर 10 से 6 घंटे हो गया है।
अखिलेश यादव का पलटवार
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भाजपा के ‘विजन डॉक्यूमेंट’ को ‘रीजन डॉक्यूमेंट’ बताते हुए कहा—
“भाजपा सरकार के पास कोई विजन नहीं है। नौ साल में न एक भी बिजलीघर लगाया, न जिला स्तर पर अस्पताल बनाए, न सड़कों के गड्ढे भरे।”
अखिलेश ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य, कानून-व्यवस्था, बाढ़ नियंत्रण—हर मोर्चे पर असफलता पाई है। उन्होंने कहा कि भाजपा का एकमात्र विजन जनता को गुमराह करना और धोखा देना है।
“टूटती सड़कें, ढहती टंकियां, धंसते पुल और बंद होते स्कूल—यही भाजपा के विजन का असली चेहरा है।”
सत्र में रातभर चला वाद-विवाद
पूरे सत्र के दौरान कई बार सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक हुई। मंत्रियों ने जहां अपनी-अपनी योजनाओं और उपलब्धियों का ब्यौरा पेश किया, वहीं विपक्षी नेताओं ने इन पर सवाल उठाए और आंकड़ों पर बहस की।
राजनीतिक संदेश और चुनावी संकेत
विधानसभा में हुई यह गरमा-गरम बहस न केवल वर्तमान नीतियों पर केंद्रित थी, बल्कि आगामी चुनावों के लिए राजनीतिक माहौल तैयार करने की दिशा में भी इशारा करती है।
भाजपा अपनी उपलब्धियों और विकास कार्यों को जनता तक पहुंचाना चाहती है।
सपा सरकार की नाकामियों और वादाखिलाफी को मुद्दा बनाकर जनता को साधने की कोशिश कर रही है।
यूपी विधानसभा का यह सत्र एक बार फिर साबित करता है कि राज्य की राजनीति में सत्ता और विपक्ष के बीच तल्खियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। विजन डॉक्यूमेंट पर हुई बहस केवल नीतियों का विश्लेषण नहीं थी, बल्कि 2027 के विधानसभा चुनावों की शुरुआती झलक भी पेश कर गई।